बिलासपुर । सांसद अरुण साव ने सोमवार को जिले में संचालित विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों की बैठक लेकर केन्द्र सरकार की पीएम स्वनिधि, मुद्रा, पीएमईजीपी, एनआरएलएम व एनयूएलएम योजना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बैंकों में संचालित केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं का ज़रूरतमंदों को बिना किसी परेशानी के त्वरित लाभ मिले। बैंक अधिकारी हितग्राहियों को पूरी सहानुभूति व सहृदयता से मदद करें।
नेहरू चौक स्थित सांसद निवास कार्यालय में आयोजित इस बैठक में बैंक के अधिकारियों ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत बिलासपुर नगरीय क्षेत्र से कुल 5067 आवेदन मिले थे, जिसमें से 3733 स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी बैंक गारंटी व ब्याज के 12 माह के लिए 10-10 हजार रुपए का ॠण स्वीकृत किया गया है। इसमें से 3328 हितग्राहियों ने राशि प्राप्त कर ली है और 405 हितग्राहियों को राशि जारी की जानी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में किए लाॅकडाऊन के कारण समाज के कमजोर तबके के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया था। इसलिए इस वर्ग को स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद दिलाने केन्द्र की मोदी सरकार ने यह योजना शुरू की है। निर्धारित अवधि में यदि हितग्राही पूरा ॠण चुका देता है, तो उन्हें बैंकों से और अधिक राशि का ऋण स्वीकृत किया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार की मुद्रा योजना के तहत जिले में अब तक कुल 33 हजार 962 हितग्राहियों को कुल 190 करोड़ रुपए का ॠण स्वीकृत किया जा चुका है। वहीं 178 करोड़ 81 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं। बैंक अधिकारियों ने कहा कि यदि हितग्राहियों की प्रवृत्ति समय पर कर्ज चुकाने की बन जाए, तो बैंकों से उन्हें और अधिक लाभ मिल सकता है। बैठक में सांसद श्री साव ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने ज़रूरतमंदों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद दिलाने कई योजनाएं शुरू की हैं।
सभी बैंकों का लक्ष्य अधिकाधिक हितग्राहियों को इन योजनाओं का त्वरित लाभ दिलाना होना चाहिए। इस कार्य में सभी बैंक अफसर हितग्राहियों का पूरी सहानुभूति के साथ सहृदयता से मदद करें। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों की जानकारी ली और उचित समाधान कराने का आश्वासन दिया। बैठक में एसबीआई के रीजनल मैनेजर संदीप प्रकाश, लीड बैंक आफिसर अजय दुबे, राज्य ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर उदय कुमार, सीनियर मैनेजर एम.के. उस्ताद, चीफ मैनेजर मनजीत सिंह, पंजाब बैंक के आर.आर. पाठक, यूको बैंक के सीनियर मैनेजर डी. निरंजन बाबू, चीफ मैनेजर हेमंत शर्मा, दीपक रतानी, अशोक राज, इंडियन बैंक के अभिलाष प्रसाद, यूबीआई के रीजनल ऑफिसर अजय कुमार नायक, दिनेश जानी, के.एम. परवेज, महाराष्ट्रा बैंक के सीनियर मैनेजर कन्हैया कुमार सहित करीब 16 राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।