बिलासपुर । एन टी पी सी सीपत ने विश्वव्यापी महामारी कोरोना के दौर में भी हिम्मत नहीं हारा और हर अधिकारी /कर्मचारी पूरे विश्वास एवं हौसले के साथ देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए ऊर्जा उत्पादन के प्रति समर्पित रहे ।हमने अपने प्रभावित ग्रामों में कोरोना काल के दौरान सेनेटाइजर ,मास्क वितरण के साथ ही जरूरतमंदों को खाद्यान्न भी वितरण किया ।जल संरक्षण,पर्यावरण सुरक्षा और दुर्घटना मुक्त संयंत्र के लिए एन टी पी सी सीपत को कई पुरस्कार और अवार्ड से नवाजा गया है ।
उपरोक्त जानकारी देते हुए संयुक्त प्रेस वार्ता में एन टी पी सी सीपत के सी ई ओ पद्म कुमार राजशेखरन ,घनश्याम प्रजा पति (जी एम् ओ एंड एम), कुडलू सुजय नाईक (जी एम् ओ पी एन ), जे एस एस मूर्ति(जी एम् मेंटेनेंस )और आर एस कौल(जी एम् एच आर )ने बताया कि छत्तीसगढ़ का सरहद विद्युत परियोजना एनटीपीसी सीपत 2980 मेगा वाट स्थापित क्षमता के साथ मध्य एवं पश्चिम भारत के राज्यों को आलोकित कर रहा है प्रथम चरण में 660 मेगा वाट की तीन सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इकाइयां कुल 1980 मेगा मार्ट प्रचालन में तथा दूसरे चरण में 500 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां यानी कुल 2980 मेगा वाट प्रचालन में है एनटीपीसी की सर्वप्रथम 660 मेगावाट क्षमता की इकाइयां एवं सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित बॉयलर देश के सर्वप्रथम 765 केबीसी चार्ट है।
उन्होंने बताया कि कोयले की आपूर्ति के लिए एसईसीएल बिलासपुर से समझौता है प्रतिवर्ष 149.56मिलियन टन कोयले की आपूर्ति दीपिका एक्सटेंशन माइंस और एसईसीएल कोरबा से होती है। परिवहन एनटीपीसी की स्वयं की मेरी गो राउंड रेल प्रणाली द्वारा होता है। इसी तरह जलापूर्ति के लिए वर्ष 20 18 -19 से प्रतिवर्ष 93 मिलियन क्यूबिक मीटर जलापूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग से हुआ है और जलापूर्ति हसदेव दायी तट नहर ग्राम हरदी विशाल से 26 किलोमीटर लंबी भूमिगत पाइप लाइन द्वारा किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए 275 मीटर ऊंची चिमनी और उच्चतम प्रभावी एसपी लगाया गया है संयंत्र के चारों ओर हरित पट्टी का विकास एवं आसपास के गांव में संपर्क मार्गो एवं उपलब्ध स्थानों पर सघन वृक्षारोपण किया गया है ।अभी तक 1000000 पौधारोपण किया जा चुका है ।इस साल 50,000 वृक्षारोपण का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी परियोजना के निर्माण में केवल राख से बनी ईटों का उपयोग किया जा रहा है।
एनटीपीसी सीपत द्वारा उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया गया कि प्रथम चरण 660 मेगा वाट की तीनों इकाइयों से क्रमश 1 अक्टूबर 2011 ,25 मई 2012 एवं 1 अगस्त 2012 से व्यवसायिक उत्पादन जारी है वही द्वितीय चरण की दोनों 500 मेगा वाट की इकाइयां क्रमश 20 जून 2008 एवं 1 जनवरी 2009 से व्यवसायिक उत्पादन हो रहा है।
टीम एनटीपीसी ने राष्ट्र सेवा में अपनी स्थापना काल वर्ष 1975 से उत्कृष्ट योगदान दिया है 63,225 मेगावाट के साथ एनटीपीसी भारत के विकास को गति प्रदान करते हुए विश्व की सबसे बड़ी एवं श्रेष्ठ विद्युत कंपनियों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है एनटीपीसी सीपत सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित एनटीपीसी की एक पर्यावरण हितैषी परियोजना है।
विद्युत उत्पादन की स्थिति की चर्चा करते हुए बताया गया कि वित्त वर्ष2020 -21 में 27 जनवरी 2021 तक सीपत के विद्युत गृह द्वारा 91. 16% प्रतिशत पी एल एफ पर 19689 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया ।अप्रैल दिसंबर 2020 तक 90. 36 प्रतिशत वार्षिक पी एल एफ के साथ सीपत एनटीपीसी स्टेशनों से दूसरे स्थान पर और पूरे भारत में तीसरे स्थान पर रहा। वार्षिक देसी 85% से अधिक रहा। वित्त वर्ष 20 21 में 29 नवंबर 2020 को दीपिका माइंस से अभी तक सर्वाधिक 17 एमजीआर एक की प्राप्ति हुई है यूनिट #२ और यूनिट# 5 का ओवरहालिंग कोविड-19 में भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया ।
.दिसंबर 20 20 महीने में एस यूटिलाइजेशन 102. 14% रहा इस वित्तीय वर्ष में दिसंबर 2020 तक एस यूटिलाइजेशन 45. 89 प्रतिशत रहा।
सुरक्षा की चर्चा करते हुए बताया गया कि एनटीपीसी सीपत के जागरूक और सतर्क कर्मचारियों के समर्पित प्रयासों से 5 वर्षों से अधिक 10 अक्टूबर 2015 से अभी तक सीपत स्टेशन दुर्घटना से मुक्त रहा है एवं विगत 1 वर्ष से यह रिपोर्ट करने योग्य दुर्घटना से भी मुक्त है। ऊर्जा उत्पादन की प्रगति के साथ एनटीपीसी सीपत में अपने सामाजिक दायित्व को बखूबी निभाया है ।सामाजिक दायित्व के तहत महामारी की रोकथाम के लिए एवं ग्राम वासियों को राहत प्रदान करने के लिए मास्क सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर एवं सैनिटाइजर डिस्पेंसर का वितरण मशीन के माध्यम से ग्रामों में सैनिटाइजेशन स्प्रे प्रवासी श्रमिकों के लिए राशन की व्यवस्था महामारी की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत को आर्थिक सहयोग के साथ ही शिक्षा को बढ़ावा देने आईटीआई महुदा बलौदा में डीजल मैकेनिक टूल्स हेतु सहयोग सिमुल टेर आधारित वेल्डिंग प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया हाल ही में सहयोगी ग्रामों की शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में विद्यार्थियों हेतु डेस्क ,बैंच प्रदान किया गया। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने ग्राम जांजी, राक एवं गतौरा में आर ओ वाटर संयंत्र स्थापित किया गया ।कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने लुत रा उर्स के दौरान डोम की व्यवस्था की गई।
यह भी बताया गया कि एनटीपीसी सीपत द्वारा दो नए एस ब्रिक्स संयंत्र लगाने जा रहा है जिसके पूरे होने से न सिर्फ एस ब्रिक्स की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि राख उपयोगिता में भी बढ़ोतरी होगी। मेसर्स जिओ साइकिल्स के माध्यम से डोमेस्टिक वेस्ट का इको फ्रेंडली डिस्पोजल किया जा रहा है ।पौधरोपण की मियावाकी विधि को अपनाते हुए परिसर में उपलब्ध छोटे से क्षेत्र में बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाएंगे।