छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ठाकुर और सत्ताधारी दल के विधायक विक्रम शाह मंडावी के बीच संबंधों में लगता है काफी दरारें आ गई है। मंडावी को 2019 में विधायक बनवाने में अजय सिंह ठाकुर की बहुत बड़ी भूमिका रही है लेकिन अब वह बात नहीं रही ।अजय सिंह ठाकुर विधायक मंडावी के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं ।उन्होंने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधायक मंडावी की भूमिका को भी उन्होंने संदिग्ध बताया है। इस तरह बस्तर संभाग में कांग्रेसी नेताओं के बीच यदि इस तरह का मतभेद होता रहा तो वर्ष 2019 के चुनाव परिणाम जैसा वर्ष 2024 के चुनाव के नतीजे नहीं रह पाएंगे और इससे कांग्रेस को नुकसान भी हो सकता है ।विधायक मंडावी और युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ठाकुर के बीच जारी अनबन और आरोपों को देखते हुए बस्तर के कतिपय भाजपा नेता युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह के इर्द गिर्द चक्कर लगाना शुरू कर दिए है ताकि उसे भाजपा में शामिल कर चुनावी वर्ष में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सके ।समय रहते अगर विधायक मंडावी और अजय सिंह ठाकुर के बीच सुलह नहीं कराया जाता है तो कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
कहते है राजनीति में कोई किसी का सगा नही होता और दुश्मनी तथा दोस्ती स्थाई नहीं होता ।समय और काल के हिसाब से राजनैतिक परिदृश्य में दोस्ती दुश्मनी में और घोर दुश्मनी भी दोस्ती में बदल जाती है ।राजनीति में मौका मिलने पर अपनो को भी दगा देने की नौबत आ गई तो वह भी कर देने कोई हिचक नहीं होती । बात बीजापुर जिले की राजनीति की है ।यह सच्चाई है कि जिसने व्यक्ति ने अपने कंधे में बैठाकर जिस शख्स को विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखवाकर विधायक बनवाया अब वही शख्स उस व्यक्ति का कान काट रहा हैं जिसने कंधे पर बिठा राजनीति सिखाया ।सत्ता में काबिज़ होने के बाद इनके सुर और तेवर दोनों बदल गए हैं । इन्हे पार्टी से जुड़े नेताओं से नहीं बल्कि ठेकेदारों से दोस्ताना निभाने में आनंद आता है l आरोप है कि अपने चहेतों को सरकारी कामों का ठेका दिलवाकर कमीशन से झोली भर रहे हैं । अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में परिणाम पार्टी के लिए विपरीत भी हो सकता है l यह सही है कि वर्तमान में बस्तर संभाग की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा को सोचनीय पराजय के लिए विवश कर दिया लेकिन कांग्रेस की लड़ाई से पासा पलट भी सकता है ।
हम बात कर रहे है बीजापुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के युवा नेता एवं विधायक विक्रम शाह मंडावी की, कभी इनके बेहद करीबी माने जाने वाले युवा आयोग के सदस्य अजय सिंग ठाकुर ने बेहद गंभीर आरोप लगा कर विधायक विक्रम सिंह मंडावी की राह में कांटे बिछाना शुरू कर दिया है l श्री ठाकुर का कहना है कि विपक्ष में रहने के दौरान हमने जमीनी स्तर पर कॉंग्रेस पार्टी के लिए जो मेहनत की वो किसी से नहीं छुपा है l बीजापुर विधानसभा सीट वर्ष 2008 के बाद पूरी तरह बीजेपी गढ़ हो गया था ।दरअसल कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेंद्र पामभोई के हाँथ से सीट फिसल कर भाजपा की झोली में आ गई और महेश गागड़ा विधायक हुए जो लगातार दो बार विधायक चुने गये साथ की उन्हें संसदीय सचिव फिर दूसरी बार वर्ष 2013 के चुनाव में विक्रम मंड़ावी को परास्त कर कैबिनेट के मंत्री पद पर अपनी जगह बना ली l दो बार कांग्रेस की पराजय के बाद मानो इस सीट को हासिल करना कांग्रेस और क्षेत्रीय नेताओं के लिए लोहे के चने चबाने जैसा हो गया था, बावजूद इसके हमने पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा के साथ काम किया और धुर नक्सल ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच कर एक एक वोट हासिल की, परन्तु अब शायद पार्टी को हम जैसे जुझारु कार्यकर्ताओ की आवश्यकता नहीं है l क्षेत्रीय विधायक अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं l हमने नागरिकों से विकास का वादा किया था मगर हमारे विधायक चंद ठेकेदारों के हितैशी बने बैठे हैं जो सरकारी काम काज का ठेका अपने चेहेतों को दिलवा रहे है l
