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November 21, 2024 4:18 pm

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बच्चे नए स्कूल में डरे नहीं, शिक्षकों का सम्मान करें और पूरी जिम्मेंदारी से पढ़ाई करें – गहवई

शा.उच्च.मा.शाला सेमरताल में शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया

शाला प्रवेशोत्सव के पीछे शासन की मंशा नए बच्चे स्कूल आकर डरे नहीं इसलिए उन्हें अच्छा माहौल मिले: ई .लक्मी कुमार गहवई 

बच्चे कोमल होते हैं,ऐसे समय में उन्हें सकारात्मक दिशा देकर उन्हें लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है:अनिल यादव ,कृषि उपज मंडी सदस्य

बिलासपुर। – शासकीय उच्चतर माध्यमिक विघालय सेमरताल में शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा नवमी से बारहवी तक के विघार्थियों की आरती उतारकर स्वागत किया गया। बच्चों को मिष्ठान्न खिलाया गया। अभ्यागतों एवं गुरुजनों ने बच्चों का तिलक लगाकर अभिनंदन किया। दो सत्रों में आयोजित प्रवेशोत्सव के पहले सत्र के मुख्य अभ्यागत सरपंच राजेन्द्र साहू थे। उन्होंने प्राचार्य सुनीता शुक्ला के साथ मिलकर माँ सरस्वती की पूजा आराधना की। इस बीच बच्चों ने सरस्वती वंदना का गान किया। प्राचार्य सुनीता शुक्ला ने मुख्य अभ्यागत का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया ।

शाला प्रबंध समिति के सदस्य सतीश धीवर का स्वागत व्याख्याता राजेश शर्मा ने किया। प्राचार्य का स्वागत व्याख्याता सीमा ठाकुर ने किया। अपने संबोधन में राजेन्द्र साहू ने बच्चों से कहा कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें पढ़ाई ही उनके जीवन में काम आने वाली है। कोई भी असफलता जीवन का अंत नहीं है, असफलता के आगे फिर से प्रयास करें तो कामयाबी निश्चित है। राजभाषा छत्तीसगढ़ी में दिए गए सरपंच के भाषण से बच्चे प्रभावित हुए। इस बीच कक्षा नवमी के बच्चों को ग्रंथपाल टीकाराम लहरे के सहयोग से अभ्यागतों ने पुस्तकों का वितरण किया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अभ्यागत शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष इंजीनियर लक्ष्मीकुमार गहवई ने बच्चों का पुष्पाहार, तिलक व आरती के साथ स्वागत किया। अध्यक्ष, प्राचार्य, शाला विकास समिति के सदस्यों एवं शिक्षकों ने बच्चों को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएँ दी। इंजीनियर लक्ष्मीकुमार गहवई ने अपने उद्बोधन में कहा कि शाला प्रवेशोत्सव मनाने के पीछे शासन की यह मंशा है कि नए स्कूल में आकर बच्चे डरे नहीं। वे पूरी जिम्मेंदारी के साथ पढ़ाई करें। अपने शिक्षकों का सम्मान करें। पढ़ाई के दौरान विषय की शंका को अपने शिक्षकों से बार बार पूछकर दूर करें। स्कूल में पढ़ाए गए पाठ््य सामाग्रियों का घर में पुनर्पाठ करें। कठोर परिश्रम करें डाक्टर , इंजीनियर, शिक्षक बनें।

इसी क्रम में प्राचार्य सुनीता शुक्ला ने कहा कि जीवन में पढ़ाई ही सफलता का मूलमंत्र है। पुस्तक ही ज्ञान का मुख्य स्रोत है। निर्धन बच्चे भी पढ़ाई से न भागे। कोई भी परेशानी हो तो शिक्षकों को बताएँ। हम मिलकर हर समस्या का समाधान करने प्रतिबद्ध हैंे। विशिष्ट अभ्यागत जिला मंडी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि बच्चें कोमल होते हैं, ऐसे समय में उन्हें सकारात्मक दिशा देकर उन्हें लक्ष्य तक पहुँचाया जा सकता है। प्रबंध समिति के सतीश धीवर, प्रदीप साहू एवं कमलकांत लोनिया ने बच्चों को नए स्कूल में प्रवेश के लिए बधाई दी व अच्छी शिक्षा के लिए शुभकामनाएँ दी। इस बीच कक्षा दसवी के बच्चों को शासन से प्राप्त निःशुल्क किताबें दी गई। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता अनिल कुमार वर्मा एवं वर्षा भट्ट ने किया। आभार प्रदर्शन व्याख्याता राजेश शर्मा ने किया। प्रवेशोत्सव में व्याख्याता चंदन सारखेल, सीमा ठाकुर, जागेश्वरी पान्डेय, रुपाली श्रीवास्तव, अभिलाषा मिश्रा, अदिती दुबे, पदमा द्विवेदी, अदिती दुबे, शैली यादव, ज्योति यादव, सपना शर्मा, प्रधान पाठक बलराम पटेल, सहायक शिक्षक धीरेन्द्र कुमार पाठक, ग्रंथपाल टी आर लहरे, सुखनंदन यादव, सहयोगी देवशरण भार्गव, प्रकाश यादव मौजूद थे।

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