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May 20, 2025 7:03 am

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कांग्रेस की मशाल रैली,नेतृत्व के अभाव में मंच पर चढ़ने की होड़, मंच टूटा , कई लोगों को आई चोटें

 

 

और ऐसे टूटा मंच

बिलासपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता खत्म किए जाने तथा सूरत  के कोर्ट से 2 साल की सजा और सरकारी आवास खाली किए जाने की नोटिस के खिलाफ देशभर में कांग्रेसका विरोध चल रहा है ।इसी क्रम में कल राजधानी में मसान जुलूस निकाले जाने के बाद आज बिलासपुर में भी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम, कांग्रेस सचिव चंदन यादव तथा मंत्रियों एवं विधायकों तथा कांग्रेस पदाधिकारियों के नेतृत्व में गांधी चौक से मशाल जुलूस निकाला गया ।यह जुलूस देवकीनंदन चौक के पास समाप्त हुआ लेकिन मशाल जुलूस में नेतृत्व के अभाव के चलते वहां पर बने मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ चेहरा चमकाने के लिए कांग्रेसियों में होड़ सी लग गई। चंदन यादव द्वारा लगातार मना करने के बावजूद उनकी किसी ने नहीं सुनी और मंच पर धक्का-मुक्की करते हुए चढ़ने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान मंच भरभरा कर टूट गया और उसमें कई लोगों को चोटे आई है ।रैली में बमुश्किल 1000 लोग लोगों की मौजूदगी रही ।कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों की उदासीनता के चलते मशाल रैली में पर्याप्त भीड़ नहीं जुट पाई वही मंच के भरभरा कर टूट जाने तथा कई लोगों के चोटिल होने की खबर दिल्ली तक पहुंच चुकी है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ केंद्र की सरकार द्वारा जिस तरह व्यवहार किया जा रहा है उसके विरोध में छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस जन भारी आक्रोशित है तथा केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं कांग्रेस के नेता जिला मुख्यालयों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं  प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विरोध में मसा ल रैली का आयोजन करने के आह्वान के तहत आज बिलासपुर में भी गांधी चौक से  मशाल जुलूस निकाला गया क्योंकि मशाल जुलूस के मार्ग में संडे बाजार के कारण जूना बिलासपुर से लेकर देवकीनंदन चौक तक भारी भीड़ हर रविवार को रहती है और इसी भीड़ ने कांग्रेस के मशाल रैली की लाज रख ली। कांग्रेस कांग्रेस की इस मसाज रैली में प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी पहली बार बिलासपुर आई वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल स्वास्थ्य मंत्री  टी एस सिहदेव पीएचई मंत्री रूद्र गुरु नगरी निकाय मंत्री शिव डहरिया समेत कांग्रेस के विधायक पूर्व विधायक महापौर पार्षद निगम मंडलों के अध्यक्ष तथा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी शामिल हुए। बिलासपुर जिला कांग्रेस संगठन ने मसाल रैली के लिए कोई खास मेहनत नहीं की यह रैली में देखी गई उपस्थिति से स्पष्ट होता है। 2 दिन पहले हुई मसाल रैली की तैयारी बैठक में संगठन के लोगों ने रैली को लेकर दिलचस्पी तो दिखाई लेकिन जिम्मेदारी को एक दूसरे के ऊपर डाल दिया गया इसका असर यह रहा कि रैली इतना ज्यादा सफल नहीं रहा जबकि काफी अर्से बाद केंद्र सरकार के खिलाफ बिलासपुर में कांग्रेसका यह आयोजन रहा। रैली के देवकीनंदन चौक पर पहुंचते ही जैसे कि कांग्रेस की परंपरा है मंच पर बड़े नेताओं की उपस्थिति में अपना भी चेहरा दिखाने के लिए स्थानीय नेता मंच पर टूट पड़ते हैं यही बात देवकी नंद चौक पर बने मंच पर भी देखने को मिला। चंदन यादव के बार-बार मना किए जाने के बाद भी कांग्रेसी नहीं मान रहे थे और मंच पर नेताओं के पीछे खड़े होने की कोशिश करते रहे ।इसी बीच भीड़ ज्यादा होने से   मंच भरभरा कर टूट पड़ा। इससे इससे मंच और उसके आसपास अफरा-तफरी मच गई तथा कई लोगों को चोटे भी आई। अब सवाल यह उठता है कि यह जानते हुए भी कि मंच पर भीड़ बढ़ सकती है मंच बनवाने वालों ने यह ध्यान क्यों नहीं रखा ।मंच मजबूत  रहता तो इस घटना को रोका जा सकता था। मंच बनाने की जिम्मेदारी जिन को दी गई थी उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी यह बड़ा प्रश्न है। जिला कांग्रेस संगठन के दोनों अध्यक्षों की यह जिम्मेदारी थी कि रैली स्थल से समापन स्थल तक क्या व्यवस्था की गई है उसकी पर्याप्त निगरानी की जाए लेकिन मंच पर 20, 25 लोगों के चढ़ने मात्र से  मंच अगर भरभरा कर टूट जाता है तो इस लापरवाही की जिम्मेदारी तो कांग्रेस संगठन को तय करना ही पड़ेगा।


प्रदेश कांग्रेस संगठन को इस बात की भी जिला पदाधिकारियों से कैफियत लिया जाना चाहिए कि मशाल रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी किसकी थी और पर्याप्त भीड़ नहीं जुटा पाने के लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं? कायदे से देखा जाए तो नगर निगम में कांग्रेस के 34 पार्षद हैं यदि एक पार्षद भी अपने वार्ड से 50 कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ मशाल रैली में लेकर आते तो भी इसकी संख्या बढ़ सकती थी लेकिन लगता है कांग्रेसी पार्षदों को भी इस तरह का कोई निर्देश जिला संगठन के द्वारा नहीं दिया गया। वर्चस्व की लड़ाई के चलते कांग्रेस संगठन का ही नुकसान बिलासपुर में दिख रहा है ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बहुत दिक्कतें ऐसा सकती है।आज की घटना और रैली की भीड़ को लेकर  सरकार का इंटेलीजेस विभाग ने भी जो रिपोर्ट सरकार को भेजी है उसमे संगठन के लोगो की नेतृवहीनता का जिक्र है।

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