बिलासपुर । अरपा भैसाझार परि योजना अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा भू अर्जन अधिकारी कोटा द्वारा 18 मई 2020 को पारित किए गए अवार्ड में ग्राम सकरी के महाल नंबर 3 के शासकीय पट्टेदारों द्वारा अहस्तांतरनीय भूमि का अवैधानिक एवं अनुचित तरीके से अवार्ड राशि पारित एवं वितरण किए जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाया गया है एवं मुख्यमंत्री राजस्व मंत्री तथा पुलिस के अधिकारियों को शिकायत करते हुए पूरे मामले की जांच कर आपराधिक कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।
शिकायतकर्ता सुजीत केसरवानी ने दस्तावेज के साथ शिकायत करते हुए कहा है कि ग्राम सकरी महल नंबर 3 के मिशल जमाबंदी सन 19 28 _29 के अनुसार भूमि खसरा नंबर एक 2.90 एकड़ एवं खसरा नंबर 18 रकबा 38.47 एकड़ खसरा नंबर 19 रकबा26.32 खसरा नंबर 20 रकबा 38.83 एकड़ खसरा नंबर 42 रकबा 32.10 एकड़ खसरा नंबर 44 रकबा20. 28 एकड़ खसरा नंबर 40 रकबा 38.25 एकड़ घास मद में दर्ज है। इसी प्रकार ग्राम निस्तार पत्रक एवं मिसल जमाबंदी में भी उक्त भूमि छोटे झाड़ का जंगल और घास मद में दर्ज है ।
शिकायत में कहा गया है कि अरपा भैसाझार परि योजना के तहत नहर निर्माण किए जाने का प्रोजेक्ट काफी पुराना है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में उपरोक्त भूमि के विभिन्न खसरा नंबरो में 2 दर्जन से भी अधिक लोग शासकीय पट्टे दार है और उनकी जमीन अहस्तांतरनीय है।उपरोक्त शासकीय पट्टेदारो को भैसाझार परियोजना अंतर्गत शासन की राशि करोड़ो में मुआवजा पत्रक भुर्जन पपत्र 22 के अनुसार राशि दी गई है जबकि उक्त भूमि शासकीय है। जिस के संबंध में मौजा राशि प्राप्त करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है ।उक्त तथ्यों की जानकारी तहसीलदार सकरी, राजस्व निरीक्षक सकरी, हल्का पटवारी मुकेश साहू ग्राम सकरी, भू अर्जन अधिकारी कोटा एवं ग्राम सकरी के किसानों द्वारा शासकीय राशि का अवैधानिक एवं अनुचित रूप से भूस्वामी ना होते हुए भी शासन से अवैधानिक अनुचित एवं विधि विपरीत पट्टे में भूमि को लेकर भू अर्जन मुआवजा प्रपत्र के अनुसार मुआवजा राशि प्राप्त किए गए हैं जबकि उक्त राशि को प्राप्त करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। भू अर्जन अधिकारी को भू अर्जन अधिनियम के अनुसार भूस्वामी को ही भू अर्जन राशि प्राप्त करने की पात्रता होती है किंतु उपरोक्त द्वारा शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से अनुभविभागीय अधिकारी कोटा से मिलीभगत कर पट्टा प्राप्त कर भुआर्जन राशि प्राप्त किया है जो कि अनुचित एवं है साथ ही भू अर्जन अधिकारी के द्वारा भू अर्जन एवं पुनर्वासन सूचित कर पारदर्शिता अधिनियम 2013 के अनुसार भूमि को उपरोक्त शासकीय पट्टे की भूमि को अवैधानिक रूप से सिंचित द्विफसली, विकसित भूमि मानकर अत्याधिक तोषण राशि एवं बाजार मूल्य से अधिकतम राशि निर्धारित कर मुआवजा राशि दिया गया है जो कि शासन के शासकीय धन के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है तथा उक्त संबंध में कलेक्टर से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है ।इस हेतु भी गंभीरता की श्रेणी में आता है अवार्ड भू अर्जन अधिनियम की विधिवत पालन करते हुए नहीं किया गया है ।शिकायत होने पर हल्का पटवारी को निलंबन मात्र की कार्यवाही की गई है ।उपरोक्त विवरण के आधार पर प्रकरण में यह पर लक्षित होता है कि ग्राम सकरी के खातेदारों एवं भू अर्जन से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर आर्थिक लाभ लिया जाकर षडयंत्र पूर्वक अपराधिक कार्य किया गया है जो भारतीय दंड विधान की धाराओं के अंतर्गत गंभीर एवं जमानती अपराध की श्रेणी में आता है उक्त शिकायत के संबंध में प्रशासनिक स्तर पर जांच कराए जाने हेतु तथा संबंधित व्यक्ति एवं अधिकारी के विरुद्ध उपरोक्त खसरा नंबर के शासकीय प्रधानों के मुआवजा राशि के वितरण निर्धारण के संबंध में प्रशासनिक समिति गठित कर जांच कराई जाए और उपरोक्त खातेदारों के विरुद्ध अपराधी कार्यवाही भी किया जाना किया जाना चाहिए ।शिकायतकर्ता ने ग्राम सकरी महाल नंबर 3 सकरी तहसील सकरी जिला बिलासपुर के उपरोक्त शासकीय पट्टेदारों के द्वारा शासकीय भूमि के संबंध में अवैधानिक एवं अनुचित रूप से भू अर्जन अधिग्रहण से संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी खातेदारों से मिलीभगत कर अवैधानिक अनुचित रूप से भुआर्जन पुनर्वास एवं उचित प्रति कर पारदर्शिता अवहेलना करते हुए शासकीय राशि का गबन किया गया है। भूमि और जल और पुनर्वास और पूर्व स्थापन में उचित प्रति कर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अधीन तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी कोटा के साथ अन्य राजस्व अधिकारी कर्मचारियों एवं मुआवजा प्राप्त लोगों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही एवं शासकीय राशि की वापसी के संबंध में कार्यवाही की जाए।