बिलासपुर ।चुनावी साल है और शह तथा मात का खेल कायदे से कांग्रेस और भाजपा के बीच होनी चाहिए मगर असली शह और मात का खेल कांग्रेस नेताओ के बीच चल रही है ।भाजपा के नेताओ ने इसका फायदा उठाना चाहा मगर एन वक्त पर मामला गड़बड़ा गया ।जी हां यह पूरा वाकया पुलिस ग्राउंड में नगर निगम द्वारा हर साल दशहरा के दिन रावण दहन समारोह आयोजित करने को लेकर था ।महापौर रामशरण यादव की माने तो समारोह नही करने की खबर सिर्फ अफवाह थी और रावण दहन कार्यक्रम नगर निगम कर रहा है ।आयोजन नही करने को लेकर न तो मैने कोई बयान दिया है और नही किसी ने इस बारे में मुझसे बात की है।सवाल यह उठता है कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पुलिस ग्राउंड में दशहरा समारोह इस साल नही करने का बयान देने निगम सभापति शेख नजरुद्दीन को किसने निर्देश दिया ?और फिर निगम सभापति ही क्यों? निगम आयुक्त या और भी अधिकारी यह बात बता सकते थे।सभापति का यूज आखिर किसने किया?निगम सभापति अल्पसंख्यक वर्ग के है और रावण दहन समारोह के बारे में उनके बयान को लेकर भाजपा योजनाबद्ध ढंग से फायदा उठाने की कोशिश में लग गया था पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के बयान को गौर से सुने तो समझने वाले अच्छी तरह समझ सकते है हालांकि श्री अग्रवाल ने बड़े ही चतुराई के साथ निगम सभापति के बयान का उल्लेख करते हुए गोलमोल ढंग से ही सही जो बातें जिनको बताना था उन्होंने बता दिया ।कांग्रेस नेताओं को सावधान हो जाना चाहिए ।दो दिन पहले तक निगम द्वारा रावण दहन का आयोजन नही करने की खबरें सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रमुखता से आ गई चूंकि रावण दहन समारोह जन सरोकार और वर्षो से धार्मिक श्रद्धा से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए यह मुद्दा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पंहुचा ।शहर विधायक शैलेष पांडेय अखबारों में छपी कतरनो को लेकर मुख्यमंत्री के पास के पास पहुंच गए और रावण दहन के कार्यक्रम को रद्द नही करने का आग्रह करते हुए कहा कि समारोह का मुख्य अतिथि कौन हो यह महत्वपूर्ण नही है लेकिन आयोजन होना चाहिए ।मुख्यमंत्री ने विधायक की बातों को गंभीरता से सुना और बिलासपुर कलेक्टर को पता नही क्या कहा कि एक दिन बाद पुलिस मैदान में समारोह आयोजित करने की तैयारी करने कांग्रेस के कई नेता ,महापौर,निगम के अधिकारी पहुंच गए ।रावण का पुतला बनाने और पटाखे का आनन फानन में आदेश और टेंडर हो गए ।रावण दहन के लिए नगर निगम के मेयर इन कौंसिल द्वारा वर्ष १९९६ में प्रस्ताव पारित कर मुख्य अतिथि शहर विधायक को ही बनाने का निर्णय 3लिया गया था ।इसी के चलते पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल लगातार मुख्य अतिथि बनते रहे हालांकि एक बार तात्कालिक महापौर उमाशंकर जायसवाल जो भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो गए थे,ने रावण दहन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल न हो इसके लिए भारी विरोध और हो हल्ला किया लेकिन अंत में पीछे हटना पड़ा इसी तरह कांग्रेस की महापौर वाणी राव भी नही चाहती थी कि अमर अग्रवाल मुख्य अतिथि हों ।उन्होंने भी समर्थकों के साथ सिविल लाइन थाने के सामने धरने पर बैठ गई थी लेकिन राजधानी से आए निर्देश के बाद उन्हें भी पीछे हटना पड़ा।अब बात करें भाजपा नेताओ और पार्षदों की तो उन लोगो ने चुनावी वर्ष में जनभावनाओं का फायदा उठाने कलेक्टर को आवेदन दे कहा कि निगम यदि समारोह करने में असमर्थ है तो भाजपा और भाजपा पार्षद दल समारोह आयोजित करने में समर्थ है इसलिए हमे मौका दिया जाए।ये तो एन वक्त पर महापौर और अन्य नेताओं ने पुलिस मैदान पहुंचकर पुलिस ग्राउंड में नगर निगम द्वारा रावण दहन समारोह हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी किए जाने की घोषणा की । (देखिए महापौर ने क्या कहा )
रावण दहन की परंपरा को बरकरार रखा जाएगा: रामशरण
० पर्यटन मंडल के अध्यक्ष व महापौर ने कांग्रेस नेताओं और निगम अफसरों के साथ पुलिस ग्रांउड का किया निरीक्षण
बिलासपुर। पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव व महापौर रामशरण यादव ने रविवार सुबह कांग्रेस नेताओं और निगम अफसरों के साथ पुलिस ग्राउंड में दशहरा उत्सव की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने निगम अफसरों को जल्द ही रावण का पुतला बनवाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
25 साल से पुलिस ग्राउंड में दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। कोरोना काल के कारण दो साल उत्सव स्थगित रखा गया। पिछले कुछ दिनों से शहर में यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि इस साल भी पुलिस ग्राउंड में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाएगा। इससे जनभावनाओं को ठेस पहुंच रही थी। जबकि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए महापौर श्री यादव ने पहले से ही नगर निगम को दशहरा उत्सव की तैयारी करने के निर्देश दे दिए थ्ो। उन्होंने पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक, निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी के साथ रविवार सुबह पुलिस ग्राउंड का निरीक्षण किया। पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव ने मैदान की साफ-सफाई के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दशहरा से पहले करने के निर्देश दिए। कमिश्नर श्री त्रिपाठी ने मौके पर मौजूद निगम के इंजीनियरों को तत्काल तीव्र गति से तैयारी पूरी करने कहा। मेयर श्री यादव का कहना है कि शहर में जो भी परंपराएं चली आ रही हैं, उसे खत्म नहीं होने दिया जाएगा। किसी भी परंपरा को निर्वहन करने में आर्थिक समस्या बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ग्राउंड में पूर्व मेयर राजेश पांडेय के कार्यकाल साल से दशहरा उत्सव मनाने की जो परंपरा चली आ रही है, उसे बरकरार रखा जाएगा। हमने कभी भी पुलिस ग्राउंड में दशहरा उत्सव नहीं मनाने के संबंध में कोई भी निर्णय नहीं लिया है। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय, पार्षद रामपकाश साहू, सीमा घृतेश, प्रियंका यादव, स्वर्णा शुक्ला, शाहिद कुरैशी, प्रभारी ईई अनुपम तिवारी, गोपाल ठाकुर, सुरेश शर्मा, सब इंजीनियर भीमेंद्र गौतम आदि मौजूद रहे।
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कमिश्नर ने अफसरों की लगाई ड्यूटी
नगर निगम आयुक्त श्री त्रिपाठी ने दहशरा उत्सव मनाने के लिए अपर आयुक्त राकेश जायसवाल, अधीक्षण अभियंता नीलोत्पल तिवारी को नोडल अधिकारी, उपायुक्त राजेंद्र कुमार पात्र व उपायुक्त सती यादव को सहायक नोडल अधिकारी बनाया है। अन्य अधिकारियों को टेंट, मंच, बैठक, मैदान, बेरिकेटिंग, गैलरी, राम दरबार आदि की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।