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November 21, 2024 3:45 pm

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ये तो सिर्फ झांकी है,पिक्चर अभी बाकी है,चुनाव आते तक और भी बहुत कुछ हो सकता है ,अभी तो फर्जी सर्वे को लेकर झड़प हुई है,आगे इससे भी बड़ी रणनीति तो नही?

बिलासपुर ।फर्जी सर्वे के बहाने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ माहौल बनाने को लेकर कांग्रेस भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच आज  थाने में झड़प की हुई घटना यह प्रदर्शित करती है कि चुनाव आते आते इससे भी कुछ बड़ा हो सकता है यानि सिविल लाइन थाने में आज की घटना तो सिर्फ ट्रेलर था संभव है ,पिक्चर अभी बाकी हो।

आखिर क्या हुआ था मसानगंज में?

रविवार को सिविल लाइन थाने परिसर में दोपहर करीब तीन बजे के आस पास भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि तीन तथाकथित मीडिया कर्मी मसानगंज में सर्वे करने गए हुए थे। लोगों की माने तो तीनों व्यक्ति भाजपा सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दे रहे थे। साथ ही कांग्रेस के खिलाफ जनमत तैयार करते पकड़े गए । मोहल्लेवासियों ने कांग्रेस के नेताओ को इसकी सूचना दी और बताया कि  ये तीनो लोग अपने को मीडिया का होना बताते हुए सर्वे के साथ ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोगो को भड़का रहे हैं ।कांग्रेस के नेता तुरंत वहां पहुंचे और तीनों कथित मीडिया कर्मियों को सिविल लाइन थाना लाकर पुलिस के हवाले कर दिया ।

मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा के कार्यकर्ता भी थाने पहुंच गए। दोनो दलों के कार्यकर्ताओं के बीच इस  दौरान जमकर बहस और छीना झपटी तक हुई।सूत्रों के मुताबिक रविवार को तथाकथित दो महिला समेत तीन मीडियाकर्मी चुनावी सर्वे करने मसानगंज मोहल्ला पहुंचे और घर घर जाकर मतदाता सूची का निरीक्षण और जांच करने लगे। वार्ड के लोगों ने इसकी जानकारी कांग्रेस जनप्रतिनिधियों को दिया।
मोहल्लावासियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तथाकथित सर्वे के दौरान तीनों तथाकथित मीडिया कर्मियों को पूर्व की भाजपा सरकार की उपलब्धियों और कांग्रेस सरकार की कमियों का प्रचार करते पाया। नाराज कांग्रेस पूर्व पार्षद तैयब हुसैन, शहर ब्लॉक एक अध्यक्ष जावेद मेमन और कांग्रेस पदाधिकारी तीनों सर्वे करने वालों को सिविल लाइन थाना के हवाले किया।
पुलिस पूछताछ के दौरान युवक-युवतियों ने बताया कि वे सर्वे का काम अनामिका दुबे के निर्देश पर ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन के बैनर तले किया जा रहा है। इस दौरान कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि तीनों भाजपा के एजेंट हैं । घर-घर पहुंचकर मतदाता सूची के सत्यापन की आड़ में भारतीय जनता पार्टी का प्रचार प्रसार  और कांग्रेस सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे है।
तीन लोगों को पकड़े जाने की खबर के बाद भाजपा नेता प्रवीण दुबे और कार्यकर्ता भी सिविल लाइन थाना पहुंच गए। कांग्रेसियों ने प्रवीण दुबे पर तीनों को बचाने का आरोप लगाया। इस बात को लेकर दोनो दलों के नेताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बात तू तू मैं मैं और झूमा झटकी तक पहुंच गयी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने किसी तरह दोनो पक्षों को किसी तरह शांत कराया।
सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक मतदाता सूची का सत्यापन करने वाले तथाकथित तीनों मीडिया कर्मियों का नाम दीपक कुमार राजपूत, रेशमी नवरंग और छाया साहू है। तीनों ने बताया कि वह किसी अनामिका दुबे के निर्देश पर चुनाव सर्वे कर रही हैं। तीनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई कर छोड़ा गया है।
कांग्रेस नेता तैयब और जावेदन मेमन ने सर्वे को भाजपा की साजिश बताया। घर-घर जाकर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का भी आरोप लगाया। यह विवाद फिलहाल थम गया है लेकिन आने वाले दिनों में इसका दूसरा रूप भी देखने को मिल सकता है।

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