
बिलासपुर। लोकसभा चुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।बिलासपुर लोकसभा सीट से मुंगेली के नेताओं ने सर्वाधिक जीत दर्ज की है ।मुंगेली क्षेत्र सफलता पाने वाले नेताओं का गढ़ हो गया है और अब तो सांसद के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री ,लोक निर्माण मंत्री ,नगरीय प्रशासन मंत्री का पद भी मुंगेली को ही मिल गया है सो मुंगेली को अब और क्या दिया जाय इसे लेकर दुविधापूर्ण स्थिति है ।सत्तारूढ़ दल भाजपा में इस बात को लेकर यह कहा भी जाने लगा है कि बस अब बहुत हो गया ।इस बार मुंगेली के बजाय बिलासपुर को महत्व दिया जाए ।वैसे मुंगेली की तासीर ऐसी है कि यहां के नेताओ को टिकट के लिए भागदौड़ नही करनी पड़ती और पार्टी भी मुंगेली के ही नेता को उम्मीदवार बना देती है । अब चूंकि राजनैतिक परिदृश्य और नेताओ की सोच बदल गई है ।भाजपा में मोदी शाह का अमृत काल चल रहा है और इस काल में पार्टी जिसे प्रत्याशी बनाएगी वह अमृत काल का अमृत चखेगा ही ऐसा भाजपाइयों का मानना है । कांग्रेस प्रत्याशी जो भी होगा वह चुनावी दौड़ में काफी पीछे रहेगा ।भाजपा खेमे में जिस तरह चर्चाएं चल रही है उसके मुताबिक बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा किसी ठाकुर या साहू को ही प्रत्याशी बनाएगी ऐसी स्थिति में अन्य दावेदारों की दावेदारी पर पानी फिर सकता है ।अभी तक प्रमुख दावेदारों में पूर्व विधायक रजनीश सिंह , प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी,नगर निगम बिलासपुर के पार्षद राजेश सिंह ,जनपद पंचायत बिल्हा के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ठाकुर ,पूर्व सरपंच राजेंद साहू, मनीष अग्रवाल,जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत ,पूर्व सांसद लखन लाल साहू ,भाजपा किसान मोर्चा के तिलक राम साहू,चेबर आफ कामर्स मुंगेली के प्रेम आर्य , शीलू साहू लोरमी,हिलेंद्र कौशिल ,एस डी बड़गैया आदि के नाम सुर्खियों में है । बिलासपुर लोकसभा में 8 विधानसभा है और लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र से सांसद के लिए टिकट की दावेदारी की गई है । यह भी उल्लेखनीय है कि दावेदार तिलक राम साहू वर्षो पूर्व बहुजन समाज पार्टी में रह चुके है और सीपत विधानसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी के पक्ष में सक्रिय रहे है ।वर्तमान में तिलक राम साहू भाजपा प्रदेश कार्य समिति किसान मोर्चा में है । मोदी शाह के नए भाजपा में किसको फर्श से अर्श पर बिठा दिया जाय किसी को भनक तक नहीं लग पाता ।अब उप्र से राज्यसभा के लिए नामित किए गए शख्स को ही देखिए ,बाबरी मस्जिद की गुबंद में चढ़े शख्स को उपकृत करने में भाजपा को 32 साल लग गए लेकिन अच्छा लगा ।भाजपा ऐसे लोगो को लंबे समय बाद भी नहीं भूली है मगर लोकसभा चुनाव में ऐसा उदाहरण हरगिज नहीं मिलने वाला है बल्कि युवा चेहरों को मौका दिए जाने की पूरी गुंजाइश दिख रही हैं। पार्टी के समक्ष दावेदारी करने वालों की संख्या 55 से भी अधिक है । कई दावेदारों ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा का जिस तरह उल्लेख किया है उसे जानकर भाजपा के बड़े नेता भी यह जरूर सोचेंगे कि जनसंघ जमाने से पूरा परिवार इतना समर्पित है फिर भी अभी तक पार्टी से उपकृत क्यों नही हो पाए है ?
Mon Feb 19 , 2024
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