नई दिल्ली। नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने उसके फरीदाबाद स्थित घर से ही गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हिंसा मामले की जांच के बाद बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी की है. हरियाणा के नूंह से शुरू हुई हिंसा जिसने गुरुग्राम और आसपास के जिलों को भी अपनी चपेट में ले लिया था. उस हिंसा का मुख्य आरोपी बिट्टू बजरंगी ही था.
उल्लेखनीय है कि ब्रजमंडल शोभायात्रा से पहले बिट्टू बजरंगी ने ही सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट किए थे।
नूंह हिंसा मामले में बजरंग दल के बिट्टू बजरंगी को CIA तावडू ने गिरफ्तार किया है. नूंह के थाना सदर में विभिन्न धाराओं के तहत बिट्टू बजरंगी पर मामला दर्ज किया गया था. एएसपी उषा कुंडू की शिकायत पर बिट्टू बजरंगी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. नूंह हिंसा मामले में बिट्टू बजरंगी के खिलाफ धारा148,149,332,353,186,395,397,506,25,54,59 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं. नूंह सदर थाने में मुकदमा नंबर 413 उसके खिलाफ दर्ज किया गया था.
नूंह से हुई हिंसा की शुरुआत, कई जिलों तक पहुंची
गौरतलब है कि हरियाणा के नूंह में हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह इस बार भी 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया था. प्रशासन से इसकी इजाजत भी ली गई थी. लेकिन बृजमंडल यात्रा के दौरान इस पर पथराव हो गया था. देखते ही देखते यह दो समुदायों की हिंसा में बदल गई. माहौल इतना गर्मा गया कि सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. फायरिंग भी हुई. पुलिस पर भी हमला हुआ. नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई.
नूंह-मेवात से शुरू होते हुए आसपास के जिलों को भी सुलगाने वाली इस हिंसा के लिए एक पक्ष गोरक्षक बिट्टू बजरंगी को जिम्मेदार ठहरा रहा था. बिट्टू बजरंगी ने नूंह में 31 जुलाई को हुई ब्रज मंडल यात्रा में हिस्सा लिया था. बिट्टू बजरंगी ने बताया कि कैसे नूंह में हिंसा फैली? बजरंगी से जब पूछा गया कि ब्रज मंडल यात्रा के दौरान कुछ लोग तलवार लेकर पहुंचे थे, इस पर उन्होंने कहा, ये तलवारें पूजा के लिए थीं. बिट्टू बजरंगी ने कहा था, हर साल की तरह इस साल भी हमने शोभा यात्रा निकाली थी. यात्रा का नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर तक और वहां से अन्य इलाकों में जाने का कार्यक्रम था. इसमें जिलेभर से कई महिलाएं, बच्चे और वृद्ध शामिल थे. हमने मंदिर में पूजा की, कीर्तन किए. यहां से वापस जाने का सिर्फ एक तरफ का रास्ता था. कारें वापस जाने लगीं, हम मुश्किल से 500 मीटर की यात्रा कर पाए थे, तभी हमने देखा कि उपद्रवियों ने कारों को आग लगा दी.
बिट्टू बजरंगी ने कहा, हमने देखा कि सड़क के किनारे एक छोटी मस्जिद थी, जहां 200-250 लोग खड़े थे. उनके पास हथियार थे और वे खुले में फायरिंग कर रहे थे. बजरंगी ने कहा, जब दूसरी तरफ से फायरिंग होने लगी तो हमने यूटर्न लिया और वापस मंदिर में जाने का फैसला किया. हमें लगा कि हमारे लिए यही सुरक्षित होगा. मुझे अपने लिए डर नहीं लग रहा था. मैं महिलाओं और बच्चों के लिए डर रहा था. हम नहीं चाहते थे कि मणिपुर जैसा कोई हादसा हो. हम अपनी माताओं के लिए डरे हुए थे.