****पावर ग्रीड भरारी रतनपुर रोड में “हिंदी की कार्यशाला “आयोजित***
बिलासपुर ।
पावर ग्रिड भरारी रतनपुर रोड में हिंदी की कार्यशाला आयोजित हुई । कार्यक्रम की अध्यक्षता पावर ग्रिड के महाप्रबंधक मयंक सिंह यादव ने की एवं प्रोफेसर डॉक्टर फुल दास महंत विभागाध्यक्ष हिंदी शासकीय प्यारेलाल कंवर महाविद्यालय भैसमा जिला कोरबा के आतिथ्य में आयोजित हुआ ।
कार्यक्रम की शुरुआत वीणा वादिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ हुई। महाप्रबंधक मयंक सिंह ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा”सन 2012 से अनवरत रूप से इस संस्थान में हिंदी की कार्यशाला एवं हिंदी दिवस आयोजित होती रहती हैं। केंद्रीय दिशा निर्देश एवं हमारे नागपुर के बड़े ऑफिस से प्राप्त निर्देश पर हम वर्ष भर में 4 कार्यशाला आयोजित करते हैं, इस कार्यशाला से हमारे विभाग के कार्यालयीन कार्यों में लगभग 90% कार्य हिंदी में किए जा रहे हैं यह हमारे लिए एक गर्व का विषय है। आज की कार्यशाला मैं हमारे प्रमुख प्रशिक्षक प्रोफेसर महंत हैं जिनसे हिंदी के व्याकरणिक जानकारी के साथ पत्राचार में एवं कार्यालय कार्यों में हमें कार्यशाला से निश्चित रूप से लाभ मिलेगी।”
कार्यशाला की शुरुआत करते हुएप्रो डॉ महंत ने कहा”इस सृष्टि में मातृशक्ति की अनुभूति हमारे पूजा विधान घंटी, घड़ियाल और ढोलक, मंजीरा की आप पर, तो कहीं मंदिर के पुजारी के द्वारा आरती की थाल , चक्राकार विनिर्मित आकृति और गुंगुर,घी, अगरबत्ती, और पूजा की सुगंधित फूलों से हो जाती है, ठीक वैसे ही हमारी संवेदना और भावनाओं में रची बसी हिंदी के प्रति आदर सम्मान की भावना से हो जाती है। हिंदुस्तान की भाषा है हिंदी। राजभाषा और राष्ट्रभाषा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी का उपयोग अब होने लगा है, भारत में संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता मिली है, भारत में 121 भाषाएं बोली जा रही हैं, विश्व में 7075 भाषाएं बोली जा रही है। इन विविधताओं के बाद भी अनेकता में एकता भारत की विशेषता को लक्ष्य कर हिंदी राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। हमारे देश के प्रधानमंत्री चाहे वह मनमोहन सिंह हों, अटल बिहारी वाजपेई हों, नरेंद्र मोदी हों, सभी ने हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने में कोई कसर नहीं की है।
डॉ महंत ने हिंदी के व्याकरणिक कोटि, कार्यालय में कार्यालयीन हिंदी,मानक हिंदी का प्रयोग के साथ वर्ण,व्यंजन,स्वर,नुक्ता, अनुस्वार अनुनासिक और देवनागरी लिपि का प्रयोग पर विशेष ध्यान हमें कार्यालयीन कार्यों एवं व्यवहार गत हिंदी के प्रयोग में सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए। इस हेतु कार्यशाला को 3 सत्र में बांटा गया और प्रथम सत्र मैं हिंदुस्तान में हिंदी का स्वरूप और प्रयोग, दूसरे सत्र में कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का प्रयोग किस तरह से किया जाना चाहिए इस पर विषय चर्चा परिचर्चा की गई।
तृतीय एवं अंतिम सत्र में प्रशिक्षणार्थियों से प्रश्नोत्तर शैली में व्याख्यान हुआ तथा शंका समाधान भी किया गया। ज्यादातर तकनीकी विषयों के जानकार पावर ग्रिड के सभी कुशल प्रशिक्षणार्थियों ने इस प्रशिक्षण की भूरी भूरी प्रशंसा की और कार्यक्रम के संचालक हिंदी के अधिकारी एसके साहू का आभार माना इसी के साथ कार्यक्रम का समापन और मुख्य अतिथि प्रोफेसर महंत को शाल श्रीफल से महाप्रबंधक श्री सिंह ने सम्मानित करते हुए कार्यक्रम समापन की अनुमति प्रदान की।