नई दिल्ली नौ साल के कार्यकाल में मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर हिंसा मुद्दे पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव तीन दिन की चर्चा के बाद गुरुवार को गिर गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 घंटे 13 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इसी बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. इसके बाद ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. तीन दिन तक चली चर्चा में गौरव गोगई, राहुल गांधी, राजीव रंजन, सुप्रिया सुले, महुआ मोइत्रा, असदुद्दीन ओवैसी, फारूक अब्दुल्ला, मनीष तिवारी समेत तमाम नेताओं ने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरा. तो वहीं, सरकार की ओर से अमित शाह, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीतारमण, किरेन रिजिजू, लॉकेट चटर्जी, निशिकांत दुबे ने जवाब दिया. सबसे आखिर में पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने 133 मिनट के जवाब में कांग्रेस का इतिहास याद दिलाया, राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार किया. पीएम ने INDIA गठबंधन को भी निशाने पर लिया और फिर मणिपुर पर बात की. आइए जानते हैं कि तीन दिन की चर्चा के दौरान सदन में क्या क्या हुआ?
पहले दिन सदन में आखिर क्या क्या हुआ
मणिपुर हिंसा को लेकर गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. इसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था. मंगलवार से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, मणिपुर में हिंसा पर डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही. विपक्ष को मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ा जा सके. इतना ही नहीं गोगोई ने पूछा, प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया? उन्हें मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे?
इसके जवाब में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. प्रस्ताव उस शख्स के खिलाफ है जिसने जनता के कल्याण की बात की. उन्होंने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना.
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज जब पीएम विश्व नेता के रूप में उभरे हैं और देश तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसे प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार थी जिसने इस क्षेत्र (पूर्वोत्तर) पर विशेष ध्यान दिया और कई हिस्सों में रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि पूर्वोत्तर विकास का इंजन बने. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों से मुश्किल से ही मिलते थे, जबकि वे खुद राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे. रिजिजू ने मणिपुर की मौजूदा समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया.
राहुल ने जमकर घेरा मोदी सरकार को
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया, लेकिन हमारे पीएम नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है. मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. आपने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया. मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है.
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राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है, आप देशद्रोही हैं. राहुल गांधी ने कहा कि भारत हमारी जनता की आवाज है और उस आवाज की हत्या आपने की है. इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की. आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की. आप देशद्रोही हो. आप द्रेशप्रेमी नहीं हो.
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हालांकि, राहुल के बयान के बाद ‘फ्लाइंग किस’ का मुद्दा गरमा गया. आरोप है कि बुधवार को चर्चा में हिस्सा लेने के बाद जब राहुल गांधी सदन से बाहर निकल रहे थे, तब सत्तारूढ़ पक्ष के कुछ सदस्यों की टीका-टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद ने ‘फ्लाइंग किस’ दी. बीजेपी महिला सांसदों ने राहुल की शिकायत लोकसभा स्पीकर से भी की है. स्मृति ईरानी ने कहा, सिर्फ एक महिला विरोधी व्यक्ति ही संसद में महिला सांसदों को फ्लाइंग किस दे सकता है. ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा गया. इससे पता चलता है कि वह महिलाओं को लेकर क्या सोचते हैं. यह अभद्रता है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर पर राहुल के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपकी पीठ पर, आपके आसन पर जिस तरह का आक्रामक व्यवहार देखा, उसका मैं खंडन करती हूं. मणिपुर खंडित नहीं. यह मेरे देश का अभिन्न अंग है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास खून से सना हुआ है
उन्होंने कहा कि पहली बार राष्ट्र के इतिहास में भारत माता की हत्या की बात कही गई. कांग्रेस पार्टी यहां पर तालियां बजाती रही. जो भारत की हत्या पर ताली पीटी है, उसने इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि मन में गद्दारी किसके है? मणिपुर खंडित नहीं है, विभाजित नहीं है. देश का हिस्सा है. आपके सहयोगी दल के नेता ने तमिलनाडु में कहा, भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत है. राहुल गांधी में हिम्मत है, तो डीएमके के अपने साथी का खंडन करके बताएं. कांग्रेस के एक नेता ने कश्मीर में उसका आप खंडन क्यों नहीं करते, जो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात करता है.
अमित शाह ने बताया- मणिपुर सीएम क्यों नहीं हटाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर करारा प्रहार किया. शाह ने अपने संबोधन में कहा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार में अविश्वास हो सकता है, लेकिन देश की जनता को पीएम मोदी में पूरा विश्वास है।
अमित शाह ने कहा, ‘मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. हमें भी दुख है. जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक. ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती. हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था
अमित शाह ने दिए 5 सवालों के जवाब
अमित शाह बोले कि विपक्ष कहता है कि राज्य में आर्टिकल 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया. यह तब लगता है जब हिंसा के वक्त राज्य सरकार सहयोग ना करे. हमने डीजीपी बदला, उन्होंने स्वीकार किया. हमने चीफ सेक्रेटरी बदला, उन्होंने स्वीकार कर लिया. सीएम तब बदलना पड़ता है जब सहयोग ना करे, वहां के सीएम सहयोग कर रहे हैं.