उन्होंने कहा विधायक विक्रम मंडावी को यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि आज वे जिस पद पर हैं , वह कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है उनके अकेले का परिश्रम नही है l विधायक की कार्यशैली के खिलाफ हमने आवाज उठाई किन्तु अफ़सोस हमारे प्रदेश के मुखिया के पास हमारी बात सुनने का वक्त नहीं है l इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से मिलने की कई बार कोशिश की गई, उनके सचिव को पत्र लिखा, व्यक्तिगत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वाट्सअप में मैसेज किया, जिसका कोई जवाब नहीं आया l ऐसा लगता है मानों बीजापुर विधानसभा में पार्टी से केवल विधायक ही है अन्य कोई नेता या कार्यकर्ता नहीं l यहाँ तक की मुझे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में प्रवेश की भी अनुमति नहीं है जो बेहद दुखद है l मेरे मेहनत का मुझे अब अपने ही पार्टी से यह सिला मिल रहा है l हम अभी भी कांग्रेस की विचार धाराओं पर चल रहे है लेकिन विधायक अपने मकसद के आगे आम जनता के हित को भुला बैठे हैं l
उल्लेखनीय है यह वही अजय सिंग ठाकुर हैं जिन्होंने विक्रम शाह मंडावी को जीत दिलाने बीजापुर विधानसभा में जमीन स्तर पर अपनी ताकत झोंक दी थी l इस बात का ज़िक्र करना आवश्यक हो गया हैं क्योंकि विक्रम शाह मंडावी , बस्तर संभाग क्षेत्र के कद्दावर नेता कहे जाने वाले बीजेपी के महेश गागड़ा का सामना एक बार कर चुके थे और इस दौरान उन्हें 9 हजार से अधिक मतों से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा , वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में हर संभव जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस हाई कमान उन चेहरों की तलाश में थी जो पार्टी में रहकर क्षेत्र में जमीनी मजबूत पकड़ रखे हुए हो और जीत हासिल करने की काबलियत रखते हों उन्हें टिकट दिया जा रहा था ऐसे में हारे हुए प्रत्याशियों को टिकट देना यानी लंगड़े घोड़े को रेस में उतार कर दाव लगाने का बड़ा रिस्क कांग्रेस आलाकमान 2018-19 के चुनाव में नहीं लेना चाहते थे इन सारी परिस्थिति को देखते हुए दूसरी बार श्री मंडावी को कांग्रेस से टिकट मिलना नामुमकिन था l बीजापुर के राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है की विक्रम शाह मंड़ावी की 2018-19 के विधान सभा चुनाव में टिकट कटने की सुग बुगाहट लगते ही अजय सिंग ठाकुर ने उनके टिकट के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाई थी l टिकट पाने और फिर जीत हासिल करने में विक्रम शाह मंडावी के लिए अजय सिंह ठाकुर ने क्या क्या नहीं किया मगर अब दोनो के रास्ते जुदा है ।वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पहले तो यह यक्ष प्रश्न कि क्या श्री मंडावी को फिर से कांग्रेस की टिकट मिलेगी?और यदि मिल भी जाती है तो उन्हें अजय सिंह ठाकुर जैसे चुनावी योद्धा और सफल चुनावी प्रबंधन कार मिल पाएगा ?प्रश्न यह भी कि कांग्रेस के युवा नेता होने के नाते अजय सिंह ठाकुर श्री मंडावी की वैसी ही मदद करेंगे जैसा 2019 में किए थे?यदि उत्तर ना में होगा तो श्री मंडावी को चुनावी वैतरणी पार कर पाना मुश्किल होगा ।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता पर नाखून के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया विधायक घेरने की कोशिश:
छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम ब्लॉक के 13 स्टॉप डेम की मरम्मत किए बगैर जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने 18 लाख रुपए डकार लिए हैं। इस भ्रष्टाचार के खेल में विधायक विक्रम मंडावी की शामिल हैं। यह सनसनीखेज आरोप लगा मामले का खुलासा युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने किया है। अजय सिंह ने पूरे प्रकरण में विधायक और अधिकारी दोनों की मिलीभगत से लाखों रुपए गबन करने का गंभीर आरोप लगाया है। इसके अलावा उन्होंने विधायक को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनके पास हिम्मत हो तो इस मामले की जांच करवाएं।
दरअसल, अजय सिंह ने भोपालपट्टनम में प्रेस वार्ता ली। उन्होंने यहां अपने ही सरकार में विधायक विक्रम मंडावी और जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अजय के मुताबिक उन्होंने पूरे मामले की तह तक पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि जून माह में 13 स्टॉप डैम के मरम्मत के लिए DMF और मनरेगा से 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मरम्मतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया था चूंकि 15 जून के बाद बीजापुर में मानसून सक्रिय हो गया था और जुलाई माह में बाढ़ की वजह से जिले में हालात बिगड़े हुए थे। ऐसे समय में जल संसाधन विभाग के विभाग प्रमुख की तरफ से यह दावा किया जाना कि डैम का मरम्मतीकरण कार्य हुआ है, यह बात सतह पर झूठ साबित हुई। उन्होंने कांग्रेस के ही स्थानीय नेताओं के माध्यम से इसकी पड़ताल करवाई तो उनका शक सही निकला। लीपा पोती तो दूर EE मौके पर झांकने तक नहीं गए। बगैर सब इंजीनियर के मूल्यांकन कराए बिना स्थानीय लोगों, विभाग को गुमराह कर EE ने गुपचुप तरीके से DMF की 18 लाख 61 हजार 430 रुपए का गबन कर लिया। इसमें विधायक का भी हाथ है।
जिला पंचायत सदस्य के पिता के खाते में राशि
मामले में एक और बड़ा खुलासा करते हुए अजय ने कहा कि EE के भ्रष्टाचार के अपने मकसद को पूरा करने बड़ी प्लानिंग की गई थी। जिला पंचायत सदस्य सरिता चापा के पिता गणपत कोर्राम के जीएसटी नंबर के जरिए उसके खाते में रकम जमा करवाई गई। जबकि गणपत कोर्राम कोई व्यवसायी भी नहीं हैं। बावजूद उनका जीएसटी नंबर है। इस तरह EE ने मूसलाधार बारिश के बावजूद रिकॉर्ड में मरम्मतीकरण कार्य को दर्शाते हुए गणपत कोर्राम से जीएसटी नंबर हासिल कर DMF की राशि पर हाथ साफ कर लिया। 13 डैम का होना था मरम्मत। कलेक्टर पर भरोसा नहीं कमिश्नर से करूंगा शिकायत युवा आयोग सदस्य ने कहा कि, उन्हें बीजापुर कलेक्टर पर भरोसा नहीं है, इसलिए पूरे मामले को लेकर वे बस्तर कमिश्नर से मिलकर उन्हें शिकायत करेंगे। इसके अलावा कोतवाली में लिखित शिकायत भी करेंगे। जरूरत पड़ी तो पूरे मामले को लेकर उच्च स्तर तक जाएंगे, लेकिन किसी भी हाल में भ्रष्टाचार की जांच कराकर रहेंगे। इस मामले में जब हमने विधायक विक्रम मंडावी का पक्ष जानने उन्हें फोन किया तो उनका नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया। वहीं जब कलेक्टर राजेंद्र कटारा से इस मामले पर दैनिक भास्कर ने बात की तो उन्होंने क्या बयान चाहिए कहकर फोन काट दिया। यहां होना था मरम्मतीकरण कार्य भोपालपट्टनम ब्लॉक में जलसंसाधन विभाग के तहत कुल 13 स्टॉप डैम के मरम्मतीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसमें चेरपल्ली, संगमपल्ली, पोषड़पल्ली, सण्डरापल्ली, अंगमपल्ली, गिलगिच्चा, अन्नारम, यापला, वाडला, बुरगुड़ा, नेरलावागु, गोखूर, मीनूर शामिल हैं।