बिलासपुर। कवर्धा घटना के विरोध में मंगलवार को नागरिक सुरक्षा मंच और सर्व हिन्दू समाज विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले प्रदेशभर में विरोध रैली का आयोजन किया गया । बिलासपुर में प्रशासन द्वारा रैली की अनुमति नहीं दिए जाने पर विहिप के कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ स्कूल में एकत्र हो सभा किए और स्कूल प्रांगण में ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।
कवर्धा की घटना को प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित और पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रदेश भर में मंगलवार को कथित आक्रोश रैली को बिलासपुर में पुलिस और प्रशासन ने ठंडा कर दिया क्योंकि प्रशासन ने रैली निकालने की अनुमति नहीं दी लेकिन छत्तीसगढ़ स्कूल में एकत्र होने और वही सभा का आयोजन करने की अनुमति अवश्य दे दिया गया । इसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर तगड़ी व्यवस्था कर रखी थी । छत्तीसगढ़ स्कूल के बाहर टीन के शेड और बेरिकेटिंग से किसी के भी निकलने की गुंजाइश नहीं थी वही पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की ड्यूटी लगा और रास्ता बंद करके पुलिस ने विहिप की रैली पर पानी फेर दिया ।छत्तीसगढ़ स्कूल में विहिप और भाजपा के नेताओ ने कवर्धा की घटना का जिक्र करके राज्य शासन पर अनेक आरोप लगाए । इस दौरान नेता प्रतिपक्ष धरम कौशिक ,सांसद अरुण साव , विधायक डा बांधी ,विहिप नेता बृजेंद्र शुक्ला ,प्रफुल्ल शर्मा , डा विनोद तिवारी ,डा ललित माखीजा, मनीष अग्रवाल, दुर्गा सोनी ,महेंद्र जैन ,समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे । सूत्रों के मुताबिक विहिप के नेताओ ने 10 से 15 हजार की भीड़ का दावा किया लेकिन कुछ सौ लोग ही एकत्र हो पाए ।उसमे भी 60 फीसदी लोग भाजपा के थे । विहिप ने बिलासपुर जिला मुख्यालय में एकत्रितकरण के लिए छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर का चयन किया गया जहां बसों और ट्रेक्टर तथा आटो से लोग आए । जिलेभर से उतनी भीड़ नही जुटी जितनी विहिप ने उम्मीद की थी । विवाद और तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूल परिसर के अलावा स्कूल पहुंचने वाले सभी मार्गों पर घेराबंदी कर दी थी। छत्तीसगढ़ स्कूल को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया था ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुशांगिक संगठनों के द्वारा बीते तीन दिनों से प्रदेशभर में बैठक कर कवर्धा घटना के विरोध के लिए माहौल बनाया । अनुशांगिक संगठनों की कोशिश थी कि सर्व हिन्दू समाज के बैनर तले घटना के विरोध करने वाले इकठ्ठे हों और कवर्धा घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया जाए। राज्य शासन की भूमिका को लेकर भी सवालिया निशाना उठाने की तैयारी थी । बिलासपुर जिला मुख्यालय में एकत्रितकरण के लिए छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर को तय किया गया और दोपहर एक बजे एकत्रितकरण के बाद शहर के विभिन्न् मार्गों से होते हुए रैली कलेक्टोरेट तक ले जाने और राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने की योजना विहिप की थी मगर प्रशासन ने रैली और सभा की अनुमति नहीं दी जिससे विहिप के लोग छत्तीसगढ़ स्कूल में ही सभा कर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया ।
सर्व हिन्दू समाज के बैनर तले स्कूल परिसर में लोगों को जमावड़ा होना था । आरएसएस व अनुशांगिक संगठनों के पदाधिकारियों व समाज प्रमुखों सहित रैली में शामिल होने स्कूल परिसर में इकठ्ठा हों इसके पहले ही पुलिस प्रशासन ने बेरिकेटिंग के साथ ही पहुंच मार्ग पर टिन की दीवार खड़ी कर दी । पुलिस की कोशिश थी कि बेरिकेटिंग के बाद स्कूल परिसर में ना कोई आए और ना ही किसी को भीतर जाने की अनुमति ही दें।
कलेक्टर को नहीं बुलवाने पर रैली निकालने की दी थी धमकी
सूत्रों के मुताबिक विहिप के नेताओ ने मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को धमकी देने के लहजे में कहा कि ठीक है हम रैली निकालेंगे लेकिन ज्ञापन हम कलेक्टर को ही देंगे इसलिए कलेक्टर को यहां ज्ञापन लेने के बुलाएं अन्यथा हम रैली निकालकर कर कलेक्ट्रेट तक जायेंगे और इसी बीच कुछ होता है तो प्रशासन जिम्मेदार होगा ।ऐसा बोलकर विहिप नेता सभा करने में मशगूल हो गए ।थोड़ी देर बाद अधिकारी उनसे मिलने पहुंचे और जिद छोड़ स्कूल में ही ज्ञापन देने कहा गया तब भी वे नही माने तो एक अधिकारी विहिप के एक पदाधिकारी को किनारे में लेजाकर पता नही क्या कहा और क्या समझाया कि वे स्कूल परिसर में ही ज्ञापन देने राजी हो गए और सभा में आकर बकायदा यह घोषणा कि गई कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन हम यही पर कलेक्टर के प्रतिनिधि को सौंपेंगे उसके बाद कार्यक्रम की समाप्ति होगी।विहिप भी नही चाहता कि शहर में किसी भी प्रकार के तनाव की स्थिति निर्मित हो ।