बिलासपुर । नगर निगम बिलासपुर की सीमा क्षेत्र में वृद्धि करते हुए तिफरा नगर निगम और सकरी तथा सिरगिट्टी नगर पंचायत समेत जितने भी ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया है उसका परिसीमन करते हुए प्रभावित ग्राम पँचायतों के सरपंचों का अधिकार तत्काल समाप्त कर उनसे पंचायत से सम्बंधित शास्ति व हिसाब किताब ले लिया गया । कुछ सरपंचों ने भले ही जिला पंचायत से आदेश नही आने का हवाला दे पदभार नही सौपा है। मगर लाख टके का सवाल यह है जब सरपंचों का अधिकार समाप्त कर दिया गया है तो उस क्षेत्र के जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का पद क्यो समाप्त नही किया गया ? ये सदस्य अभी भी अपने पदों पर बने हुए है । जिससे इन पदों की वैधानिकता पर प्रश्न खड़ा हो रहा है । तत्कालिक तौर पे देखा जाए तो ये सदस्य अब नियम विरुद्ध बिलासपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र के जिला पंचायत और जनपद सदस्य हो गए है जबकि निगम में ऐसा कोई पद नही है ।
राज्य शासन द्वारा बिलासपुर नगर निगम में तिफरा , सिरगिट्टी और सकरी नगरीय निकायों के साथ ही शहर से लगे ग्राम पंचायतों मंगला , कोनी ,बिरकोना ,बहतराई,खमतराई , बिजौर , परसाही ,मोपका , चिल्हाटी ,देवरीखुर्द , दो मोहानी , परसदा ,घुरू अमेरी ,और उसलापुर को शामिल कर दिया गया है । परिसीमन के बाद सारे पंचायतों के सरपंचों का अधिकार समाप्त करते हुए उनसे चार्ज ले लिया गया है यानि सरपंचों वाले उपरोक्त सभी ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है और उपरोक्त सभी ग्राम पंचायत विधिवत बिलासपुर नगर निगम का हिस्सा हो चुके है ।
जब ये ग्राम पंचायते अब ग्राम पंचायत ही नही रहे तो उस क्षेत्र से निर्वाचित हुए जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य अभी तक पद पर कैसे बने हुए है यह अहम प्रश्न है जिसका जवाब फिलहाल किसी अधिकारी के पास नही है । बिलासपुर नगर निगम का अभिन्न हिस्सा हो चुके उक्त पंचायतों के अंतर्गत 7 जनपद सदस्य और 2 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे और ये अभी भी कार्यरत है । आश्चर्य तो यह है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो जाने के बाद भी ये जनपद और जिला पंचायत सदस्य शासकीय बैठकों में शामिल हो रहे है और अधिकारियो के पास इसका कोई उत्तर नही है ।
इस बारे में उपसंचालक पंचायत श्री शुकला का कहना था कि अभी जनपद पंचायत और जिला पंचायत के सदस्यों के बारे में राज्य शासन से कोई स्पष्ट आदेश नही आया है । मंगलवार को संचालक पंचायत से अभिमत मांगा जाएगा उसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि नगर निगम में शामिल पंचायतों के क्षेत्र से निर्वाचित हुए जनपद और जिला पंचायत सदस्यों की क्या स्थिति रहेगी । यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि वे पद पर बने रह सकते है या नही । अभी तक राज्य शासन से प्रभावित ग्राम पंचायतों के सरपंचों को लेकर ही आदेश आये थे जिसका विधिवत पालन किया जा रहा है ।