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November 21, 2024 4:10 pm

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साइबर ठगों ने 17 लाख रुपए के वाई सी अपडेट के नाम पर ठग लिए मगर कोरबा पुलिस की सक्रियता से ठगों के हाथ में रुपए पहुंचने के पहले ही ट्रांजेक्शन होल्ड के द्वारा प्रार्थी के खाते में वापस हो गए

बिलासपुर ।साईबर ठगो द्वारा केवाईसी अपडेट के नाम से झांसा दे कर 17 लाख की ठगी कर ली,पर कोरबा पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उनके मंसूबो पर पानी फेरते हुए ठगो के हाथ मे रकम पहुँचने से पहले ही ट्रांजेक्शन होल्ड करवा के प्रार्थी के खाते में रकम वापस करवा दी।इस तरह अपराध घटित होने और ठगी होने से पहले ही कोरबा पुलिस ने साइबर अपराध की रोकथाम कर ली।

कोरबा पुलिस के द्वारा लगातार साइबर जागरूकता अभियान चला कर साइबर ठगी से बचने के लिए जिले के नागरिकों को जागरूक किया जाता हैं इसके बाद भी साइबर ठगो द्वारा नए नए तरीके अपना कर या यूं कहें कि लोगो की असावधानी से फिर भी ठगी को अंजाम दिया जाता हैं, एसा ही मामला हुआ प्रार्थी गोविंद प्रसाद कैथवास के साथ,जिनका खाता स्टेट बैंक में है,उनको फरवरी महीने में उनके द्वारा स्टेट बैंक में संचालित अकाउंट का केवाईसी करवाने के लिए बैंक से फोन व मेसेज आया था,जो कि आधिकारिक रूप से सही था,पर कार्यो में व्यस्तता के कारण वो केवायसी नही करवा सकें थे।इस बात की जानकारी किसी तरह साईबर ठगो तक पहुँच गयी तब उन्होंने प्रार्थी गोविंद कुमार कैथवास को 9064740713 से फोन किया,फोन करने वाले ने अपना नाम रविकुमार बताया,फोन करने वाले ने कहा कि मैं स्टेट बैंक के मुंबई कस्टमर केयर से बोल रहा हु ,आपको फरवरी में केवाईसी के लिए बोला गया था पर आपने अभी तक नही की,हम लोग यही से आपकी केवायसी अपडेट कर देंगे।और यदि आप केवायसी नही करवाएंगे तो आपके खाते को होल्ड कर आपके बैंक बैलेंस को जीरो कर दिया जाएगा।केवाईसी करवाने के लिए हमारे द्वारा एक मैसेज भेजा जाएगा जिसे आपको हमे बताना पड़ेगा।
थोडी देर बाद पुनः उक्त नंबर से प्रार्थी को फोन कर बताया गया कि आपका बैक बैलेस होल्ड कर आपका बैलेस जीरो कर दिया गया है। आप केवायसी मैसेज दे दीजिए और आप जब तक केवायसी नही कराएंगे तब तक आपका बैक खाता होल्ड कर दिया गया है। उसके बाद आप अपना पैसा बगैर केवायसी कराए निकाल नही सकते है।प्रार्थी द्वारा अपने योनो (नेट बैकिंग) के माध्यम से अपने एकाउंट का बैलंेस चेक करने पर एकांउट का बैलेस जीरो हो गया था। तुरंत एटीएम में जाकर बैलेस चेक करने पर 17,83041/-रूपये का आहरण दिखाते हुए शेष रकम 38 पैसा प्रदर्शित हो रहा था। प्रार्थी द्वारा तत्काल चौकी रामपुर आकर अपने एसबीआई एकाउंट नंबर 10223638399 से 17,83041/-रूपये योनो एप्स/इंटरनेट बैकिंग के माध्यम से ठगी हो जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराया।

रामपुर चौकी प्रभारी/सायबर सेल कोरबा उनि मयंक मिश्रा के द्वारा प्रार्थी के साथ 17,83041/-रूपये कि ठगी हो जाने को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक मीणा को हालात से अवगत कराया गया,तब एसपी अभिषेक मीणा ने प्रकरण को संज्ञान में ले कर गम्भीरता को समझते हुए तुरन्त ही तकनीकी कार्यवाहीया कर उक्त ट्रांजेक्शन को होल्ड करवाने के निर्देश दिए।इस हेतु बैंक से भी तुरन्त ही सम्पर्क कर जिस खाते में पैसे गए है उसे फ्रिज करने के निर्देश एसपी ने दिए।
पर रविवार को बैक बंद होने के कारण ठगो के संबंध में जानकारी प्राप्त करने में अत्यधिक समस्या आने लगी तब एसपी ने साइबर टीम को मार्गदर्शन देते हुए मेल के माध्यम से जानकारी लेने हेतु निर्देशित किया ।
सायबर सेल के द्वारा विशेष रूचि लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए, आवेदक के बैक एकांउट नंबर एवं कार्ड नंबर को बैक मे मेल कर जानकारी प्राप्त किया गया। बैक के अधिकारी के द्वारा बताया गया कि प्रार्थी का कुल रकम 17,83041/-रूपये को ठगो के द्वारा योनो एप्स के माध्यम से फिक्स डिपाजिट कर दिया गया है। मेल से जानकारी प्राप्त होने पर सायबर सेल के द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए लगातार बैक से संपर्क कर ट्रान्जेक्शन को होल्ड कराया गया। सायबर सेल की तत्परता से कुल राशि 17,83041/-रूपये वापस प्रार्थी के एकाउंट में वापस कराई गई।चूंकि हैकरो/ठगो के द्वारा कुछ दिनों से योनो एप्स/इंटरनेट बैकिग धारको का एकाउंट हैक करना प्रतीत हो रहा है। एकाउंट धारको का इंटरनेट बैकिंग आईडी एवं पासवार्ड कॅामन/सरल शब्दों में होने/अपने नाम का आईडी पासवर्ड बनाने केे कारण या बैक कर्मी द्वारा शुरूआत में प्रार्थी का आईडी एवं पासवर्ड बनाए गए यूजर आईडी/पासवर्ड काॅमन होने के कारण या स्वयं के द्वारा अपना पासवर्ड में बदलाव नही करने के कारण ठगों के द्वारा आसानी से इंटरनेट बैकिंग/योनो एकाउंट को हैक कर लिया जा रहा है। ठगो के द्वारा योनो एकांउट को हैक करने के पश्चात ट्रान्जेक्शन करने के लिए केवायसी कराने के नाम से ओटीपी की माॅग करते है। ठगो के द्वारा प्रार्थी के योनो एप्स के माध्यम से पूरी राशि को एफडी कर लिया जाता है। चूंकि एफडी करने के लिए मोबाईल में ओटीपी की जरूरत नही पडती है, इसका फायदा उठाकर ठगों के द्वारा प्रार्थी के एकाउंट की पूरी राशि को एफडी कर केवाायसी कराने के नाम से ओटीपी भेजकर ठगी की जा रही
कोरबा पुलिस ने साइबर ठगो से बचने के लिए किसी को भी पासवर्ड शेयर न करने की सलाह दी हैं।

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