Explore

Search

November 21, 2024 4:41 pm

Our Social Media:

परसा के फूल ” काव्य संग्रह सहज व सरल कृति – डॉ.विनय पाठक

बिलासपुर/छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद जिला बिलासपुर के तत्वावधान में शहर के प्रतिष्ठित साहित्यकार दिनेश्वर राव जाधव जी के छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह “परसा के फूल” का विमोचन डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के मुख्य आतिथ्य, डॉ. सोमनाथ यादव पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्यक्षता एवं डॉ.विजय सिन्हा जी वरिष्ठ साहित्यकार बिलासपुर के विशिष्ट आतिथ्य में संस्कार भवन सरकंडा में आज संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पूजन अर्चन कर हुआ।स्वागत पश्चात लेखक की कृति का विमोचन मंचाशीन अतिथियों द्वारा किया गया। इस संदर्भ में अपनी बात रखते हुए मुख्य अभ्यागत डॉ. पाठक ने कहा कि परसा के फूल काव्य सृजन रचनाकार की सहजता एवं सरलता को परिलक्षित करती है जो उनकी रचनाओं में भी दिखाई देती है। वरिष्ट कवि डॉ.अजय पाठक जी ने कहा कि कविता तीन जगहों से निकलकर आती है दिल से, दिमाग से और नाभि से।जाधव जी की काव्य कृति में पूरी पारदर्शिता दिखाई देती है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.सिन्हा ने कहा कि एक लेखक अथक प्रयासों से किसी कृति का सृजन करता है।हम उसे पढ़कर अपनी महती प्रतिक्रिया देकर रचनाकार की रचना को सार्थक कर सकते हैं।अध्यक्ष डॉ.यादव ने काव्य संग्रह की तारीफ करते हुए कहा कि परसा के फूल सामाजिक विसंगतियों को इंगित करता एक सार्थक काव्य सृजन है।
विमोचन पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें नगर से आए हुए साहित्यकारों ने आपकी रचनाएं पढ़ीं। कार्यक्रम का सफल संचालन सुधाकर बीबे ने एवं आभार प्रदर्शन महेश श्रीवास ने किया। विमोचन कार्यक्रम में डॉ.राघवेन्द्र दुबे, सनत तिवारी, महेंद्र साहू, विवेक तिवारी, राजेश सोनार, रामेश्वर गुप्ता, बालमुकुंद श्रीवास, विवेक तिवारी, बुधराम यादव, एम डी मानिकपुरी, लेखनी जाधव, विश्वनाथ कश्यप, राजेंद्र मौर्य, गया राम साहू, महेश श्रीवास, शैलेंद्र गुप्ता, राजेंद्र पांडेय, मयंक मणि दुबे, संतोष शर्मा, अश्वनी पांडेय, अनिता सिंह, पलास राव जाधव, सुरभि गायकवाड, प्रशांत गायकवाड़, अनंत राव गायकवाड़, धनेश्वरी सोनी,एस. विश्वनाथ राव, मंतराम यादव, अंजनी कुमार तिवारी एवं नगर के साहित्यकार एवं रचना प्रेमी विशेष रूप से उपस्थित थे।

Next Post

भइया आही कुलकत रांधे खीर , हाय बिधाता कइसे धरिहंव धीर । चोंगी छुइस न झोंकिस बीरा पान , धन रे पोथी हाय रे कन्यादान।" अइसने रचना पढ़के मोर मन म छत्तीसगढ़ी भाषा अऊ साहित्य बर रुझान जागिस " पढ़ें सरला शर्मा दुर्ग के साक्षात्कार

Sat May 20 , 2023
            साक्षात्कार         जय भारती चंद्राकर  1/  अवकाश प्राप्त व्याख्याता( हिंदी ) ….स्वतंत्र लेखन 2 / पति ..स्व. नरेंद्र प्रसाद शर्मा 3/  मोर पिता शेषनाथ शर्मा ‘शील ‘ हिंदी , छत्तीसगढ़ी , बंगला , मराठी , उर्दू भाषा के साहित्यकार रहिन , […]

You May Like