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November 21, 2024 10:21 pm

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देवेंद्र यादव और तोखन साहू के बीच कड़ी टक्कर,वोटरों को लुभाने दोनो की रणनीति जबर्दस्त,मंदिर मुद्दा और मोदी की गारंटी हावी तो संविधान की सुरक्षा और महंगाई के मुद्दे भी वोटरो में छाया हुआ है

बिलासपुर। लोकसभा चुनाव की  तीसरे चरण के मतदान के लिए अब सिर्फ  5 दिन इस शेष रह गए हैं जिसके लिए चुनाव प्रचार में तेजी आ गई है ।बिलासपुर लोक सभा क्षेत्र में सर्वाधिक  37 प्रत्याशी  मैदान है ।कुल मिलाकर पूरा प्रचार जातिगत समीकरण के इर्द गिर्द घूम रहा है और चुनाव परिणाम भी जातिगत वोट से ही निर्धारित होगा । इस लोकसभा क्षेत्र में  सर्वाधिक ओबीसी और अजा के  मतदाताओं का वोट हासिल करने में जो भी उम्मीदवार  सफल होगा उसी के सिर जीत का ताज होगा । आठ विधानसभा क्षेत्रों में साहू,यादव और कुर्मी मतदाताओं की संख्या काफी है ।कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी पिछड़ा वर्ग के इन्ही वोटरो को लुभाने में लगे है हालांकि सामान्य वर्ग के वोटरों से भी मेल मुलाकात का दौर चल रहा है तो अल्पसंख्यक वोटरों को भी प्रत्याशी अपने पक्ष में करने पूरी कोशिश में लगे हुए हैं ।

पूरे देश की तरह बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू और उसकी टीम राम मंदिर निर्माण तथा मोदी की गारंटी का हवाला देकर वोटरों को अपने पक्ष में करने लगे हुए है। मंहगाई,बेरोजगारी,15 लाख  जैसे मुद्दों पर भाजपा नेता मौन है लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी और उनके घोषणा पत्र के विरोध में भाजपा के नेता मुखर होकर बोल रहे है इसके विपरित कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव बिलासपुर लोकसभा से लगातार जीत रहे भाजपा प्रत्याशियो की जीत और उनके द्वारा बिलासपुर की लगातार उपेक्षा का सिलसिलेवार उदाहरण देकर “बिलासपुर में बदलाव”का नारा बुलंद कर रहे है ।दोनो उम्मीदवार और उनकी पार्टी सोशल मीडिया में छाए हुए है । चुनाव में बसपा और हमर सुराज पार्टी की भी एंट्री हो गई है तो साहू समाज के 7 उम्मीदवारों ने भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू के लिए मुसीबत खड़ी करने जोर आजमाइश कर रहे है ।पूरे चुनाव में साहू और यादव समाज के वोटरों में अपने अपने जाति के उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त एकजुटता दिखाई दे रहा है तो अजा के वोटरों के बीच संविधान की रक्षा का मुद्दा  ने पहली बार जोर पकड़ लिया है ।स्थिति स्पष्ट है इससे भाजपा को नुकसान हो सकता है ।

चुनाव के प्रारंभिक चरण में “कोई नही है टक्कर में,मत पड़ो किसी के चक्कर में”कहते हुए भाजपा हावी हो रही थी वैसे भी भाजपा ने एक माह पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था जिसका लाभ उसे मिलते दिख रहा था लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव की धमाकेदार एंट्री ने भाजपा को अपनी रणनीति बदलने के लिए बाध्य कर दिया । अल्प समय में ही कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने अपने स्वभाव के अनुरूप पूरे क्षेत्र में धुआधार संपर्क और दौरा करके पूरे चुनाव को कड़ी टक्कर की स्थिति में ला खड़ा किया । जातिगत वोटरों को साधने उन्होंने रणनीति के तहत काम किया साथ ही बिलासपुर के स्थानीय नेताओं को एकजुट कर उनका विश्वास अर्जित करने  में भी पसीने बहाए हालाकि कुछ कांग्रेसी नेता अति महत्वाकांक्षी होने के कारण कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए।

