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April 4, 2025 10:22 pm

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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर का एटीएम फ्राड कांड का मुख्य आरोपी बैंक में सेवारत,निर्दोष 7 कर्मचारी 2 साल से है निलंबित,

बिलासपुर ।जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर वैसे तो हमेशा घोटालों के लिए चर्चा में रहा है मगर जांच के नाम पर बैंक प्रबंधन का रवैया हमेशा ढुलमूल रहा । किसानों के नाम पर ए टी एम जारी कर किसानों के खाते से लाखो रुपए बैंक कर्मचारियों ने निकाल लिए और किसानों को ए टी एम दिया ही नही गया जब पीड़ित किसानों ने हल्ला करना शुरू किया तो बैंक प्रबंधन प्रबंधन ने जांच का नाटक करते हुए 7 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया लेकिन एटीएम घोटाले में जिस महिला की मुख्य भूमिका थी उसे बक्स दिया गया मामले को दबाने के लिए पूरी तरह प्रयास किया गया और पीड़ित किसानों को उनकी राशि बैंक से भरपाई की गई और निलंबित कर्मचारियों को 50 ,50 हजार रुपए बैंक में जमा करने के बाद ही बहाल करने की बात कही गई । जबकि इस मामले उनकी कोई भूमिका नहीं थी । जांच में घोटाले की मुख्य भूमिका निभाने वाली महिला कर्मी की पहचान हो चुकी है मगर वह अब भी बैंक में सेवा रत है । बैंक प्रबंधन की भूमिका 2 साल से संदेहास्पद है ।

अपेक्स बैंक से कई सौ करोड़ के कर्जे पर चल रहे जिला सहकारी बैंक बिलासपुर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपेक्स बैंक का ही होता है । रिजर्व बैंक के गाइड लाइन के मुताबिक बैंक का कोई भी अधिकारी /कर्मचारी एक जगह पर 3 साल से ज्यादा नहीं रह सकता मगर जिला सहकारी बैंक बिलासपुर मेंअनेक अधिकारी कर्मचारी ऐसे है जिनकी जहां नियुक्ति होती है रिटायरमेंट भी वही से हुआ है । एक ही जगह पर लंबे समय से पदस्थ रहने के कारण अधिकारी कर्मचारी निरंकुश होकर धांधली करते है और राजनैतिक संबंध बनाकर अपने को बचाते रहते है ।बैंक में जो भी आर्थिक घोटाले हो रहे है उसका मूल कारण यही है अन्यथा बैंक के किसी कर्मचारी पर करोड़ो का घोटाला और उसकी जांच सीबीआई से हो और उस जांच में करोड़ो के घोटाले का आरोपी साफ बच निकल जाए यह भी सुविधा संतुलन का कमाल है । पांच सौ करोड़ का घोटाला जिस बैंक अध्यक्ष के कार्यकाल में हुआ वह साफ बच निकला और बैंक उसका कुछ नही बिगाड़ पाया ।

आइए अब बात करें उन किसानों की जिनको बैंक ने ए टी एम दिया ही नहीं और उनके नाम से ए टी एम जारी कर उनके खाते से लाखो रुपए निकाल लिए । करीब दो साल पहले जिला सहकारी केन्द्रित मर्यादित बैंक में किसानों के अलग अलग खाते से किसी ने करीब 8 लाख रूपये पार कर दिया। जानकारी के बाद तत्कालीन सीईओ ने जांच का आदेश दिया। साथ ही आठ कर्मचारियों को निलबित भी किया। किसानों ने मामले में सिविल लाइन पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराया। काफी पूछताछ और जांच परख के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि किसानों के खाते से बैंक की ही महिला कर्मी ने अलग अलग एटीएम और खातों से करीब 8 लाख रूपयों का आहरण किया । इसमें कुदुदण्ड निवासी एक व्यक्ति भी शामिल है। जांच के बाद पुलिस आरोपी को पकड़ने दो बार बैंक भी गयी।सूत्रों की माने तो प्रभावी नेता के दबाव में दोनो बार पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा । बहरहाल निलंबित अन्य सात बैंक कर्मियों में गहरा आक्रोश है। कुछ निलंबित बैंक कर्मियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर बैंक या कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह की चेतावनी दे दी है।इस नई समस्या से बैंक प्रबंधन परेशान है ।

अभी तक क्यों नही हो सकी गिरफ्तारी ?जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में पांच किसानों के खाते से किसी ने 11 लाख रूपये निकाल लिए। इस बात की भनक तक किसानों को हुई। जब किसान रूपये निकालने बैंक पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि खाते में रूपए नहीं है। शिकायत के बाद बैंक प्रबंधन ने बताया कि किसानों के खाते से एटीएम के जरिए रूपया निकाला गया है। इतना सुनते ही किसानों ने बताया कि उन्हें ना तो एटीएम प्रयोग करने आता है। और ना ही बैंक से एटीएम कार्ड दिया ही गया है। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने जांच टीम का गठन करने के साथ आठ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। किसानो ने मामले में एक शिकायत सिविल लाइन थाने में भी किया लेकिन