शाह ने कहा, यूपीए के शासन में वहां नाकाबंदी रहती थी. एक साल में 139 दिन से 30 दिन तक का ब्लॉकेड रहे. वहां पेट्रोल के दाम 1200 रुपये लीटर तक पहुंच गए. मणिपुर में अब तक 156 लोग मारे गए हैं. इसमें से 107 मई में मारे गए. जून में 30 मारे गए, जुलाई में 15 मारे गए. अगस्त में अब तक 4 मारे गए. इसका मतलब ये है कि हिंसा धीरे-धीरे कम हो रही है. हम हिंसा की आग में तेल डालने का काम ना करें.
शाह ने I.N.D.I.A. गठबंधन पर भी तंज कसा. वह बोले कि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम बदल लिया, जबकि UPA ठीक नाम था. 10 साल सत्ता में भी रह लिए. मैं बताता हूं- 12 लाख करोड़ से ज्यादा के घपले-घोटाले UPA के नाम पर दर्ज थे, कैसे जाते बाजार में. जो कंपनी दिवालिया हो जाती है वो भी नाम बदल लेती है. इन्होंने भी नाम बदल लिया. इनके पास कोई और रास्ता नहीं था. हमें कोई नाम बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अटल सरकार और अब के 9 साल में कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे सिर झुकाना पड़े, NDA गठबंधन सीना तानकर चुनाव में जाएगा.
निर्मला सीतारमण उपलब्धियां गिनाती रही
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, दुनिया मंदी के संकट का सामना कर रही है. चीन की अर्थव्यवस्था संकट में है. जर्मनी, यूके की अर्थव्यवस्था संकट में है. लेकिन हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हम कोरोना के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस दौरान सीतारमण ने मोदी सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया.
सीतारमण ने कहा, यूपीए सरकार में हम सुनते थे कि गरीबी हटाओ. 6 दशक तक सुनते रहे हैं. लेकिन गरीबी हटी क्या? लेकिन हम गरीबी को कम करने में सफल हुए हैं. इसे और कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. बिजली आएगी, गैस कनेक्शन मिलेगा. पानी का कनेक्शन मिलेगा. लेकिन अब बिजली मिल गई, गैस कनेक्शन मिल गया. पानी मिल गया. टॉयलेट बन गया. पहले कहते थे गांव में सड़क बनेगी, अब बन गई. पहले कहा जाता था कि पोर्ट बनेगा, एयरपोर्ट बनेगा. अब बन गए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जनता 2014-2019 में UPA के खिलाफ अविश्वास लाई थी. हमें विश्वास है कि 2024 में भी यही हाल होगा. उन्होंने कहा, गठबंधन का नाम सिर्फ इसलिए बदला गया, क्योंकि जनता को UPA नाम से इनका भ्रष्टाचार याद आ जाता है.
ओवैसी भी मोदी सरकार पर जमकर भड़केA
IMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर-मुंबई ट्रेन में फायरिंग, मणिपुर हिंसा, हिजाब मुद्दा, वर्शिप एक्ट, UCC के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान जेल में बंद है, उसे सरकार क्यों नहीं लाई अभी तक. उन्होंने कहा, आप कह रहे हैं मणिपुर के सीएम सहयोग कर रहे हैं, इसलिए आप उन्हें हटाना नहीं चाहते. ओवैसी ने कहा कि असम राइफल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. किसी शायर ने अच्छा कहा था कि कुर्सी है ये तुम्हारा जनाजा तो नहीं कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते.
ओवैसी ने कहा, ट्रेन के अंदर लोगों की पहचान करके उन्हें मारा जा रहा है और कहा जा रहा है कि देश में रहना है तो मोदी को वोट देना होगा. ये सब क्यों हो रहा है हमारे देश में. लोगों के कपड़े , दाढी देखकर मार डाला. नूंह में मुसलमानों के घरों को गिरा दिया गया. मुसलमानों के लिए नफरत का माहौल बना दिया गया. हिजाब का मुद्दा बनाकर मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई से दूर कर दिया गया. बिलकिस बानो इस देश की बेटी है या नहीं? उसके मुजरिमों को इस सरकार ने रिहा कर दिया. आप चीन पर चुप बैठे हैं. चीन हमारे देश में घुसकर बैठा हुआ है.
