बिलासपुर । नगर निगम में शामिल किए गए दो नगर पंचायत ,एक नगर पालिका समेत 18 गांवों में मूलभूत सुविधा मुहैया कराने में कोई खास कारवाई अभी तक नही हो पाई है लेकिन बिना अनुमति अवैध निर्माण जोर शोर से चल रहा है । निगम के अधिकारी सिर्फ नोटिस नोटिस का खेल खेल रहे है ।
नगर निगम में पिछले साल नगर पालिका तिफरा ,नगर पंचायत सिरगिट्टी और सकरी समेत डेढ़ दर्जन गांवो को शामिल किया गया था तब इन क्षेत्रों में विकास कार्यों का वादा किया गया था मगर कोरोना काल के चलते और प्रदेश शासन से पर्याप्त फंड नही मिलने के कारण मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में नगर निगम ने कोई रुचि नहीं ली मगर नगर निगम का अमला इन क्षेत्रों में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण पर भी ध्यान नहीं दे रहा है या फिर अवैध निर्माण पर अमले की मौन सहमति है ।
यह उल्लेखनीय है कि शहर से लगे क्षेत्रों और ग्रामों को नगर निगम में शामिल करने के बाद वहां बिल्डरों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है और बिना अनुमति के पार्षदों तथा निगम अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है ।
बात करें सिरगिट्टी की तो यहां के पार्षद खुद बिल्डर है । पहले ग्राम पंचायत और बाद में नगर पंचायत होने से सिरगिट्टी में अवैध निर्माण कार्यों पर सीधे तौर पर नजर रहती थी लेकिन नगर निगम में शामिल किए जाने के बाद अवैध निर्माण पर या तो ध्यान ही नही दिया जा रहा है या फिर अवैध निर्माण करने वालों से मिलीभगत करके उन्हें सिर्फ नोटिस भेजकर जवाब का इंतजार किया जा रहा है उधर अवैध निर्माण करने वाले बेधड़क होकर निर्माण कार्य पूरा कर रहे है । सिरगिट्टी के वार्ड क्रमांक 10 ,11 में नगर निगम से अनुमति लिए बिना ही दर्जनों मकान बनाया जा रहा है ।उन्हे निगम की कार्रवाई की कोई परवाह नही है इससे लगता है उन्हे अवैध निर्माण करने किसी न किसी का संरक्षण मिला हुआ है । वार्ड के पार्षद और सिरगिट्टी के जोन अधिकारी और निगम अमले का इस और ध्यान नहीं देना उनकी मौन सहमति और संरक्षण की ओर इशारा करता है ।किसी प्रकार का आरोप नही लगे इसके लिए नोटिस को ढाल बनाया गया है और अवैध निर्माण कार्य करने वालो को सिर्फ नोटिस जारी कर उनसे जवाब आने की प्रतिक्षा की जाती है तब तक अवैध निर्माण कर्ता निर्माण कार्य को पूरा भी कर लेते है । निगम द्वारा सिर्फ नोटिस दी जाती है निर्माण कार्य चलते रहने दिया जाता है ।उनसे निर्माण कार्य की मंजूरी पर कोई सवाल नही किए जाते ।वार्ड पार्षदों की मिली भगत ,जानकारी और निगम अमले की मौन सहमति के बिना कोई भी अवैध निर्माण कैसे हो सकता है क्योंकि ये लोग मौके पर निगरानी और निरीक्षण का दावा भी करते है मगर इनके रवैए और भूमिका से जहां अवैध निर्माण तेजी हो रहे है वही निगम को भी राजस्व की हानि हो रही है ।
7 साल से यहीं पदस्थ हैं सब इंजीनियर ****
यह भी उल्लेखनीय है कि सिरगिट्टी नगर पंचायत के अस्तित्व में रहने के दौरान वहां पदस्थ महिला सब इंजीनियर अभी भी सिरगिट्टी में ही पदस्थ है ।पिछले 7,8 साल से सिरगिट्टी में ही रहने के कारण सब इंजीनियर को सिरगिट्टी के चप्पे चप्पे की खबर है और कहां कहां अवैध निर्माण हो रहा है इसकी जानकारी उन्हे नही हो यह कैसे संभव है ।यानि अवैध निर्माण सब की जानकारी में हो रहा है ।और तो और जे सी बी का भी उपयोग हो रहा । कायदे से सब इंजीनियर को एक ही स्थान पर 7,8 साल से पदस्थ नही रहना चाहिए और जब हैं तो उनकी जवाबदेही बनती है कि निगम से बिना अनुमति एक भी निर्माण न हो और हो रहे तमाम निर्माण कार्यों पर तुरंत रोक लगे लेकिन जब पूरे कुंए में भांग घुली हो तो अवैध निर्माण कार्य करने वालों की हिम्मत तो बढ़ेगी ही ।
जोन कमिश्नर ने ये कहा *******
इस बारे में सिरगिट्टी के जोन कमिश्नर श्री कश्यप का कहना है कि सिरगिट्टी में अवैध निर्माण करने वालों को निगम से नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब मांगा गया है जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी ।निगम का अमला और वे खुद अवैध निर्माण होने की शिकायत पर मौके पर जाकर पूछताछ किए है ।प्रारंभिक पूछताछ में अवैध निर्माण की स्थिति पर निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया जा चुका है ।इसके बाद भी वहां और भी अवैध निर्माण हो रहे है तो वे खुद जाकर देखेंगे*