जांजगीर चांपा जिला अंतर्गत लगरा सोसाइटी के अमानत राशि घोटाले मामले को पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है ।
सेवा सहकारी समिति लगरा के प्रबंधक के द्वारा 6 गांवो के किसानों से अमानत राशि लेप्स होने के नाम से की गई ठगी के मामलें को पुलिस कप्तान पारुल माथुर ने संज्ञान में लिया है व इस हेतु एसडीओपी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया हैं।मामलें में मिली जानकारी के अनुसार किसानों को खेती करने के लिए आवश्यक ऋण और खाद उधार के रूप में सेवा सहकारी समिति के माध्यम से दिया जाता हैं,इस हेतु किसानों को समिति का सदस्य बनना पड़ता हैं ,सदस्य बनने के लिए किसानों को अमानत राशि के रूप में एक निश्चित रकम संस्था में जमा करनी होती हैं एक बार रकम देने के बाद किसानों को आजीवन सदस्यता मिल जाती हैं व आजीवन लोन समिति के माध्यम से ले सकते हैं व जब किसान सदस्यता छोड़ते हैं तब उन्हें अमानत राशि वापस मिल जाती हैं।
प्रदेश में किसानों के कर्ज माफी योजना के बाद संस्था प्रबंधक गौरी शंकर पटेल ने 6 गांवो के गरीब अशिक्षित किसानों को कर्जमाफी के साथ ही साथ उनके द्वारा पूर्व में सदस्यता के समय जमा की गई अमानत राशि लेप्स होने का झांसा दिया और दुबारा रकम वसूल कर ली।नियमों और कानूनों की जानकारी के अभाव में किसानों ने हजारों रुपये दुबारा रकम संस्था प्रबंधक को दे दी।बाद में बैंक व सहकारिता के अफसरों से पता चला कि सरकार से कोई भी एसा आदेश जारी नही हुआ है तब जा कर किसानों को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ।
ठगे गए किसानों ने बड़ी सँख्या में इसकी शिकायत मुलमुला थाने में कि थी पर काफी समय बीत जाने के बाद भी इस पर कार्यवाहि नही हो पाई इस से हतोत्साहित किसानों ने एसपी पारुल माथुर से मिल कर इसकी शिकायत की,शिकायत को सुन ने के बाद किसानों को कार्यवाही का आश्वासन देते हुए प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए एसपी श्रीमती माथुर ने तुरन्त ही एसडीओपी जितेंद्र चंद्राकर को जांच का जिम्मा सौप दिया,एसडीओपी चंद्राकर ने एसपी से मिले निर्देशो के तुरन्त बाद ही जांच शुरू कर किसानों के बयान दर्ज करना शुरु कर दिया है,व प्रकरण की जांच के लिए सभी सम्बंधित दस्तावेज बैंक से मंगवाया हैं।