आबकारी विभाग के अमला नियमो को ताक पर रख वसूली में व्यस्तबिलासपुर । वैसे तो आबकारी विभाग कहने के लिए शराब दुकानो का संचालन कर रहा मगर विभाग के निरीक्षकों का एक अलग व्यवसाय और हो गया है वह है चखना सेंटर और शराब दुकानों के परिसर के बाहर नियम विरुद्ध पीने की सुविधा जिसमे रोजाना हजारों रुपये की वसूली हो रही है । प्रमाण देखना है तो सिरगिट्टी फाटक के पास शराब दुकान के ठीक सामने का नजारा काफी है जहां किराए की जगह पर चखना दुकान तो है मगर वहां एक हालनुमा कमरा भी है जहां कई जगह दीवालों पर “पीने की सुविधा” लिखवा दिया गया है । यह अवैध सुविधा पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण के बगैर कैसे सम्भव हो सकता है ?
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शराब दुकानों का मालिक और चखना सेंटर संचालन करने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग का अमला बखूबी निभा रहा है । शराब की रिकार्ड बिक्री बता कर सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी कर अधिकारी सरकार को खुश कर दिए है मगर इसके आड़ में जो अवैध कमाई की जा रही है उसमें जनता की परेशानी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है ।जहां पाए वही चखना सेंटर को मंजूरी के साथ ही कई निरीक्षक खुद चखना सेंटर चलवा रहे है । किसी को भी चखना सेंटर चलाने की अनुमति दे उनसे रोजाना एक निश्चित राशि वसूल रहे जो उनकी अपनी कमाई होती है यही नही शराब दुकान के परिसर से बाहर पीने की सुविधा देने का कोई नियम नही है मगर सिरगिट्टी फाटक के कुछ दूर का नजारा देखकर सब समझ मे आ जायेगा । सड़क के एक तरफ शराब दुकान और पीने के लिए वही बड़ा हाल है मगर सड़क के दूसरी ओर आबकारी विभाग ने गैर कानूनी रूप से पीने की सुविधा दे रखी है । वहां पर एक मकान और अहाते में चखना सेंटर के साथ ही पीने की सुविधा दी गई है ।
मकान और अहाते की दीवालों पर जगह जगह लिखवा दिया गया है की बैठकर पीने की सुविधा , बाहर से कोई सामान न लाएं । यह सुविधा एक निगरानी शुदा संचालित कर रहा है जिसको आबकारी और पुलिस का संरक्षण न मिला हो यह कैसे हो सकता है ? इस अवैध सुविधा से वहां आने जाने वाले लोग , महिलाएं ,स्कूली छात्राओं को जो परेशानी होती है उससे पुलिस और आबकारी विभाग के दुकान प्रभारी को कोई मतलब नही है ।
इस अवैध पीने की सुविधा और चखना सेंटर के बारे में सिरगिट्टी पुलिस का अजिबोग़रीब जवाब था कि पीने की सुविधा चलाने वाले ने फूड एंड ड्रग विभाग से लायसेंस ले रखा है फिर भी उसे समझाइस देने के साथ ही उससे लिखित में ले लिया गया है । सवाल यह उठता है कि फूड एंड ड्रग विभाग भला पीने की सुविधा खोलने की अनुमति कब से देने लगा ?
सिरगट्टी समेत और भी दर्जनों शराब दुकान में इसी तरह के नियम विरुद्ध अनुमति देकर आबकारी विभाग के निरीक्षक अवैध कमाई कर रहे है जिसमें जिले के आबकारी अधिकारी की मौन सहमति है अन्यथा इस तरह का गोरख धंधा नही चलता ।
यह उललेखनीय है कि सभी मदिरा दुकानों में अहाता निर्माण का प्रावधान है जहां सभी सुविधाएं निःशुल्क दी जानी है और इसकी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है मगर आबकारी विभाग का अमला मनमाने तौर पर आहता तथा चखना दुकान चलाने की स्वीकृति दे रखे है और इसकी आड़ में बड़ी रकम वसूल कर रहे है ।
जिले में देशी विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या 71 है और नियमो के मुताबिक सभी दुकानों में अहाता की सुविधा और बिना शुल्क लिए लोगो को उपलब्ध कराना है । नियमो के मुताबिक कोई भी ठेला ,दुकान शराब दुकान से 50 मीटर से पहले नही होना चाहिए और ठेला वालो को खाद्य एवं औषधि प्रशासन से अनुमति व लायसेंस लेना होगा मगर आबकारी विभाग का अमला अपने चहेतों के लिए नियमो की अनदेखी कर सुविधा प्रदान करके उनसे अतिरिक्त कमाई कर रहे है
सिरगिट्टी के शराब दुकान में तो कुछ लोगो को इसलिए बाहर में तैनात कर दिया गया कि वे लोग शराब खरीदने वालों को अहाता के अंदर शराब पीने जाने से रोकते है और सड़क के दूसरी ओर अवैध पीने की सुविधा जो उपलब्ध कराई गई है वहां जाने की सलाह जबरिया देते है और वहां के चखना सेंटर की तारीफ भी कर देते है । पुलिस और आबकारी विभाग के दुकान प्रभारी तथा निरीक्षक श्री एल एन चौबे की खुली सहमति से चल रहे अवैध पीने की सुविधा से सड़क जाम होती है क्योंकि रेलवे फाटक खुलने के पहले दिन में कई बार यहां पर आने जाने वालों की भीड़ सैकड़ो की तादाद में रहती है तथा ट्रेन फाटक तक पहुचने के बहुत पहले फाटक बंद कर दिया जाता है वहां के लोगो ने अवैध चखना सेंटर और अवैध पीने की सुविधा को लेकर सिरगिट्टी थाने में लिखित शिकायत भी की है मगर अभी तक कार्रवाई नही हो सकी है ।