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November 21, 2024 7:34 pm

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आरक्षक पुष्पराज का पीएम रिपोर्ट आ गया ,मजिस्ट्रियल जांच में कई के बयान दर्ज ,12 साल की नौकरी में 3 बर्खास्तगी,एक निलंबन के साथ ही 21 विभागीय सजाओ में दंडित भी फिर भी मौत का खुलासा होना जरूरी

बिलासपुर ।चर्चित आरक्षक दिवंगत पुष्पराज,धोखाधड़ी समेत हुए दो आपराधिक प्रकरणों व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया में मोर्चा खोलने से चर्चा में आये जांजगीर के आरक्षक पुष्पराज की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के साथ दंडाधिकारी जांच भी शुरू हो चुकी हैं।पीएम रिपोर्ट के अनुसार साँस लेने में अवरोध उत्पन्न होने पर हृदय गति रुकने से मौत होने का कारण बताया गया हैं।मौत की टाइमिंग पीएम होने के 12 से 16 घण्टे पहले का बताया गया हैं।आरक्षक का बिसरा भी जांच के लिए भेज दिया गया हैं।जांच अधिकारी मेनका प्रधान ने घटना से जुड़े लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया हैं।
प्रत्यक्षदर्शी देवेंद्र कुमार धीवर के बयान लेने के अलावा घटना स्थल के आस पास के लोगो का बयान भी दर्ज किया गया हैं।इसके अलावा जिस आरक्षक की स्कूटी उस रात पुष्पराज मांग कर निकला था उसका भी बयान दर्ज किया गया हैं।प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार घटना के बाद आरक्षक पुष्पराज के मोबाइल पर दो बार किसी का फोन आया था ,आरक्षक ने जिस लड़की से लास्ट बार बात किया था उस लड़की का भी बयान जांच अधिकारी ने दर्ज किया हैं।

घटना के हर पहलुओं की जांच के लिए खंगाला जा रहा 3 लोगो काल डिटेल:-

घटना की जांच में किसी भी तथ्य की अनदेखी न हो और किसी भी शंका कुशंका की संभावनाओ को खत्म कर हर पहलुओं के जांच के लिए मृत आरक्षक के साथ ही आरक्षक ने लास्ट बार जिस लड़की से बात की थी और शराब भट्टी का जो गॉर्ड घटना का प्रत्यक्षदर्शी हैं उन तीनों का काल डिटेल मंगवाने हेतु जांच अधिकारी ने पत्राचार किया हैं।

मृतक के घर वालो को नोटिस,सरकारी विभागों से मंगाया गया रिकार्ड:-
दंडाधिकारी जांच में बयान दर्ज करवाने हेतु जांच अधिकारी के द्वारा मृतक के घर वालो को भी नोटिस भेजा हैं।इसके अलावा आबकारी विभाग से भी उस रात शराब भट्टी में तैनात गॉर्ड का ड्यूटी कन्फर्मेशन मगा कर पुष्टि की गई हैं कि उस रात वह ड्यूटी में था भी या नही।इसके अलावा सड़क विभाग,व बिजली विभाग से भी अस्थाई कनेक्शन का रिकार्ड लिया गया हैं।

विभाग के अधिकारियों समेत बड़े नेता रहते थे पुष्पराज के फेसबुक पोस्ट के टारगेट में:-

आरक्षक पुष्पराज लगातार सोशल मीडिया में विभाग के अधिकारियों के अलावा बड़े नेताओं के खिलाफ पोस्ट कर हमेशा चर्चित रहा हैं।उसके द्वारा बेबाकी से अधिकारियों व नेताओ के खिलाफ पोस्ट में लिखा जाता था।

जांजगीर में मौत के बाद चर्चित हुए आरक्षक पुष्पराज का सर्विस रिकार्ड उससे भी अधिक चौकाने वाला हैं 12 साल की सेवा में आरक्षक की तीन बार अलग अलग एसपी के द्वारा बर्खास्तगी के साथ 1 बार सस्पेंशन समेत 21 बार छोटी बडी सजाओ से दण्डित किया जा चुका हैं।खास बात यह हैं कि आरक्षक के विरुद्ध उसके सर्विस काल मे ही धोखाधड़ी समेत दो आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। दूसरी तरफ आरक्षक पुष्पराज के सोशल मीडिया में जितने चर्चें उसकी मौत के बाद हैं, उसके सर्विस रिकार्ड पे नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पुष्पराज लगातार विवादों में घिरने,कार्यवाहियों,और सजाओ के कारण सर्विस में रहने के दौरान भी प्रदेश में कही अधिक चर्चा में रहा हैं।1 अक्टूबर 2009 को आरक्षक के पद पर भर्ती होने वाले पुष्पराज को सबसे पहले जांजगीर के एसपी आरिफ शेख ने रामनिवास चन्द्रा व ओमप्रकाश चन्द्रा नामक ग्रामीणों को पकड़ कर गांजा तस्करी में फंसा देने की धमकी दे कर 60 हजार रुपये की मांग करने व न देने पर मानवाधिकारो का उल्लंघन कर बुरी तरह से मारपीट करने वाले मामले में जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर पुलिस रेगुलेशन के पैरा 64(2)(4)(5)व (11) के विपरीत आचरण पर आरक्षक पुष्पराज को दिनांक 21 मार्च 2014 को आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया था। आईजी से अपील करने के बाद दिनांक 5 जून 2014 को बहा ल हुए आरक्षक को इसके बाद दूसरी बार जांजगीर में पदस्थ हुए एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बिना कोई सूचना दिए लगातार 109 दिन तक अनुपस्थित रहने पर पुलिस रेगुलेशन के पैरा 64 की कंडिका 02,04 के तहत दिनांक 5.5.2015 को आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया था।

