सरकार की बढ़ी मुश्किलें – सुरेश दिवाकर
बिलासपुर :- शिक्षा विभाग के 40 हजार पदोन्नति को लेकर जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी अधिकारी संघ तो उद्वेलित है ही अब उनके साथ इस वर्ग के समामाजिक संगठन भी उबले हुए हैं। यही कारण है कि छग के सभी 29 जिला में पूरे प्रदेशभर के सामाजिक संगठन आज 27 जनवरी को अपने पूर्व निर्धारित चरणबद्ध आंदोलन के चौथे चरण में बिलासपुर के अम्बेडकर चौक आरक्षित वर्ग के विधायकों मंत्रियों की शव यात्रा निकालकर पुतला दहन किया गया। इसके लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आरक्षित वर्ग के सभी नेताओ का शव यात्रा निकाला ।
इस बीच आरक्षित वर्गो के शव यात्रा और पुतला दहन को लेकर आंदोलनकारियों और स्थानीय पुलिस के बीच काफी झुमा झपटी हुआ पुलिस ने पुतला दहन रोकने के लिए बहुत जद्दो जहाद किया पर अंततः आंदोलनकारियों ने काफी मक्कत के बाद विधायकों का पुतला जलाया ।
इस संबंध में आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के मुख्य प्रदेश संयोजक सुरेश दिवाकर का कहना है कि पदोन्नति में आरक्षण कोई खैरात नहीं है जो हमारे शासकीय कर्मचारियों को दिया जा रहा है बल्कि यह संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में प्रावधानित है। उच्च पदों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व के अभाव में सभी वर्गो को समान रूप से अधिकार देने की बात संविधान करता है। इसके लिए जरूरी है आरक्षित वर्गो को पदोन्नति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देते हुए आरक्षण का लाभ दें अन्यथा छत्तीसगढ़ का हर सामाजिक संगठन शिक्षा विभाग के इस विसंगति पूर्ण पदोन्नति का हर स्तर पर पुरजोर विरोध करता रहेगा और जब तक ये जनप्रतिनिधि होश में नहीं आ जाते तब तक इनकी इसी तरह अर्थी निकालकर पुतला दहन किया जाता रहेगा।
आदिवासी समाज के युवा नेता सुभाष परते का कहना है कि छग राज्य में अनुसूचित जनजाति वर्ग की 32 % आबादी है जो कई हजार सालों कि दासता और गुलामी के बाद विगत 30-40 वर्षो में ही पढ़ना लिखना चालू किया है, तब कहीं जाकर शासकीय नौकरी में अपना जगह बनाया है और आजादी के मात्र 70 दशक में हमारे आदिवासी समाज को आरक्षण से मसरूफ करना संवैधानिक अत्यचार है जो बर्दास्त से बाहर है जिसका हमारा सभी आदिवासी समाज कड़ा विरोध करता है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करता है कि आप शिक्षा विभाग में हो रहे पदोन्नति को बकायदा आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए पदोन्नति करें।
आंदोलन के सम्बन्ध में सूर्यवंशी समाज के युवा नेता चन्द्र प्रकाश सूर्या ने कहा है कि प्रदेश कि कांग्रेस सरकार आरक्षण विरोधी सरकार है आरक्षित वर्गो का अधिकार तो पूर्व भाजपा सरकार भी ने कभी भी हनन नहीं किया बल्कि चाहे वह सीधी भर्ती हो या पदोन्नति सभी में निर्धारित अनुपात में आरक्षण का लाभ देते हुए भर्ती व पदोन्नति दिया है 15 साल के शासन काल में जो नहीं हुआ। कांग्रेस ने अपने मात्र 3 साल के शासनकाल में कर दिया।भूपेश सरकार कभी भी आरक्षित वर्गो का नेता नहीं हो सकता जो अपने ही पिछड़े समाज के प्रति वैमनस्य रखता है वह सरकार कल्याणकारी सरकार नहीं ही सकता।
सतनामी समाज की तरफ से सागर बंजारे और जितेंद्र बंजारे ने बताया कि समाज के विधायक गण जिस आरक्षण के बदौलत आरक्षित सीट से चुनाव जीत कर विधान सभा में गए हैं उसी समाज की हक और अधिकार के चिर हरण को मुक दर्शक बने देख रहे हैं ।ये जन प्रतिनिधि समाज सेवा के बजाए आका सेवा में मशगूल हैं जो निंदनीय है। आरक्षित वर्ग के जनप्रतिनिधियों के इस तरह निकम्मी गैर जिम्मेदारी रवैया के कारण शव यात्रा और पुतला दहन होना स्वाभाविक है, जो हम कर रहे हैं और आगे भी विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक सुरेश दिवाकर,चन्द्र प्रकाश सूर्या, सागर बंजारे, योगेश बोले, पृथ्वीपाल राय, सुनील चौहान, चित्रकांत लहरें ,लकीबंजारे ,राजेश खांडे चित्रेश सूर्यवंशी अमन सूर्यवंशी मन भजन साहेब टंडन,विनोद बंजारा,संजीत बर्मन,लोकेश ऊके,कुणाल रामटेके,राम सिंह सीनियर सुरेश दिवाकर जितेंद्र बंजारा विनोद बंजारा संजीत बर्मन पिंटू खांडे आशीष टंडन संजीत बर्मन देवेंद्र कुर्रे धनंजय बरनाल पूर्णचंद दौरिया मनोज लहरें कौशल लहरें
पंकज भास्कर सूर्याकांत डहरिया सोनवर्षा आहिरे लोकेंद्र अहिरवार कुणाल रामटेके सतीश डहरिया आदित्य जोशी गणेश कोसले मन भजन साहेब टंडन लक्की बंजारे बाबा पात्रे लक्ष्मी नारायण लहरे राम सिंह बौद्ध अभिषेक भारती बौद्ध, गिरीश पाटले,ओके लाल दास सोनवानी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।