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November 21, 2024 11:23 am

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महिला आयोग की अध्यक्ष ने उज्जवला होम मामले मै पीड़ितो का पक्ष सुना ,कहा -मामले में कुछ तो सच्चाई है मगर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं ,पीड़ितो व शिकायत करने वाले सभी का बयान आना जरूरी

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर किरणमयी नायक ने आज यहां कहां कि बिलासपुर के उज्जवला होम मामले में आयोग ने स्वयं संज्ञान में लेकर प्रकरण दर्ज किया है और आज पीड़ितों को बयान के लिए बुलाया गया था इस मामले में पुलिस में काउंटर शिकायत भी दर्ज की गई है जिसका थाने से रिपोर्ट मंगाई गई है । शिकायतकर्ता महिला और उसके पति आज बयान के लिए नहीं पहुंचे। इस पूरे मामले की पूरी स्टोरी समझने पड़ेगी तभी सब कुछ स्पष्ट हो पाएगा फिर भी इतना कहना चाहूंगी कि यह मामला पूरी तरह मनगढ़ंत नहीं है और कुछ न कुछ सच्चाई है और इसमें जांच के बाद एक्शन लेने की जरूरत है।

श्रीमती नायक ने कहा कि उज्जवला होम मामले में 4 लड़कियों की शिकायत है और सभी के पक्ष को सुनना जरूरी है पुलिस रिकॉर्ड में स्पष्ट कुछ नहीं हो रहा है ।मूल मुद्दा यह है कि शिकायतकर्ता और पीड़ित महिला की शिकायतों पर कारवाई हो रही है या नहीं शिकायतकर्ता एक लड़की असमिया है जो ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पा रही है मगर आज उसने आयोग के समक्ष टूटी फूटी भाषा में अपनी बात रखी वही मुख्य शिकायतकर्ता नीता और उसके पति कुलदीप आज बयान देने के लिए नहीं आए। उनके आने के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकता है।

डॉ नायक ने कहा कि यहां के पुलिस महानिरीक्षक से भी वे बात करेगी क्योंकि उन्हें भी मामले को लेकर शिकायत पत्र दिया गया है मगर पुलिस ने उसे जांच में नहीं लिया है यह गंभीर मामला है। आज महिला सीएसपी का बयान दर्ज किया गया है ।सरकंडा थाने के टीआई नहीं पहुंच सका है उनसे भी मामले के संबंध में पूछताछ की जाएगी।

श्रीमती नायक ने बताया कि आज बिलासपुर में 22 मामलों की सुनवाई करनी थी मगर 3,4 पक्ष कार ही आ पाए शायद छेरछेरा पर्व के चलते अन्य पक्षकार नहीं आ पाए हों बिलासपुर में लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है ।आज की सुनवाई से वे संतुष्ट नहीं है पूरे प्रदेश में अब तक 22 जिलों में जन सुनवाई की जा चुकी है बेमेतरा नारायणपुर सुकमा में मामले नहीं होने के कारण उन जिलों में जनसुनवाई नहीं की जा सकी। महिला आयोग के अध्यक्ष पद का पदभार संभाला तो 582 मामले पेंडिंग थे । जिलों में जनसुनवाई करने से महिलाओं के आवेदन पत्र की संख्या बढ़ गई है। ज्यादातर भरण , मारपीट, दहेज आदि की शिकायतें आयोग के समक्ष आती है आयोग ने सर्वाधिक ₹100000 का भरण पोषण दिए जाने का आदेश भी दिया है जबकि सामान्यता न्यायालयों में 3 00,4000 रुपए का भरण पोषण पाने के लिए भी सालों लग जाते हैं। बिलासपुर में दो जोड़ों में सुलह कराया गया है ।जिन पर नजर रखी जा रही है ।उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण के मामलों में भी मकान मालिक यदि कोई महिला होती है तो उसे बेटी बता कर मुआवजा या नौकरी नहीं दी जाती मगर बस्तर में 75 ऐसे मामलों पर जांच के लिए आयोग ने छह प्रमुख लोगों की टीम बनाकर सर्वे करने का आदेश दिया है 1 माह में रिपोर्ट आ जाएगी और जमीन मालिक महिलाओं को मुआवजा साथ ही नौकरी दी जाएगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रवक्ता अभय नारायण राय ,शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद नायक महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा पाण्डेय भी मौजूद रहे ।

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