आरक्षक पुष्पराज ने दूसरी बार हुई बर्खास्तगी की कार्यवाही को पुनः आईजी के पास चैलेंज किया जिस पर 3 जुलाई 15 में बहाल हुए आरक्षक पुष्पराज ने वर्ष 2018 में हुए पुलिस आंदोलन में लगातार सहभागिता दिखाई व उच्चाधिकारियों से अनुशासनहीनता पूर्वक बहस करने पुलिस कर्मियों व उनके परिजनों को भड़का कर आंदोलन करने के उत्प्रेरित करने से कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो जाने पर एसपी नीतू कमल ने 22 जून 18 को आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया था। खास बात यह रही कि डीजीपी के पास अपील करने पर वर्तमान डीजीपी ने मानवीय आधार पर एक अंतिम अवसर देते हुए 28 महीने बाद 3 अक्टूबर 2020 को बहाली की थी।इसी तरह आरक्षक पुष्पराज एक बार निलंबित भी हो चुका था।

आरक्षक पुष्पराज पर दर्ज हुए थे धोखाधड़ी समेत दो केश दर्ज:-

बर्खास्तगी और निलंबन के अलावा पूर्व में दो आपराधिक रिकार्ड भी आरक्षक पुष्पराज पर दर्ज हुए थे,जिसमे आरक्षक पुष्पराज के द्वारा पुलिस अंदोलन के समय जांजगीर में एक बड़ी सभा बुलाने हेतु,पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को उद्देलित करने,और अन्य पुलिसकर्मियों को साशय उत्प्रेरित कर अनुसाशन भंग करने के कारण थाना जांजगीर में 28 जून 2018 को अपराध क्रमांक 383/18 पुलिस द्रोह उदीपन अधिनियम 1922 की धारा -3 पंजीबद्ध किया गया था।
इसके अलावा थाना जांजगीर में अपराध क्रमांक 408/18 धारा 420,467,468,471,भादवि 66(c),आईटी एक्ट दिनांक 15 जुलाई 2018 को पंजीबद्ध किया गया है था।

फेसबुक पर किये है प्रदेश की कई हस्तियों के खिलाफ विवादित पोस्ट्स:-

आरक्षक पुष्पराज के द्वारा अपने फेसबुक पर विभागीय अधिकारियों के अलावा लगातार कई नेताओं के खिलाफ भी पोस्ट व कमेंट किये थे,जिसमें सबसे चर्चित फिलहाल वह पोस्ट हो रहा है जो उसने अपनी मौत से एक साल से भी अधिक पहले 10 अप्रेल 20 को करते हुए उसमे अपने मौत होने पर जांजगीर एसपी पारुल माथुर को जिम्मेदार बताया था।उस समय तो बात आई गई हो गई थी पर पोस्ट करने के एक साल बाद आरक्षक कि मौत होने से वह पोस्ट फिर से सुर्खियों में आ गया।वर्तमान एसपी के अलावा आरक्षक पुष्पराज ने पूर्व एसपी नीतू कमल को अंग्रेजों की औलाद जनरल डायर की बेटी बताते हुए फर्जी और पगली एसपी तक कहते हुए उनके सीबीआई में डेपुटेशन पर जाने का मजाक बनाया था।

अधिकारियों के अलावा पुष्पराज ने वर्तमान गृहमंत्री को अपने पोस्ट के माध्यम से सिर्फ सलामी लेने वाला, और नक्सली समस्या में विफल करार दे दिया था।पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंग को नक्सली हमले के सम्बंध में बहस करने औऱ औकात बता देने सम्बंधित पोस्ट भी आरक्षक के द्वारा सार्वजनिक किया गया था।

मौत से पहले दो हफ़्तों से ड्यूटी से गैर हाजिर था आरक्षक पुष्पराज:-

बहाली के बाद आरक्षक पुष्पराज को थाना शक्ति में पोस्टिंग दि गई थी।जिसकी ड्यूटी दिनांक 30 अप्रेल को कोरोना वायरस के कारण बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉक डाउन का पालन करवाने के लिए शक्ति के अग्रसेन चौक में लगाई गई थी।पर आरक्षक वहाँ ड्यूटी पर नही पहुँचा और न ही कोई सूचना दी।इसी तरह बिना सूचना के लगातार 7 मई तक गायब रहने के कारण शक्ति टीआई ने उसके खिलाफ अनुसाशात्मक कार्यवाही करने हेतु अपने उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन सौपा था।

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