बिलासपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्य कम अधिकारी के खिलाफ एक परियोजना अधिकारी अणिमा मिश्रा द्वारा आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना की शिकायत पर विभाग की बैठक द्वारा डायरेक्टर द्वारा तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन कर कमेटी को 15 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट देने के लिए के लिए कहा था लेकिन एक माह बाद भी जांच रिपोर्ट नही सौंपी गई है ।जांच रिपोर्ट सौंपा भी कैसे जाय जब शिकायत की जांच ही शुरू नही हो पाई है । चर्चा तो यह भी है कि विभाग के डायरेक्टर स्तर तक इस आशय का राजनैतिक दबाव पड़ने लगा है कि उक्त शिकायत पर जांच ही न हो ।
महिला एवम बाल विकास विभाग में एक महिला कर्मचारी ही प्रताड़ना का शिकार हो रही है । उसने जब शिकायत करना शुरू किया तो जांच शुरू ही न हो इसके लिए राजनैतिक दबाव आला अफसरों पर डाला जाने लगा नतीजन जो जांच एक माह पहले शुरू की जाकर जांच रिपोर्ट 15 दिवस के भीतर सौंपी जानी थी वह जांच आदेश के एक माहबाद भी शुरू नही की सकी है ।जांच करने वाले अधिकारी कहते है कि इस शिकायत से ज्यादा गंभीर एक और मामला था जिसकी जांच शुरू करने के के कारण बिलासपुर के परियोजना अधिकारी की शिकायत पर जांच शुरू नही हो पाई है ।
महिला एवम बाल विकास विभाग में सरकडा क्षेत्र में कार्यरत परियोजना अधिकारी अणिमा मिश्रा ने जिला कार्यक्रम अधिकारी के खिलाफ आर्थिक,मानसिक प्रताड़ना किए जाने और वेतन रोकने की शिकायत कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारियों को किए जाने के बाद भी जब कोई कारवाई नही हुई तो उसने विभाग की डायरेक्टर दिव्या मिश्रा को लिखित में शिकायत की और खुद को गंभीर बीमारी से ग्रसित होना बताया उसके बाद भी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने उसकी ड्यूटी ग्रामीण कोरोना सेंटर में लगा दिया ।शिकायत पर डायरेक्टर ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन विगत 8 जुलाई को करते हुए जांच कमेटी को 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट देने कहा । आदेश के मुताबिक जांच रिपोर्ट 23 जुलाई को सौप दी जानी थी मगर जांच कमेटी ने एक माह बाद भी जांच शुरू नही की है तो रिपोर्ट कैसे सौंपे ? इस बारे में यह भी चर्चा है कि शिकायत की जांच नही करने डायरेक्टर स्तर पर राजनैतिक दबाव डाला गया है ।जांच कमेटी के एक सदस्य ने स्वीकार किया कि आज की स्थिति में अणिमा मिश्रा की शिकायत पर जांच शुरू ही नही हुई है क्योंकि उससे भी बड़ी एक अन्य गंभीर शिकायत की जांच करने के कारण समय ही नहीं मिल पाया । अब सवाल यह उठता है कि आखिर अणिमा मिश्रा की शिकायत पर जब जांच ही नही करनी है तो फिर जांच कमेटी का गठन ही क्यों किया गया ?