बिलासपुर। भगवान परशुराम जयंती और ईद का पर्व आज एक साथ मनाया जा रहा है ।सांप्रदायिक सद्भाव का यह दोनो पर्व एक ही दिन पड़ने का आशय यह भी है कि हर वर्ग के लिए आपस में प्रेम सद्भाव बना रहे।जातीय वैमनस्यता का अंत हो और हरेक के दिल में एक दूसरे के प्रति और एक दूसरे के धर्म के प्रति आदर का भाव हो। गैर मुस्लिम ईद पर्व पर मुस्लिम भाइयों को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देने और भगवान परशुराम जयंती पर निकाले जाने वाले शोभा यात्रा का मुस्लिम भाइयों द्वारा जगह जगह स्वागत करने की परंपरा सनातन काल से रही है । आपसी भाईचारे की इस अनादि काल से जारी परंपरा आगे भी बनी रहे इसकी जिम्मेदारी हम सबकी है।
हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार अक्षय तृतीया बेहद खास है, क्योंकि इस दिन 6 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन शभ योग में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अबूझ मुहूर्त पर जमकर शहनाई बजेगी, इसे लेकर बाजार में रौनक बनी हुई है। जमकर खरीदारी का दौर चल रहा है। भगवान परशुराम जयंती पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के आयोजित किए जाएंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को जब राहु पुनर्वसु नक्षत्र में उच्च ग्रहों से युक्त मिथुन राशि में स्थित था तब माता रेणुका के गर्भ से भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म माना जाता है। पंडितों के अनुसार इस तिथि को प्रदोष व्यापिनी मानना चाहिए, क्योंकि भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल ही है। इस दिन किए गए दान का भी कभी क्षय नहीं होता है। संतों और ब्राह्मणों के साथ गरीबों को भोजन कराकर और वस्त्र दान कर गायों को हरा चारा खिलाना चाहिए। इससे जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस बार अक्षय तृतीया बेहद खास है, क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इनमें त्रिपुष्कर योग सुबह 5.49 से 7.49 बजे तक, आयुष्मान योग सुबह 7.49 से 9.26 बजे तक, सौभाग्य योग सुबह 9.36 बजे से पूरी रात तक, रवि योग रात 11.24 बजे से आरंभ होकर 23 अप्रैल सुबह 5.48 बजे तक, सर्वार्थ सिद्धि योग रात 11.24 से आरंभ होकर 23 अप्रैल सुबह 5.48 बजे तक और अमृत सिद्धि योग रात 11.24 से अगले दिन सुबह 5.48 बजे तक रहेगा। अक्षय तृतीया पर शादियों की भरमार रहेगी। इसे लेकर बाजार में रौनक छाई हुई है। वही विभिन्न संगठनों की ओर से भगवान परशुराम की जयंती पर रैली निकालने के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान संपादित किए जाएंगे, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।