संविदा कर्मियों की मांग को शासन ने अभी तक नही माना
चार दिनों की हड़ताल में जिले के अंतर्गत आने वाले ब्लाक स्तर के समुदायित स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार की व्यवस्था बिगड़ी
बिलासपुर । नियमिति करण की मांग को शासन द्वारा दरकिनार किये जाने के बाद हड़ताल में बैठे संविदा कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी में है । शासन के वादाखिलाफी से कर्मचारियों में जमकर रोष नज़र आ रहा है ।
गौरतलब है कि 19 सितंबर से एनएचएम स्वास्थ्य विभाग के समस्त संविदा कर्मचारी नियमिति करण की जायज मांग को पूरा करने हड़ताल में है । राज्य शासन इन कर्मचारियों की समस्या सुनने के बजाये दरकिनार करने में लगी है। इस नजरअंदाजी की वजह से कर्मचारियों में जमकर रोष है ।
चर्चा करते हुए संघ के पदादिकारियों ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में एनएचएम स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों को नियमित करना शामिल है । परन्तु सत्ता में काबिज़ होते ही अपने वादों को भुला बैठी है । एनएचएम संघ के तत्वावधान में वर्ष 2018 में नियमिति करण तथा दीगर सुविधाओं के लिए आंदोलन किया गया था तब आंदोलनकारी संविदा कर्मियों के मंच पर पहुंच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आवश्वान दिलाया था कि अभी सरकार नई है। पहली प्राथमिकता किसानों को दी जा रही है । मगर कोई परिणाम नज़र नही आने पर वर्ष 2019 में फिर प्रदेश के समस्त कर्मचारी नियमिति संघ के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर रैली निकाली इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने करने का दुबारा आश्वासन दिया 2020 में नियमिति करण , स्वास्थ्य बीमा योजना , सहित विभिन्न सुविधाओं का लाभ देने का आश्वासन दिया । किन्तु मुख्यमंत्री , स्वास्थ्य मंत्री दोनों ही अपने वादे से मुकर गये ।
हड़ताल में बैठे संविदा कर्मियों का कहना है राज्य शासन हम से सौतेला व्यहवार कर रही है जब अन्य विभागों में नियुक्त कर्मियों की मांगें पूरी कर दी गई है। जबकि वर्तमान दौर कोरोना जैसे महामारी से निपटने स्वास्थ्य विभाग के संविदा नियुक्त अधिकारी , कर्मचारी फ्रंट लाइन में ख़ड़े होकर अपना दायित्व निभा रहे है ।
मार्च अप्रैल में राज्य शासन को वादा याद दिलाने आंदोलन करने की रणनीतिक बनाई गई थी मगर कोरोना के चलते स्थगित कर दिया गया । लगातार नज़र मांगो को नज़र अंदाज़ किये जाने के कारण मजबूरन हड़ताल करना पड़ा , ताकि शासन कर्मचारियों की समस्या सुने और उसे पूरा करे । कितुं शासन की मंशा कुछ और नज़र आ रही है । चंद दिनों बैठे संविदा कर्मियों को नोकरी से निकालने में तुली है । कुछ जिले में कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई से नाराज प्रदेश भर के एनएचएम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने जा रहे हैं ।
ऐसा होता है तो राज्य शासन को गम्भीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है । शहरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिनों से फैली चिकित्सा अव्यवस्था अस्त व्यस्त हमेशा के लिए हो जाएगा ।