
बिलासपुर ।राज्य सरकार द्वारा जिस तरह नगरीय निकायों के चुनाव में सुनियोजित ढंग से महापौर ,नगर पालिका अध्यक्ष का सीधे जनता से प्रत्यक्ष चुनाव न कराकर पिछले दरवाजे से पार्षदों द्वारा निर्वाचन कराकर नगरीय निकायों में कब्जा किया गया उसी तरह प्रदेश के सेवा सहकारी समितियों में भी अशासकीय व्यक्तियों की नियुक्ति करके सरकार और कांग्रेस ने यह बता दिया है कि उसने अपना जनाधार खो दिया है ।
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक प्रवीण दुबे ने उक्त आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ के सेवा सहकारी समितियों में प्रदेश के कांग्रेस सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के रूप मे अशासकीय व्यक्तियों की नियुक्ति इस बात को दर्शाता है कि प्रदेश के कांग्रेस सरकार किसानो का भरोसा खो चुकी है इसी कारण सोसाइटी में चुनाव कराने के बजाय प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति कर रहे हैं, विधान सभा चुनाव 2018 मे कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए बड़े बड़े वादे किए और किसानो ने कांग्रेस पर भरोसा किया जिससे छत्तीसगढ मे कांग्रेस की सरकार बनी, सरकार बनते ही किसान विरोधी अभियान में लग गए जैसे प्रति एकड़ सिर्फ 15 क्विंटल धान खरीदी,खेतो का रकबा कम करना, खाद, बीज की कमी किसानो को समय पर किसान क्रेडिट कार्ड में पैसे न मिलना और विभिन्न प्रकार से प्रताड़ना किसानो को करने लगे जिसके कारण प्रदेश के किसान वर्तमान कांग्रेस सरकार से खासा नाराज़ हैं ये बात प्रदेश सरकार बहुत अच्छे से जानती है की कांग्रेस प्रदेश में किसानो का भरोसा खो चुकी है जिसके कारण सहकारिता चुनाव कराने से डर रही है और समितियों में अशासकीय व्यक्तियों को प्राधिकृत अधिकारी के रूप में नियुक्ति कर रही है जो बिल्कुल ही किसान विरोधी अभियान है हम इस नियुक्ति का विरोध करते हैं और छत्तीसगढ की कांग्रेस सरकार से मांग करते हैं किसानो के हित को ध्यान में रखते हुए अविलम्ब समितियों में चुनाव कराया जाए यह बात भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक प्रवीण कुमार दुबे ने कही और साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समितियों में चुनाव नही कराती है तो हम प्रदेश के किसानो के हित को ध्यान में रखते हुए धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनायेगे और किसानो के हित की लड़ाई लड़ेंगे।