बिलासपुर।मंगलवार देर रात को रतनपुर रोड में जगदम्बा कोल डिपो में चोरी का कोयला मिक्सिंग करने का आरोप लगाते हुए जिन लोगो ने रतन पुर पुलिस थाने में जो रिपोर्ट दर्ज कराया है उस रिपोर्ट में सुनियोजित साजिश के तहत और छवि खराब के उद्देश्य से डिपो में पत्रकार रवि शुक्ला के मौजूद रहने की बात कही गई है जबकि सच्चाई यह है कि रवि शुक्ला उस वक्त अपने घर में थे इसका प्रमाण उनके घर में लगे सीसी कैमरे का फुटेज है । उल्लेखनीय है कि रिपोर्तकर्ताओं ने दो अलग अलग रिपोर्ट में रवि शुक्ला को अलग अलग टाइम में डिपो में खड़े रहने का उल्लेख किया है । एक रिपोर्ट कर्ता ने रात 2 बजे रवि शुक्ला को डिपो में खड़े होना बताया है तो दूसरे ने सुबह 6.30बजे रवि शुक्ला को डिपो में खड़े मिला कहा है। दोनो रिपोर्ट साजिश के तहत और छवि बदनाम करने के उद्देश्य से दर्ज कराई गई है । सवाल यह उठता है कि एक व्यक्ति एक ही समय में दो स्थानों में कैसे उपस्थित रह सकता है ।रिपोर्ट कर्ताओं ने जो वक्त बताया है उस वक्त रवि शुक्ला अपने घर राजकिशोर नगर में मौजूद थे । इस बात का प्रमाण उनके घर का सी सी कैमरा का फुटेज है ।
उल्लेखनीय है कि रतनपुर थाने में पहली रिपोर्ट श्याम किशोर सिंह ने दर्ज कराई की रतनपुर के जगदंबा कोल डिपो में मिक्सिंग कर कोयला चोरी किया जा रहा है। वह रात 2:00 बजे के आसपास उक्त कोल डिपो में जाकर देखा तो उसके कंपनी की 2 गाड़ियां खड़ी हुई थी और काम करने वाले तथा ड्राइवर हम लोगों को देख कर भाग गए जब मैं डिपो पहुंचा तब वहां पर रवि शुक्ला मौजूद था उसी ने डिपो का गेट खोला अंदर जाकर देखा तो हमारी कंपनी की दोनों गाड़ियां ट्रेलर क्रमांक सीजी दस बी जी 0829 और सीजी 10 बीएफ 4195 अभी भी वहां पर खड़ी है रिपोर्ट करता हूं कार्रवाई की जाए ।रिपोर्ट कर्ता श्याम किशोर सिंह पारस ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड का मैनेजर है इसी तरह एक और रिपोर्ट संतोष सिंह जो कि फील कंपनी ब्रांच दीपिका में मैनेजर के पद पर कार्यरत है ने कराया उसके रिपोर्ट का मजमून भी श्याम किशोर सिंह के रिपोर्ट से मिलता जुलता है संतोष सिंह ने रिपोर्ट में कहा कि वह पाली रोड दीपका में रहता है और फील कंपनी ब्रांच दीपिका में मैनेजर है ।दिनांक 22 मार्च को गाड़ी ट्रेलर क्रमांक एच आर 58 सी 17 17 को डी ओ नंबर 8873 में दीपका खदान से कोयला परिवहन करने के लिए बिलासपुर भेजा गया था। यह कोयला की लिफ्टिंग के लिए फील कंपनी ने अमन बाजवा को नियुक्त किया है। अमन बाजवा के द्वारा ही गाड़ी का खदान से लोड कराई गई थी और बिलासपुर घुट्कु कोल वासरी के लिए चालक इंतसार लेकर रवाना हुआ था। गाड़ी खदान से लगभग 8:30 बजे रात को निकली थी दिनांक 23 मार्च की रात लगभग 1:00 बजे हमारी कंपनी के पेट्रोलिंग स्टॉफ विकास शर्मा रतन पुर भरारी गए तो वहां देखे कि हमारी कंपनी की डी ओ में लगी गाड़ी खड़ी दिखाई दी जिससे डिपो के अंदर कोयला चोरी हो रहा था। कंपनी की पेट्रोलिंग गाड़ी देखकर ड्राइवर इंतसार भाग गया सूचना मिलने पर जब मैं सुबह करीब 6:30 बजे जगदंबा प्लांट गया तो रवि शुक्ला हमको प्लांट में खड़े मिला।
रिपोर्ट कर्ता संतोष सिंह और श्याम किशोर सिंह की रिपोर्ट एक जैसे है और उनका उद्देश्य रिपोर्ट लिखा ना नहीं बल्कि रवि शुक्ला की छवि को खराब करना है ।
*ट्रक चालक ट्रक में भरते है ज्यादा कोयला और अतरिक्त कोयले को एड्जस्ट करने रास्ते के डिपो में बेचते है ,यही है सच्चाई
यह उल्लेखनीय है कि कोयला खदान से ट्रक भरकर निकलने वाले ज्यादातर ट्रक चालक अपने ट्रकों में निर्धारित मात्रा से कुछ ज्यादा कोयला डालकर निकलते हैं और इस एडजस्टिंग कोयले को रास्ते में किसी भी कोल डिपो में वे बेच देते हैं। इसमें नया कुछ नहीं है।
कोयला चोरी ही नही हुआ
सच्चाई तो यह है कि रतनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले लोगों के ट्रक से कोयला चोरी ही नहीं हुआ है चारों कोने ट्रक चालकों ने अपने अपने ट्रकों में लोड किए एडजस्टिंग कोयले को ही बेचने के लिए रास्ते के कोल डिपो में अपनी ट्रक खड़ी की लेकिन रिपोर्ट कर्ताओं ने ट्रकों से कोयले चोरी की रिपोर्ट तो दर्ज कराई है साथ में रवि शुक्ला की छवि धूमिल करने की कोशिश की ।उल्लेखनीय है कि रवि शुक्ला एक अधिमान्य पत्रकार और दैनिक अखबार में पिछले 30 सालों से पत्रकार है उनकी छवि खराब करने की कोशिश जिन लोगों ने की है वे खुद दूध के धुले नही हो सकते ।मौके से ट्रक चालकों का भाग जाना भी यह साबित करता है कि ट्रक चालक एडजस्टिग कोयला बेचते है और यह सामान्य सी प्रक्रिया है ।
*पूरा मामला ही संदिग्ध,कोल वासरी के पेट्रोलिंग स्टॉफ की मिलीभगत से इंकार नहीं
इस पूरे मामले में एक बात गौर करने लायक है कि अलग अलग कंपनी के जिन दो लोगों ने रतनपुर थाने में रिपोर्ट लिखाई है उनके दोनों के रिपोर्ट में विकास शर्मा को कंपनी का पेट्रोलिंग स्टॉफ बताया गया है ।सवाल यह उठता है कि एक ही व्यक्ति दो-दो कंपनी में पेट्रोलिंग स्टाफ की नौकरी कैसे कर सकता है ?इस तरह पूरा मामला ही संदिग्ध जान पड़ रहा है और यह भी आशंका हो चली है कि पेट्रोलिंग स्टाफ के लोग अपनी उपरी कमाई के लिए कही यह गोरख धंधा तो नही कर रहे है ?यह भी संभव है कि अपने ही ट्रक ड्राइवरों से मिलीभगत कर ऊपरी कमाई की नियत से डिपो में कोयला बेचने की साजिश की गई हो।