कलेक्ट्रेट के सामने “अधिकारी नहीं तो वेतन नहीं ” बिलासपुर : संभागीय -जिला मुख्यालय बिलासपुर मे एक विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को जिला कोषागार के सामने दफ्तर होने के बावजूद दो माह से वेतन नहीं मिल रहा है .
बिलासपुर । शासन के आदेश पर मछली पालन विभाग के दो जिला स्तर के अफसरों का ट्रांसफर “अदला-बदली ” स्टाइल में हुआ .दोनों ही आफिसर अपने-अपने जिले में कई वर्षों से पीपल पेड़ के ” जड़ “की तरह जमें हुए थे . मामला अम्बिकापुर और बिलासपुर जिले के मछली पालन विभाग का है .शासन ने दोनों जिलों के उप संचालक (अम्बिकापुर के उप संचालक सतीश कुमार अहिरवार और बिलासपुर के उप संचालक अशोक कुमार महिस्वर ) का एक दूसरे के जिले में ट्रांसफर आदेश जारी किया .इस आदेश के खिलाफ अम्बिकापुर के उप संचालक ने उच्च न्यायालय से स्टे ले लिया . मामला अटका और इसी बीच विधानसभा चुनाव के लिये आचार संहिता लागू हो गया और दो माह तक यथा स्थिति बनी रही . दोनों जिले के अधिकारी अपनी जगह (जिला) से “हटना ” भी नहीं चाह रहे थे क्योंकि दोनों ही अधिकारी अपने- अपने जिलों में नियम- निती विरुद्ध कार्य कर फंसे हुए हैं
. चुनाव के बाद शासन के आदेश के परिपालन में बिलासपुर के उप संचालक को अम्बिकापुर जिले के लिये रिलीव किया गया और तत्काल चार्ज लेने आदेशित किया गया .उधर अम्बिकापुर के उप संचालक मेडिकल लेकर घर बैठ गए . कुछ समय बाद लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गया .बिलासपुर जिले का मछली पालन विभाग अधिकारी विहीन हो गया . बिलासपुर के उप संचालक ट्रांसफर में जाते-जाते ” बिना वित्तीय अधिकार ” का चार्ज विभाग के कनिष्ठ को दे गये .मछली पालन विभाग 18 जून से अधिकारी विहीन है और अधिकारी- कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है .
आज कुछ विभागीय कर्मचारियों ने इस बाबत कलेक्टर से गुहार लगायी तब कलेक्टर ने अधिनस्थ अधिकारी और मछली पालन विभाग के प्रभारी को आदेशित कर वेतन भुगतान करने कहा .है ।