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November 21, 2024 11:14 am

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राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय कर रही, धान की खरीदी आज से ही और 2500 रुपये में हो -अमर अग्रवाल

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा केंद्र की कोई भूमिका नही ,धान खरीदी आज से ही हो ,सांसदों और सर्वदलीय बैठक बुलाने का कोई औचित्य नही क्योकि निर्णय राज्य सरकार को लेना है ।

बिलासपुर । पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने धान खरीदी के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार 15 नवम्बर के बजाय 1 दिसम्बर से धान खरीदी करने का निर्णय लेकर प्रदेश के किसानों के साथ बड़ा अन्याय कर रही है । धान खरीदी करने का निर्णय पूरी तरह राज्य सरकार का है इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नही है ।
भाजपा द्वारा पूरे प्रदेश में मंडल स्तर पर धान खरीदी के मुद्दे को लेकर आज धरना दिया जा रहा है । विलासपुर में धरना स्थल पर बात करते हुए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि 1 दिसम्बर से धान खरीदने का निर्णय लेकर प्रदेश सरकार ने किसानों के हितों के विपरीत फैसला लिया है ।पूर्व में 1 नवम्बर और 15 नवम्बर से धान की खरीदी शुरू हो जाती थी तब धान में थोड़ी बहुत नमी भी होती थी मगर किसानों का धान सरकार खरीदती थी मगर इस सरकार के निर्णय से व देरी से खरीदी करने के कारण धान में सुखत की मात्रा बढ़ेगी जिसका सीधा नुकसान किसानों को होगा । भाजपा शासन के समय किसान धान की मिसाई खेतों में कर सीधे खरीदी केंद्रों में ले जाते थे ।वर्तमान सरकार सुखत और भंडारण के माध्यम से किसानों के धान में कटौती करने उतारू हो गई है ।
उन्होंने कहा वर्तमान सरकार कभी 1871 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान खरीदने का आदेश निकालती है तो कभी कहती है 2500 रुपये में लेंगे । सरकार खुद निर्णय नही ले पा रही है जिससे प्रदेश के किसान परेशान है । गंगाजल हाथ मे लेकर 2500 रुपये में धान खरीदने की कसम खाने वाली यह सरकार की किसानों की हितैषी तो है ही नही इसीलिए भाजपा इस सरकार के निर्णय के विरोध में और किसानों के हित में आज प्रदेश भर में धरना दे रही है ।
उन्होंने कहा कि धान खरीदी करने और किस रेट पर करनी है इसका निर्णय राज्य सरकार को करना है तो फिर सांसदों की बैठक बुलाना ही नही था । कभी सर्वदलीय बैठक की बात तो कभी दिल्ली कुच करने की घोषणा यह सब दिखावा है । इसके पहले किसी भी सरकार ने धान खरीदी के लिए कर्ज लेने के नाम पर धान खरीदी की तिथि नही बढाई । यह तो 4 माह पहले ही तय कर लेना था । इसमें केंद्र सरकार का कोई रोल नही है । सेंट्रल पूल में केंद्र 25 मीट्रिक टन चावल पहले भी लेती थी और अब भी लेगी । यह सरकार केंद्र का बहाना कर किसानों को बहकावे में डाल रही है ।

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