दिल्ली |
राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले के एक मामले में जमानत दे दी है। उन्हें देवघर कोषागार मामले में जमानत मिली है। हालांकि उन्हें चाईबासा-दुमका कोषागार मामले में जमानत नहीं मिली है। अब इस मामले में मिली जमानत को आधार बनाकर उनके वकील चाईबासा-दुमका कोषागार में जमानत की याचिका दायर करेंगे।
लालू को बेशक एक मामले में अदालत से राहत मिली है लेकिन चारा घोटाले के अन्य दो मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिली है। जिसका मतलब है कि जमानत मिलने के बावजूद उन्हें जेल के अंदर ही रहना होगा। यदि अन्य दो मामलों में अदालत उनकी जमानत मंजूर करती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे।
लालू की तरफ से इस मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर जमानत याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है।
पांच जुलाई को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने याचिकाकर्ता तो अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया था। सीबीआई ने अदालत में पहले ही अपना जवाब दाखिल कर दिया था। मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की गई थी। लालू ने 13 जून को अदालत में जमानत याचिका दायर की थी।