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November 21, 2024 12:10 pm

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गायन प्रतिभा को मिली नई वैश्विक उड़ान , कतर की राजधानी दोहा में आयोजित वाइस ऑफ वर्ल्ड की सेकण्ड रनर_अप बनी बिलासपुर की बेटी श्रुति प्रभला

बिलासपुर । बिलासपुर की बेटी श्रुति प्रभला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ऑनलाइन गीत ज्ञान प्रतियोगिता में अपनी बेहतरीन गायन शैली से छत्तीसगढ़ी नहीं बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है श्रुति ने वॉइस ऑफ वर्ल्ड के टॉप 3 में अपना नाम स्थान सुनिश्चित कर लिया है ।

शुक्रवार की रात को अरब प्रायद्वीप के मध्य मध्य पूर्व देश कतर के प्रतिष्ठित टीवी चैनल 5 द्वारा आयोजित गायन प्रतियोगिता वॉइस ऑफ वर्ल्ड के ग्रैंड फिनाले में श्रुति को सेकंड रनर अप के अवार्ड से नवाजा गया है। श्रुति इस प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पहुंचने वाली भारत की इकलौती प्रतिभागी रही ।शनिवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में श्रुति ने अपने माता पिता के साथ पत्रकारों से वॉइस ऑफ वर्ल्ड के अनुभव साझा किए। श्रुति ने बताया कि शुक्रवार 10 सितंबर को भारतीय समय के अनुसार रात 9:30 बजे खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा के इंडियन कल्चर सेंटर के अशोका हॉल में भारतीय दूतावास ,इंडियन कल्चर ,इंडियन कम्युनिटी, बेनेवॉलेंट फोरम सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के अधिकारियों और अप्रवासी भारतीयों की उपस्थिति में वॉइस ऑफ वर्ल्ड के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब में भी किया जा रहा था जिसमें उन्हें वॉइस ऑफ वर्ल्ड के सेकंड रनर अप के खिताब से नवाजा गया।

वाइस ऑफ वर्ल्ड प्रतियोगिता के निर्माता निर्देशक सैयद रफी के अनुसार करीब 3 माह पहले कतर में रहने वाले अप्रवासी भारतीयो ने टीवी चैनल 5 के माध्यम से ऑनलाइन सिंगिंग कंपटीशन का आयोजन किया था। वैश्विक स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में अनेक देशों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑडिशन दिया था ।भारत में से बिलासपुर की श्रुति प्रभला सहित उभरते हुए गायकों ने अपनी आवाज को एक नई पहचान देने के लिए इसमें हिस्सेदारी की थी हिंदी फिल्मी गीतों की प्रतियोगिता में 10 के बाद राउंड के बाद 5 फाइनलिस्ट चुने जाने थे ।श्रुति ने आरडी बर्मन स्पेशल, राज कपूर स्पेशल ,लव सांग्स सेंड सांग्स, देशभक्ति पूर्ण गीत ,फास्ट नंबर सहित लगभग सभी राउंड में लगातार बढ़त बनाई और फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही ।वॉइस ऑफ वर्ल्ड प्रतियोगिता के 10 राउंड के बाद 5 फाइनलिस्ट की सूची में भारत की श्रुति के अलावा अमेरिका से दो जर्मनी से एक और कतर से 1 प्रतिभागी शामिल थे । इस अनूठी प्रतियोगिता में पहली बार मतदाताओं को वॉइस आफ वर्ल्ड का विनर चुनने की प्रक्रिया से सीधे जोड़ते हुए देश विदेश में बसे हिंदी गीत संगीत प्रेमियों से अपने चहेते गायक के पक्ष में ऑनलाइन वोट करने की अपील की गई थी जिसके नतीजे 10 सितंबर को घोषित किए गए और श्रुति को सेकंड रनर अप अवार्ड से नवाजा गया।

बिलासपुर के निकट सीपत एनटीपीसी में रहने वाली श्रुति वर्तमान में शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए कोलकाता स्थित संगीत रिसर्च अकादमी के गुरु उस्ताद वसीम अहमद खान साहब की शिष्य है। गुरु शिष्य परंपरा के तहत श्रुति अपने गुरु से शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीख रही हैं। इसके अतिरिक्त श्रुति बिलासपुर में भातखंडे संगीत महाविद्यालय( इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से संबंध) में बीपी ए (बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट) के डिग्री कोर्स की तृतीय वर्ष की छात्रा है. श्रुति के पिता पी रामा राव बिलासपुर में इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सॉल्यूशन का कार्य करते हैं जबकि उनकी माता श्रीमती श्रीलेखा एनटीपीसी सीपत के स्कूल में शिक्षिका है। श्रुति को बचपन से ही संगीत के प्रति अत्याधिक लगाव रहा है ।उसने अपनी दादी पी राजेश्वरी से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा और प्रेरणा और महज 5 वर्ष की उम्र में बाल रंग सम्मान प्राप्त किया। गायन के प्रति श्रुति की अगाध रुचि को देखते हुए उसके माता-पिता ने उसे लगातार प्रोत्साहित किया श्रुति छत्तीसगढ़ आंध्र एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय स्पर्धा में लगातार 3 वर्षों तक तेलुगु और हिंदी गीत गायन में पहले स्थान पर रही ।करीब 3 वर्ष पूर्व देश भर में नवोदित कलाकारों की तलाश करने और उनकी प्रतिभा को निखारने संवारने के लिए स्पीक मैके ने एक आयोजन किया था। राष्ट्रीय स्तर की इस स्कॉलरशिप प्रतियोगिता से श्रुति का चयन टॉप 10 में हुआ। श्रुति ने कोलकाता की आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में लब्ध प्रतिष्ठित संगीत गुरुओं के सानिध्य में 1 महीने तक गुरु शिष्य की परंपरा के तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत का वृहद अध्ययन किया ।श्रुति ने एनटीपीसी सीपत के अधिकारिक गीत में भी अपनी आवाज दी है।

पांच से अधिक भाषाओं की जानकार और करीब एक दर्जन भारतीय भाषाओं के गीत गायन में पारंगत श्रुति का स्पष्ट मानना है कि हिंदुस्तानी संगीत हो अथवा कर्नाटक , लोक संगीत हो या फिल्मी संगीत यह सब शास्त्रीय ता के दायरे में एक साधना है और जीवन जीने का तरीका भी। उनका कहना है कि अभी वह संगीत पर अध्ययन कर रही हैं। अध्ययन पूर्ण हो जाने के बाद बिलासपुर का नाम देश दुनिया में संगीत के क्षेत्र में और ऊंचा हो इस दिशा में वह कार्य करेगी

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