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November 21, 2024 3:47 pm

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दानी कुंडी में विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केंद्र का मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण ,शेड का उद्घाटन

*स्थानीय वनोपज उत्पादों पर आधारित 11 प्रसंस्करण इकाईयां है संचालित*
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही, 6 जनवरी, 2020 । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के वनांचल ग्राम दानीकुंडी में वन विभाग द्वारा संचालित विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केन्द्र का निरीक्षण किया और यहां निर्मित शेड का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने यहां प्रशिक्षण एवं रोजगार प्राप्त कर रही महिलाओं से प्रशिक्षण, उनके उत्पाद तथा विपणन क सम्बन्ध में चर्चा की। परिसर के भ्रमण के दौरान उन्होंने यहां संचालित गतिविधियों की सराहना की।
वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री श्री बघेल की संकल्पना के अनुरूप स्थानीय संसाधन, स्थानीय तकनीक और स्थानीय लोगों को आधार मानकर ग्रामीण रोजगार का सृजन कर आदिवासी बाहुल्य दूरस्थ गांवों में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया जा रहा है।
दानीकुंडी स्थित केन्द्र में क्षेत्र की महिलाओं की रुचि को देखकर विविध प्रशिक्षण द्वारा उनका कौशल उन्नयन कर आजीविका के साधन सृजित किये जा रहे हैं। इस वनांचल से प्राप्त उत्पादों के प्रसंस्करण के लिये यह केन्द्र संचालित किया जा रहा है। यहां लाख से चूड़ी एवं गहनों की निर्माण इकाई स्थापित है जहां वन विभाग के ईएसआईपी परियोजना अंतर्गत आसपास के ग्रामों की 80 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें चूड़ी निर्माण हेतु सामग्री एवं उपकरण प्रदान किये गये हैं। महिलायें अपने दैनिक पारिवारिक दायित्व के निर्वहन के बाद चूड़ियां बनाती हैं, जिससे उन्हें महीने में पांच हजार रुपये तक की आय हो जाती है। शीघ्र ही इन्हें एक छोटी दुपहिया मोटर गाड़ी भी दी जायेगी जिससे वे हाट बाजारों में अपना सामान बेच सकेंगीं।

यहां सुगंधित अगरबत्ती और काड़ी निर्माण इकाई की स्थापना 7 लाख रुपये की लागत से की गई है। वन मंडल की रोपणी से काड़ी के लिये बांस उपलब्ध कराया जायेगा। यहां निर्मित अगरबत्ती शुद्ध जैविक उत्पाद होगा। इस इकाई से स्थानीय 10 महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा स्थानीय एवं खुदरा बिक्री द्वारा 200 ग्रामों में संचालित किराना दुकान वालों को भी फायदा होगा। यहां प्रतिवर्ष 1 करोड़ अगरबत्ती काड़ी विक्रय की योजना है, जिससे तीन लाख रुपये की आय संभावित है। इस इकाई के विस्तार हेतु वन विकास निगम के सीएसआर मद से 25 लाख रुपये प्रदान किये गये हैं, जिससे शेड सह गोदाम बनाया जायेगा, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया।

राज्य में सबसे अधिक सीताफल मरवाही में उत्पादित होता है जिसे सस्ते भाव में बिचौलिये क्रय कर लेते हैं। वन प्रबंधन समिति इसे 10 रुपये प्रति किलो की न्यूनतम दर से खरीदेगी और सीताफल प्रसंस्करण केन्द्र में इसका पल्प निर्माण की योजना है। सीताफल के बीज को भी बेचा जायेगा। इससे प्रति किलो शुद्ध लाभ करीब 30 रुपये होगा। इस योजना से 3000 से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इसी तरह सीताफल, महुआ फूल, जामुन, तेंदू आदि फलों के पल्प के मिश्रण से आइसक्रीम निर्माण शुरू किया जा चुका है।
संवर्धन केन्द्र में ढेकी चावल प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित किया गया है। मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण तथा उत्पादन इकाई, दोना पत्तल निर्माण इकाई, टमाटर प्रसंस्करण केन्द्र, बांस प्रसंस्कण द्वारा फर्नीचर निर्माण, वस्त्र निर्माण सह प्रशिक्षण इकाई, डिटरजेंट निर्माण इकाई, दुर्लभ वनौषधि संरक्षण एवं प्रसार रोपणी, फेसिंग पोल एवं गमला निर्माण इकाई का भी संचालन हो रहा है।