चुनाव प्रचार के लिए भाजपा से  अभी पी एम नरेंद् मोदी,गृह मंत्री अमित शाह ,भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत और भी बड़े नेताओ की प्रतीक्षा है।भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार करके जा चुके है वहीं अरुण साव , धरम लाल कौशिक, धर्मजीत सिंह ,पुन्नुलाल मोहले, डा कृष्णमूर्ति बांधी, अमर अग्रवाल ,सुशांत शुक्ला  जैसे नेता और भाजपा पदाधिकारी अपने प्रत्याशी तोखन साहू के पक्ष में लगातार जनसंपर्क ,चुनावी सभा कर रहे है तो कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के पक्ष में पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं राहुल गांधी, सुप्रिया श्रीनेत, अल्का लांबा,कन्हैया कुमार ,प्रदेश प्रभारी   सचिन पायलट ने राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी सरकार की असफलता के खिलाफ  पूरी ताकत झोंक दी है ।स्थानीय कांग्रेस नेताओ में पूर्व विधायक शैलेष पांडेय मेयर रामशरण यादव ,जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी,विजय पांडेय ,विधायको दिलीप लहरिया, अटल श्रीवास्तव समेत देवेंद्र यादव की पूरी टीम आक्रामक शैली में बाजी पलटने  के लिए लगातार सक्रिय हैं । बिलासपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमे 6 पर भाजपा का कब्जा है ।और पूरे विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगभग एक लाख वोटो से आगे है।पिछले चुनाव में अरुण साव 1 लाख 41 हजार वोटो से चुनाव जीते थे ।कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव अपनी टीम के साथ भाजपा विधायको वाले 6 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त बढ़ाने रणनीति के तहत काम कर रहे है । जिसके फलस्वरूप कोटा और मस्तूरी के अलावा बेलतरा,बिल्हा ,तखतपुर,मुंगेली और लोरमी क्षेत्र में अजा समेत पिछड़ा वर्ग के वोटरों को ज्यादा से ज्यादा साधने की कोशिश हो रही है । लोरमी विधानसभा क्षेत्र से उपमुख्यमंत्री अरुण साव विधायक है और वे 45 हजार वोटो से चुनाव जीते है।कांग्रेस की रणनीति है कि लोरमी से हिसाब बराबर किया जाए और इसी रणनीति के तहत कांग्रेस की टीम लगी हुई है ।उधर भाजपा के कार्यकर्ताओं के ज्यादा सक्रिय नहीं होने की सूचनाओं को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया है और एक साथ 35 हजार कार्यकर्ताओं को उन्होंने  मोबाइल में संदेश देकर कहा है कि बिलासपुर में सांसद प्रत्याशी नहीं बल्कि मोदी जी और भाजपा चुनाव लड़ रहे है इसलिए प्रचार में कोताही नहीं बरतें ।भाजपा के कुछ प्रमुख कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में गोपनीय ढंग से काम कर रहे है यह भी खबर है ।ऐसे लोग बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के कुछ गावो में गोपनीय सामाजिक  बैठक भी लिए हैं ऐसी सूचना है ।

यह उल्लेखनीय है कि  बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के पुन्नूलाल मोहले,दिलीप सिंह जूदेव ,लखनलाल साहू और अरुण साव क्रमशः चुनाव जीते है ।कांग्रेस हर बार प्रत्याशी बदलने से हारते आ रही है लेकिन इस बार कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग से प्रत्याशी देकर नया दांव चला है ।भाजपा भी लगातार तीन बार साहू और वह भी हर बार नया चेहरा देकर कांग्रेस को हराते आ रही है । बड़ा सवाल यह कि बिलासपुर के मतदाता क्या 3री बार भी भाजपा के साहू मतदाता को स्वीकार करेंगे?क्या  सिर्फ मोदी की गारंटी के सहारे भाजपा नेता चुनावी वैतरणी पार कर पाएंगे या फिर कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव  पूर्व विधायक   शैलेष पांडेय की तरह चमत्कार  दिखा पाने में सफल होंगे इस सवाल का जवाब 4 जून को घोषित होने वाले नतीजे से स्पष्ट हो जाएगा ।

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