बिलासपुर।भाजपा की प्रखर नेत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के आवास पार्टी सांसदों और राज्यसभा सदस्यों की आहूत बैठक और उसमे जगदलपुर में 31 अगस्त से 3 सितंबर तक भाजपा का चिंतन शिविर आयोजित करने के निर्णय से पार्टी में दिल्ली स्तर तक गहमा गहमी शुरू हो गई है । चिंतन शिविर आयोजित करने की जरूरत क्यों आ पड़ी इस पर भी कई तरह के क्या लगाए जा रहे है ।चिंतन शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के भी शामिल होने की चर्चा है ।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बदलने की मांग चिंतन शिविर में हो सकती है ऐसा सूत्रों का मानना है । उधर छत्तीसगढ़ भाजपा के कई नेताओं बृजमोहन अग्रवाल ,प्रेम प्रकाश पांडेय ,नारायण चंदेल आदि के दिल्ली दरबार में एकत्र होने को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं है ।विष्णुदेव साय की जगह नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए भी भीतर ही भीतर जोरदार लाबिंग चल रही है ।
छत्तीसगढ़ भाजपा में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक शुरू हो चुकी है ।केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के आवास में हुई बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ,प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन के शामिल होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आदिवासी बाहुल्य सरगुजा क्षेत्र में भाजपा की ढीली होती पकड़ को फिर से मजबूत करने की दिशा में निश्चित ही कोई रणनीति बनी होगी । इसी तरह सरगुजा के बाद आदिवासी बाहुल्य बस्तर में भी भाजपा को मिली करारी हार के मद्देनजर पार्टी ने सारगुजा के बाद जगदलपुर में 31 अगस्त से चिंतन शिविर आयोजित करने का निर्णय सरगुजा की बैठक में लिया गया है । चिंतन शिविर की बैठक में क्या क्या निर्णय लिया जाएगा यह तो बैठक के बाद पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए सरगुजा और बस्तर आदिवासी बाहुल्य संभागों की अधिकांश सीटों को जीतना। जरूरी है ।पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा दोनो संभाग में बुरी तरह हारी और इसीलिए सत्ता खोनी पड़ी थी ।चुनाव के ढाई साल बाद भाजपा दोनो आदिवासी बाहुल्य संभाग में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए अगर कोई रणनीति बनाने की दिशा में कदम उठा रही है तो निश्चित ही निराश पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा ।
इधर प्रदेश के कई बड़े नेताओं के दिल्ली में सक्रिय होने को लेकर भी यह कयास लगाया जा रहा है कि ये नेता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर ऐसे किसी तेज तर्रार आदिवासी या पिछड़ा वर्ग के नेता को बिठाने चाह रहे है जो भूपेश बघेल सरकार का सामना बेहतर ढंग से करते हुए सरकार की खामियों को प्रदेश की जनता के सामने दमदारी से रख सके और पार्टी को मजबूती प्रदान कर सके ।जगदलपुर के चिंतन शिविर में प्रदेश अध्यक्ष का मुद्दा जोरशोर से उठ सकता है।