बिलासपुर । एक तरफ अधिकारी कर्मचारियों की कल से शुरू हो रही राज्यव्यापी हड़ताल तो दूसरी तरफ 24 अगस्त को नौकरी रोजगार और बेरोजगारी भत्ते की मांग को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की घोषणा को देखते हुए राज्य शासन ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारी उनके नेता तथा सीएम हाउस का घेराव करने वाले आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटने के लिए पूरे प्रदेश भर से अधिकारियों को राजधानी बुलाया गया है और 22 अगस्त से 24 अगस्त तक उनकी ड्यूटी मुख्यमंत्री निवास के बाहर लगाया गया है साथ ही मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचने वाले तमाम रास्तों को बंद करने का भी निर्णय लिया गया है ताकि कोई भी आंदोलकारी कोई भी रास्ते से सी एम हाउस तक नहीं पहुंच सके। इधर अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल से लिपिक वर्गी कर्मचारी संघ ने किनारा कर लिया है ।संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद हड़ताल पर नहीं जाने का निर्णय लिया है। कल 22 अगस्त को अधिकारी कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए शासन में कलेक्टर और एस पी को एक पत्र भेजकर कहा है कि जो अधिकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं होना चाहते है और अपने दफ्तर जाना चाहते हैं ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को दफ्तर तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है और विवाद भी हो सकता है इसलिए ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो काम पर दफ्तर पहुंचा चाहते हैं उन्हें सुरक्षा प्रदान किया जाए। इस तरह यह स्पष्ट हो गया है कि अधिकारी कर्मचारी और मुख्य मंत्री निवास का घेराव करने वाले लोगों से राज्य शासन ने सख्ती से निपटने का निर्णय ले लिया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन प्रांतीय निकाय द्वारा केंद्र के समान देय तिथि से लंबित 12% महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की अपनी दो सूत्रीय प्रमुख मांगो को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे ।जिससे सभी शासकीय कार्यालय बंद रहने के साथ-साथ प्रदेश के न्यायालय भी बंद रहेंगे । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन केमुताबिक , छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है व छठवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है राज्य कर्मचारी 12% महंगाई भत्ता में पीछे चल रहे हैं वही छठवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लगातार इस मांग को शासन के सम्मुख रखा जाता रहा है लेकिन शासन इस पर संज्ञान नहीं ले रही है।