: *पेन्ड्रा में पं. सप्रे के नाम से बनेगा प्रेस क्लब भवन, प्रतिमा भी स्थापित होगी*

*मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा*
*विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से मिले, भवनों के लिये राशि स्वीकृत की, जमीन आबंटन का आदेश*
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही, 6 जनवरी 2020 । मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के पुरोधा रहे पं. माधवराव सप्रे की पेन्ड्रा में प्रतिमा स्थापित की जायेगी और यहां उनके नाम पर सर्वसुविधा युक्त प्रेसक्लब भवन का निर्माण होगा।

जिले के प्रवास पर आये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने प्रेस क्लब भवन के लिये 50 लाख रुपये की राशि भी मंजूर की। यह प्रेस क्लब भवन लाइब्रेरी व अन्य आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। ज्ञात हो कि पेन्ड्रा पं. सप्रे की कर्मभूमि रहा है और यहीं से अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले अखबार ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का प्रकाशन शुरू हुआ था।
ग्राम पंचायत दानीकुंडी में वन विभाग द्वारा निर्मित परिसर में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी मांगों तथा समस्याओं को सुना। विभिन्न समाजों को उन्होंने सामाजिक भवनों के लिये राशि भी मंजूर की।
मुख्यमंत्री से गोंड समाज के प्रतिनिधियों ने छात्रावास की मांग की। मुख्यमंत्री ने 50-50 बालक एवं बालिका छात्रावास की तत्काल स्वीकृति दी। कलार समाज के लिये भी मरवाही में सामाजिक भवन के लिये तीन लाख, उरांव समाज के लिये सोनमुड़ा में सामाजिक भवन के लिये 20 लाख, अग्रवाल समाज के लिये 10 लाख तथा इसाई समाज के भवन के लिये 20 लाख रुपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री बघेल ने दी। गोंड समाज, सतनामी समाज, राठौर समाज, केशरवानी समाज, पनिका समाज व अन्य समाज के प्रमुखों ने भी अपने सामाजिक भवन के लिये जगह तथा अनुदान की मांग की। मुख्यमंत्री ने जमीन के लिये 10 प्रतिशत की राशि जमा कर कलेक्टर के समक्ष आवेदन करने कहा तथा उसके आबंटन के पश्चात् राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।
मेहरा समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या आ रही है। हाईकोर्ट में इस सम्बन्ध में प्रकरण लम्बित है किन्तु शासन की ओर से हमारा पक्ष नहीं रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस सम्बन्ध में वे आवश्यक निर्देश महाधिवक्ता को देंगे।
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने अमरकंटक के पास जलेश्वर में मध्यप्रदेश द्वारा अपना अधिकार बताया जा रहा है जबकि यह छत्तीसगढ़ का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने इस विवाद को समाप्त करने के लिये पहल करने का आश्वासन दिया। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के कबीर चबूतरा, राजमेरगढ़ आदि स्थानों को न केवल सुरक्षित रखा जायेगा बल्कि उनका विकास भी किया जायेगा।
नायक समाज के प्रतिनिधियों ने अंग्रेजों के जमाने से बने एक बांध का जीर्णोद्धार करने की मांग रखी जिसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सिंचाई विभाग के माध्यम से प्रस्ताव भेजने के लिये कहा। गौ पालन करने वाले गूजर समाज के प्रतिनिधियों ने अच्छे नस्ल के गायों की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।
*बिलासा बाई केंवटीन नहीं केंवट*
केंवट समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चकरभाठा एयरपोर्ट का नाम बिलासा बाई केंवटीन के नाम पर रखने के लिये आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें बधाई दी और कहा कि बिलासा बाई केंवटीन नहीं कहा जाये, केंवट कहा जाये। उनका नाम बिलासा बाई केंवट था।

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