विगत 02 अगस्त को फीमी (भारतीय खनिज उद्योग संघ) द्वारा दिल्ली में वार्षिक बैठक का आजोजन किया गया था जिसके दौरान एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक सुमित देब को फीमी के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व वह फीमी के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। इस 56वीं वार्षिक बैठक का आयोजन ओखला, दिल्ली में किया गया था।
श्री देब ने कहा कि, “एफआईएमआई (फीमी) का नेतृत्व करना एक सम्मान की बात है और मैं अपनी रणनीतिक योजनाओं को क्रियान्वित करने और अपने वित्तीय उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तत्पर हूँ।“
श्री देब ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ़ उड़ीसा एंड टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर से की है तथा उन्होंने अपने करियर की शुरुवात राष्ट्रीय इस्पात निगम से की थी तथा कई वर्षों की सेवाओं के बाद उन्होंने 2015 में एनएमडीसी में महाप्रबंधक (वाणिज्यिक) के पद पर कार्यभार संभाला था। जिसके बाद वे पदोन्नत होकर अधिशासी निदेशक बने तथा वर्ष 2019 में निदेशक (कार्मिक) पदभार लेने के उपरांत 2020 से कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यभार संभाल रहे हैं।
एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक सुमित देब के फीमी के अध्यक्ष बनने पर एनएमडीसी के कर्मचारियों ने हार्दिक बधाईयाँ प्रेषित की हैं।
उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व के फलस्वरूप विभन्न कंपनियों के साथ साझेदारी करते हुए एनएमडीसी को नई ऊचाईयाँ प्राप्त करवाईं हैं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2021-22 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस बैठक के दौरान एनएमडीसी लिमिटेड के बैलाडीला लौह अयस्क खनन, बचेली काम्प्लेक्स ने पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन के लिए मिश्रीला जैन पर्यावरण पुरस्कार जीता है।
पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के माध्यम से सतत विकास के राष्ट्रीय लक्ष्य में माइंस के उत्कृष्ट योगदान के लिए एनएमडीसी, बचेली माइंस को फीमी मिश्रीला जैन पर्यावरण पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार को बी. वेंकटेश्वरलु, मुख्य महाप्रबंधक (उत्पादन), बचेली ने स्वीकार किया था।
इनपुरस्कार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, श्री बी. वेंकटेश्वरलु, मुख्य महाप्रबंधक (उत्पादन), बचेली ने कहा, “एनएमडीसी में हम ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, और स्थिरता तथा अन्य पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन पहलुओं पर विशेष ध्यान देते हैं। इसमें कंपनी के सभी कर्मचारियों का विशेष रूप से योगदान रहा है जिसके परिणामस्वरूप कंपनी अपने उद्देश्यों को पूरा कर पा रही है।“