छतीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तीन महत्वपूर्ण घोषणा का असर आम आदमी के जीवन में बेहतर बदलाव के रूप में देखने को मिलेगा।उच्च प्रशासन से लेकर आम जनता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो इसके लिए प्रदेश में नए तहसीलों के गठन के साथ नया जिला भी बनाया गया है।इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर प्रदेश की 50 फीसदी आबादी को राहत दी है। छत्तीसगढ़ में करीब 52 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है।
उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जन आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर बाकी नही रखा है । पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने से सरकारी नौकरीयों में अब पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार और शिक्षित युवाओं को सम्मान पूर्वक भागीदारी हो सकेगी । मुख्यमंत्री की इस घोषणा से छत्तीसग़ढ के पिछड़ा वर्ग के हजारों परिवार के युवाओं की तकदीर बदलेगी । पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभारी है ।
श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाये जाने की घोषणा को राजनैतिक नजरिये से बिल्कुल नही देखा जाना चाहिए क्योंकि पिछड़ा वर्ग के लोग इसके हकदार है । पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारी उपेक्षा की जिसके चलते पिछड़ा वर्ग के लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपेक्षा को शिद्दत से महसूस किया और आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया
श्री यादव ने सीबीएन 36 से बातचीत करते हुए
कहा कि ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी बढ़ाकर सरकारी नौकरी से लेकर रोजगार के अवसरों में समाज की लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति में ओबीसी के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गस्र्वा से लेकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने में भी समाज की भागीदारी निश्चित रूप से बढ़ेगी इसी तरह
पेंड्रा आदिवासी बहुल इलाका है और यहां लंबे समय से जिला बनाने की मांग की जा रही थी। पेंड्रा सामाजिक और धार्मिक रूप से काफी मायने रखता है। इसके साथ ही जैव विविधता भी यहां है। जानकारों की मानें तो छत्तीसगढ़ के पर्यटन के नक्शे पर पेंड्रा एक पहचान के रूप में उभरेगा।