*बहुचर्चित मोहतरा हत्या कांड का खुलासा*
*• 15 माह बाद पुलिस को मिली बड़ी सफलता*
*• बालक रिंकू हुआ था घर के पास से लापता*
*• तीन दिन बाद मिली थी मासूम की सड़ी गली लाश*
*• आरोपीयों द्वारा फेंक दिया था बच्चे के लाश को 02 किमी दूर खेत में*
*• चाचा, चाची, भतीजे ने दिया था घटना को अंजाम
प्रार्थी अशोक सेन थाना कसडोल आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका 05 साल का लड़का रिंकु सेन गुम हो गया हैं जिसके अपहरण किये जाने की अशंका पर तत्काल थाना कसडोल में गुम इंसान पर से अपराध क्रमांक 175/18 धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया और तत्काल बलौदाबाजार जिले की विभिन्न ईकाईयों से पुलिस बल को अपहृत बालक रिंकु सेन को खोजने के लिए मोहतरा रवाना किया गया। जहां उसकी सघन पता तलाश किया तीन। दिन बाद रिंकु सेन का शव उसके घर से तकरीबन 2 किमी दूर खेत में मिली। जो करीब 02-03 दिवस पूर्व मृत्यू हो जाना प्रतीत हो रहा था कि तत्काल प्रकरण में धारा 302,201 भादवि जोडकर आरोपी का पता तलाश प्रारंभ किया गया। लगातार पता तलाश करने पर भी आरोपीयो का पता नही चल पाया जिस पर प्रार्थी के पिता के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस महानिदेशक डी0एम0 अवस्थी द्वारा उक्त प्रकरण के आरोपीयो की शीघ्र पता तलाश करने हेतु पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार श्रीमती नीतु कमल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
तत्पश्चात पुलिस महानिरीक्षक डॉ आनंद छाबडा के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार के नेतृत्व में अति0 पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार जे0आर0 ठाकुर, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी बिलाईगढ़ संजय तिवारी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी बलौदाबाजार राजेश जोशी के मार्ग निर्देशन में टीम के सभी सदस्यो के द्वारा लगातार 03 महिने तक ग्राम मोहतरा में कैम्प करके लगातार ग्रामीणों व शुक्ला परिवार के संदिग्ध व्यक्ति रमेश शुक्ला व उसके परिवार तथा उनके अन्य रिस्तेदार से बारिकी से पुछताछ के दौरान लगातार शुक्ला परिवार के द्वारा पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास किया गया तथा कई बार बच्चे का हत्यारा उसका पिता व आस पास के पडोसी कर सकते है जैसी बाते बोलकर पुलिस को लगातार गुमराह करते रहे ।
टीम द्वारा बारिकी से जांच व गवाहो के बकियान व परिस्थितियों व भौतिक साक्ष्य के आधार पर बालक रिकु के हत्या करने वाले आरोपीयो रमेश शुक्ला, पत्नी सुभाषनी शुक्ला व उसका भतीजा निकेश शुक्ला को गिरफ्तार किया गया। जिन्होंने पुछताछ पर बताया कि 16 अप्रेल2018 को मृतक रिंकु सेन अपनी मित्र मोनू शुक्ला, हिमांशु, मोनी एवं अन्य के साथ अपने घर के बगल छीताबाई कर्ष के बाड़ी में क्रिकेट खेल रहा था कि खेल के दौरान सतीश उर्फ मोनू शुक्ला का बल्ला रिंकु के सर में लग गया, जिससे वो बेहोस हो गया। उक्त बात को मोनू द्वारा अपने पिता रमेश शुक्ला को घर जाकर बताया जिस पर रमेश शुक्ला और उसका भतीजा निकेश शुक्ला बाडी में जाकर रिंकू सेन को उठाकर अपने घर ले आये। जहां उसे पानी इत्यादि पिलाकर होश में लाने का प्रयास किया। जिस पर मृतक पानी तो पिया परन्तु होश में नही आया, तब रमेश शुक्ला द्वारा मृतक के पिता को पता चलने पर वाद विवाद करने के भय एवं पूर्व की शराब बेचने की प्रतिस्पर्धा की रंजिश के चलते घर में रखे गमछा को रिंकु सेन के मुह नांक को दबाकर हत्या कर दिया और रमेश शुक्ला एवं पत्नी सुभाषनी शुक्ला ने रिंकु के शव को घर के शौचालय में रखे ड्रम में ले जाकर छुपा दिया। शाम तक गांव में पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए रात्रि करीबन 12:30 बजे तीनों आरोपीयों रमेश शुक्ला, पत्नी सुभाषनी शुक्ला एवं भतीजा निकेश शुक्ला द्वारा घर में रखे बांस की टोकरी में मृतक रिकु सेन के शव को रखकर घर से तकरीबन 02 किमी दूर खेत में ले जाकर फेंक दिया और टोकरी को भी वही फेंक दिया।
पुलिस ने हत्या के लिए प्रयोग किये गये व छुपाये गये सामान को आरोपीयों कि निशानदेही पर जप्त कर लिया है एवं आरोपीयो को न्यायिक रिमाण्ड में न्यायालय प्रस्तुत किया गया। आरोपीयों की पता तलाश एवं गिरफ्तारी में निरीक्षक महेश ध्रुव, निरीक्षक सी0आर0 चंद्रा, निरीक्षक दीनबंधु उईके, उपनिरीक्षक ओमप्रकाश त्रिपाठी, उपनिरीक्षक रोशन सिंह राजपुत, प्रधान आरक्षक नवीन शुक्ला, मनीष वर्मा, राजकुमार ठाकुर आरक्षक जितेन्द्र राजपुत, सत्येन्द्र बंजारे, नरेश खुटे, हरिशंकर गेण्डरे, रविराज पाण्डेय, सुनील यादव एवं सायबर सेल का विशेष योगदान रहा ।