आरोपी को बचाने एड़ी चोटी एक कर दी गई । दो साल बीतने के बाद भी आज सभी आठो निलंबित बैंककर्मी बेवजह घर में बैठे हैं लेकिन अभी तक ना तो आरोपी को ही पकड़ा गया है और ना ही पुलिस किसी को दोषी ही बता रही है। जबकि पुलिस जांच मेें सब कुछ खुलासा हो चुका है। निलंबित बैंक कर्मियों में से कुछ ने बताया कि घटना के बाद मान सम्मान को भारी ठेस पहुंची है। पुलिस के सामने कई बार जांच पड़ताल से गुजरना पड़ा। दोषी की पहचान भी हो चुकी है। बावजूद इसके अभी तक दोषी महिला कर्मचारी पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। शायद आरोपी महिला को कोई बचा रहा है

दो आरोपियों को हुई पहचान

सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट के बाद पुलिस की टीम् ने जांच शुरू की । लगातार पूछताछ और साइबर प्रमाण के बाद पुलिस ने आरोपी को पहचान लिया है लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। सूत्र और दस्तावेजों के अनुसार पांच किसानों के खाते से बैंक की एक महिला कर्मी और कुदुदण्ड निवासी एक युवक ने लाखों रूपयों की चोरी को अंजाम दिया है। पुलिस ने एटीम से रूपये निकालने वाले युवक और महिला कर्मी की पहचान कर ली है। जांच रिपोर्ट को तत्कालीन पुलिस कप्तान के सामने रखा गया था लेकिन कार्रवाई नहीं करने की कुछ और ही वजह सामने आई ।

*मामले में दो बार खाली हाथ लौटी पुलिस*

इस दौरान पुलिस भी दो बार जिला सहकारी बैंक गयी। लेकिन हर बार पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। जानकारी मिल रही है कि आरोपी महिला को कुछ प्रभावी का वरदहस्त मिला हुआ है। जिला सहकारी बैंक के मनोनित अध्यक्ष प्रमोद नायक ने भी इस मामले में किन कारणों से चुप्पी साधे रखी वे ही जाने । कथित राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस के हाथ बंधे है। यद्यपि मामले में पुलिस कप्तान पारूल माथुर से सवाल किया गया। उन्होने मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। यद्यपि उन्होने इसके बाद मसले को समझने का प्रयास किया। बावजूद इसके आरोपी महिला को अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया गया।*

*पीड़ितों ने लगाई थी डीजीपी ,आईजी और एसएसपी से गुहार *

ए टी एम घोटाला के आरोप में निलंबित बैंक कर्मियों ने बताया कि हम सभी ने दो बार डीजीपी, तीन बार आईजी और तीन बार पुलिस कप्तान को न्याय के लिए आवेदन किया लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई । जानकर दुख हुआ कि पुलिस कप्तान को इस बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। जबकि हमने व्यक्तिगत रूप से भी संम्पर्क कर वस्तुस्थिति के बारे में बताया है। इससे जाहिर होता है कि पुलिस पर नेताओं का दबाव है।

न्याय पाने आत्महत्या की धमकी अब अंतिम उपाय

बावजूद इसके यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो सहकारी बैंक या कलेक्टर कार्यालय के सामने निलंबित कर्मचारी भूख हड़ताल बैठहेंग। या फिर परिवार के साथ आत्मदाह करेंगे। इसके लिए सीधे तौर पर बैंक प्रबंधन और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा।

बैंक के इनोसेंट कर्मचारियों और सूत्रों के अनुसार पुलिस के सामने पेश किए दस्तावेज और वीडियो से आरोपी का सच सामने आ चुका है। महिला बैंक कर्मी ने ही एटीएम काण्ड को अंजाम दिया है। वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है कि महिला बैंक कर्मी दो कम्प्यूटर के साथ किस तरह छेड़छाड़ कर रही है। इसके बाद ही उसके साथी ही बैंक एटीएम से 11 लाख रूपयों का आहरण किया है।

*क्या कहते है बैंक के अध्यक्ष

पुलिस कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है जिला सहकारी बैंक के चैयरमैन प्रमोद नायक ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस स्वतंत्र है। पुलिस पर कार्रवाई को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। हमने पुलिस प्रशासन को अवगत भी करा दिया है। बैंक और शासन को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी आरोपी को किसी भी सूरत में गिरफ्तार किया जाए

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सहकारी बैंक बिलासपुर के अधीन कोरबा, जांजगीर, बिलासपुर सहित अनेक जिलों के सहकारी बैंक आते हैं। बीते कुछ समय से सहकारी बैंक के ग्राहकों को भी एटीएम की सुविधा मिलने लगी है। इसी कड़ी में सहकारी बैंक बिलासपुर शाखा में भी खातेदारों के एटीएम कार्ड आए, मगर किसानों को दिए नहीं गए थे।

निलंबित कर्मियों में 4 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं ।
सहकारी बैंक के जिन 7 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनमें 4 महिला कर्मचारी भी शामिल है। इन कर्मचारियों में वीरेंद्र टंडन, अभिषेक शर्मा, लक्ष्मण कौशिक, हर्षिता, प्रेमलता, मीना मरावी और माधुरी सिंह हैं, इन सभी को जिला कलेक्टर बिलासपुर की अनुशंसा पर तत्कालीन सीईओ अनूप अग्रवाल ने निलंबित कर दिया था जो अभी तक निलंबित चल रहे है ।

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