बिलासपुर ।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विघालय सेमरताल में आयोजित शिक्षक दिवस कार्यक्रम में मुख्य अभ्यागत की आसंदी से शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष इंजीनियर लक्ष्मीकुमार गहवई ने शिक्षको और बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक हर युग में प्रासंगिक हैं, जब तक गुरुओं का मान सम्मान होगा तब तक ज्ञान की रौशनी व्याप्त रहेगी। शिक्षको की मेहनत, कौशल और अध्यापन विघार्थियों को नवजीवन देता है। इसलिए समाज का सबसे सम्मानीय पद है शिक्षक। सृजन, संस्कार और शिक्षा के साक्षात स्वरुप हैं शिक्षक। कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ सरस्वती व सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा की पूजा अभ्यागतों ने की।
इस अवसर पर प्राचार्य सुनीता शुक्ला ने बच्चों को शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएँ दी। साथ ही कहा कि गुरु की डाँट भी सीख होती है। इसलिए शिक्षको के कथनों को हमेंशा आशिर्वाद मानना चाहिए। विधायक प्रतिनिधी सतीश धीवर ने शिक्षको को कठिन मेहनत का पर्याय बताया। सुरेंद्र पाण्डेय ने शिक्षको के सम्मान को भारतीय संस्कृति का आधार कहा। व्याख्याता सीमा ठाकुर ने शिक्षको के लिए अध्यापन कार्य को समर्पण के साथ करने को कहा। व्याख्याता राजेश शर्मा ने शिक्षक दिवस को बच्चों के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि ये सम्मान हमेंशा होना चाहिए। हिन्दी की व्याख्याता वर्षा भट्ट ने सुमधुर प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। सहायक शिक्षक धीरेन्द्र पाठक ने बच्चों को लगन पूर्वक पढ़ाई करने और शिक्षको का सतत सम्मान करने का आहवान किया। इस अवसर पर प्रबंध समिति के अध्यक्ष इंजी. लक्ष्मीकुमार गहवई ने स्कूल के सभी शिक्षकों को श्रीफल और लेखनी भेंट कर सम्मानित किया। स्कूल के विघाथर््िायों ने समस्त शिक्षकों, अभ्यागतों का तिलक लगाकर स्वागत किया साथ ही उन्हें नारियल भेंट किया। विघार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। व्याख्याता अनिल कुमार वर्मा ने प्रबंध समिति को शिक्षक दिवस कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षको के सम्मान करने के लिए धन्यवाद दिया।
साथ ही कहा कि आज हमें वास्तविक खुशी मिली है क्योंकि ये आयोजन प्रबंध समिति और बच्चों ने स्वस्फूर्त किया है। कार्यक्रम का संचालन कक्षा बारहवी की छात्रा रीतु भारती, पायल धीवर और प्रांसी सिंह ने किया। कार्यक्रम में शाला के व्याख्याता आर सी रात्रे, अदिति दुबे, जागेश्वरी पान्डेय, सपना शर्मा, ज्योति यादव, अभिलाषा मिश्रा, रुपाली श्रीवास्तव, ग्रंथपाल टीकाराम लहरे, लिपिक सुखनंदन यादव, मौजूद थे। कार्यक्रम को सुचारु रुप देने में बलराम बासपयी, अमन अग्रवाल, देवराज धीवर, साहिल साहू, दिनेश साहू, ज्योति धीवर सहित सभी बच्चों का योगदान रहा।