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May 23, 2025 5:26 am

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दर्रीघाट डकैती कांड में अब पुराना हिस्ट्रीसिटर रंजन गर्ग भी मैदान में कूदा,वर्षों पहले पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा करने वाला अब अपने और परिवार की जान को खतरा बता रहा,कोई और गंभीर अपराध हो इसके पहले पुलिस सब पर निगरानी रखने के अलावा सतर्क भी रहे

बिलासपुर। दर्रीघाट में कांग्रेस नेता के घर हुई डकैती के मामले को लेकर अब 16 साल बाद जेल से छूटे पुराना हिस्ट्री सिटर रंजन गर्ग भी मैदान में कूद गया है । एक समय था जब गर्ग बंधुओ के आतंक से लाल खदान और महमंद क्षेत्र थर्राता था । तब जगमल  चौक से दर्रीघाट तक के क्षेत्र को छोटा बिहार भी कहा जाने लगा था ।परिस्थियां बदली और संचार माध्यमों में व्यापक बदलाव और राज्य निर्माण के बाद अपराध का ग्राफ धीरे धीरे कम हो गया और गर्ग बंधुओ का वर्चस्व भी लगभग समाप्त हो गया ।अब जब दर्रीघाट में डकैती की वारदात हो गई है और सारे अपराधी अभी तक नही पकड़े गए है तो मौके का फायदा उठा राजनीति में सक्रिय लोग और क्षेत्र में अपना वर्चस्व जबरिया थोपने  की कोशिश में लगे चर्चित लोग अपनी दुकानदारी फिर से चमकाने सक्रिय हो गए है । कही ऐसा न हो कि डकैती की वारदात को ढाल बनाकर गंभीर अपराधिक कृत्य की वारदात न हो जाए इसके लिए पुलिस को हर पल मुस्तैद रहने और ऐसे लोगो की गतिविधियों पर सतत निगाह रखने की जरूरत है ।

अब वर्षों पूर्व अपने भाइयों के साथ पूरे क्षेत्र में दहशत फैलाने वाले हिस्ट्री सीटर रंजन गर्ग को भी अपनी जान की चिंता सताने लगी है । अगर यह डकैती नही होती तो रंजन गर्ग के 16 साल बाद जेल से छूटने की बात सार्वजनिक भी नही हो पाती ।यह ठीक बात है कि यदि कोई अपराधी जेल से छूटने के बाद फिर से कुत्सित जीवन जीने के बजाय अपने परिवार के साथ शांति पूर्वक जीवन जीने का संकल्प लेता है तो उसे यह अवसर प्रदान करना चाहिए ,उसे मौका देना चाहिए लेकिन ऐसा हिस्ट्रीसिटर यदि अपने और अपने परिवार की जान पर खतरा बता रहा है तो पुलिस को उसकी बातो को गंभीरता से लेना चाहिए । कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले जिसके घर में डकैती की वारदात हुई है,ने अब अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता पर गम्भीर आरोप लगाकर कई तरह के संदेह को जन्म दिया है ।उधर कांग्रेस प्रवक्ता ने भी बिना समय गवाएं तत्काल अपने ऊपर लगाए गए आरोपो को न केवल खारिज किया बल्कि आरोप लगाने वाले के बयान की जांच करने की मांग कर दी ।यह बयान बाजी का दौर चल ही रहा था कि रंजन गर्ग द्वारा दिए बयान ने सबके कान खड़े कर दिए ।

नेअपना के बाद हो रही राजनीति से रंजन गर्ग दहशत में आ गया है। उन्होंने एसएसपी से तत्काल सुरक्षा गार्ड देने की मांग की है। उन्हें डर है कि इस मामले में उन्हें फंसाने के प्रयास किया जाएगा। यही नहीं उनकी जान को नागेंद्र राय से खतरा भी है।

क्या कहा रंजन गर्ग ने

मंगलवार को हिस्ट्रीसीटर और हाल ही में जेल से बाहर आए रंजन गर्ग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पहुचे और अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने की मांग की । एसएसपी को दिए आवेदन में रंजन गर्ग ने कहा है कि मैं 16 साल बाद जेल से बाहर आया हुं। मेरी उम्र 55 साल से ज्यादा हो रही है। अब मैं अपने परिवार के साथ शांति से रहना चाहता हूं। लेकिन पिछले दिनों नागेंद्र राय जो एक हिष्ट्रीसिटर अपराधी है ने सार्वजनिक मंच से कहा है कि अबकी बार जेल भेजूंगा तो जीते जी बाहर नहीं आ पाएगा। नागेंद्र राय ने मेरे बड़े भाई और भतीजे की हत्या की है, सालभर पहले बिल्लू नाम के ब्यक्ति की हत्या किया था। इसके पहले सरपंच दरस राम साहू की हत्या कर चुका है। सारे मामले में तोरवा थाने में उनके खिलाफ जुर्म दर्ज है। आज पूरे क्षेत्र में उसका आतंक है। उन्होंने कहा है कि अभी नागेंद्र राय के आदमी के घर मे डकैती हुई है। पुलिस अभी तक इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रही है। लेकिन मुझे डर है कि इस मामले में फंसाने के प्रयास किया जा सकता है। लिहाजा मुझे तत्काल दो सशस्त्र गार्ड उपलब्ध कराया जाय। ताकि मेरी जान की सुरक्षा हो सके और गार्ड मुझ पर नजर रख सके, मैं कहां आता-जाता हूं इसकी जानकारी पुलिस को रहे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि नागेंद्र राय मेरी हत्या करा सकता है या किसी झूठे मामले में फंसा सकता है।

डकैती की घटना के बाद उस क्षेत्र के कुछ लोग अपनी पुरानी वैमनस्यता को ताजा करने में सक्रिय हो गए है कही इस आरोप प्रत्यारोप के चलते कोई बड़ी घटना न हो जाए इसके लिए पुलिस को सजग और ऐसे लोगो पर सतत निगाह रखने की जरूरत है अन्यथा अस्सी से नब्बे के दशक के दौरान जो हालात थे वैसे ही स्थिति न बन जाए ।

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मस्तूरी डकैती कांड के खुलासे और पुलिस के बयान से यह मान लिया जाए कि कांग्रेस प्रवक्ता पर लगाए गए आरोप झूठे थे और पुराना हिस्ट्रीसिटर रंजन गर्ग की आशंका भी कपोलकलिप्त थी

Sat Jan 22 , 2022
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