मणिपुर पर चुप्पी क्यों – महुआ मोइत्रा
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ये सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव नहीं, हमें पता है हमारे पास नंबर नहीं है. हम INDIA बनकर इसलिए नहीं आए हैं, क्योंकि इस सरकार को गिराना चाहते हैं. हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकें, इसलिए हम नए विश्वास के साथ आए हैं. मणिपुर के मुद्दे पर जो चुप्पी साधी गई, हम उसके खिलाफ हैं. जहरीले बयान दिए गए. कहा गया कि राजस्थान, बंगाल में रेप के मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं हुई. लेकिन मैं बताना चाहती हूं कि मणिपुर का मुद्दा अलग है. नफरती अपराध एक समुदाय के खिलाफ मणिपुर में हो रहा. वो महिलाएं इंसाफ भी नहीं पा रही हैं. वहां युद्ध चल रहा है, सामुदायों के बीच. 3 महीने में 150 से ज्यादा लोग मारे गए. उन्होंने कहा, अब तक किस राज्य में थानों से हजारों हथियार और लाखों गोलियां लूटी गईं।
सब्जियां हिंदू हो गई और बकरा हुआ मुसलमान
महुआ मोइत्रा ने कहा, हम यहां अपने ‘तुम अभी चुप रहो’ गणतंत्र में सवाल पूछने आए हैं, जहां प्रधानमंत्री एक राज्यपाल से कहते हैं ‘चुप रहो’. इस सदन में निर्वाचित सांसद के रूप में हमसे नियमित रूप से कहा जाता है ‘चुप रहो’. यह प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है. पीएम मोदी हमारी बात नहीं सुनेंगे, आखिरी दिन आकर भाषण देंगे. मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया.
अधीर रंजन ने भी साधा निशाना
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरा. जब चौधरी बोल रहे थे, तब पीएम भी सदन पहुंचे. पीएम मोदी को देखकर अधीर रंजन ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव की ताकत देखिए हम पीएम मोदी को खींचकर सदन में लाए. यही संसदीय परंपराओं की ताकत है. हम चाहते थे कि पीएम मोदी मणिपुर पर चर्चा में हिस्सा लें. लेकिन उन्होंने न जाने क्यों सदन में न आने की कसम खाई थी. हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने का नहीं सोचा था, लेकिन हमें लाना पड़ा.
अधीर रंजन ने कहा, देश का मुखिया होने के नाते पीएम मोदी को मणिपुर के लोगों के सामने मन की बात करनी चाहिए थी. ये मांग कोई गलत मांग नहीं थी. ये आम लोगों की मांग थी. उन्होंने कहा, मोदी 100 बार देश के पीएम बनें, हमें कोई लेना देना नहीं. हमें देश के लोगों से लेना देना है.
अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर की घटना का जिक्र कर कहा कि जहां का राजा अंधा होता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है. इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, आप पीएम के बारे में इस तरह से सदन में नहीं बोल सकते.
अधीर रंजन ने कहा, हम ये कहना चाहते हैं कि पीएम मोदी हर चीज में कुछ न कुछ बोलते हैं. लेकिन मणिपुर पर वे चुप हैं. हमें ये बिल्कुल पसंद नहीं हैं. मणिपुर से दो सांसद हैं. उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा सकता. हम अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो बयान दिया, वो घातक बयान दिया. आपने कहा था कि बफर जोन में आपने सुरक्षाबलों को तैनात किया. बफर जोन लाइन ऑफ कंट्रोल में बनते हैं. इसका मतलब आप क्या स्वीकार कर रहे हैं.
सिंधिया ने किया पलटवार
बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, जो ये दृश्य प्रजातंत्र के मंदिर में देख रहे हैं. इस देश का सद्भाव, देश की विचारधारा निर्मित की जाती है. जिस मंदिर से 140 करोड़ जनता अपनी प्रेरणा लेती है, उस प्रजातंत्र के मंदिर में ये स्पष्ट हो गया है कि इन लोगों को न देश की चिंता है, न राष्ट्रपति पद की चिंता है. इन लोगों को अपने हैसियत की चिंता है. मुझे 20 साल हो गए हैं, संसद में. ऐसा दृश्य मैंने 2 दशक में नहीं देखा. उन्होंने कहा, देश की जनता से माफी मांगे. ये ना सदन में बात सुनने को तैयार हैं और न जनता की बात सुनने को तैयार हैं.
कांग्रेस पर वार करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि मणिपुर के सांसद क्यों नहीं बोल रहे, उस वक्त जब आपकी सरकार (1993) केंद्र और राज्य में थी मणिपुर के सांसद ने रोते-रोते संसद में कहा था कि राज्य सरकार कुछ नहीं कर सकती. उसके पास फंड नहीं है. उसके पास हथियार खरीदने के भी पैसे नहीं हैं. कृपया ये मान लीजिए कि मणिपुर भारत का ही हिस्सा है. सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को बोलने से पहले यह सब देखना चाहिए. सिंधिया बोले कि मुझे मुजफ्फर वारसी का शेर याद आता है, ‘औरों के खयालात की लेते हैं तलाशी, अपने गिरेबान में झांका नहीं जाता.’
सिंधिया ने अदा की भाजपा का अहसान
विपक्षी गठबंधन पर सिंधिया ने कहा कि ये लोग सिर्फ नाम बदलते हैं, सामान वही है. इनकी दुकान मोहब्बत की नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की है. सिंधिया बोले- ये कहते हैं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान लाएंगे. इनकी खुद की दुकान भ्रष्टाचार, झूठ, तुष्टिकरण का दुकान है. केवल दुकान का नाम बदलता है. सामान वही है. सिंधिया ने कहा मुझे इसपर राहत इंदौरी का शेर याद आता है कि, ‘नए किरदार आते जा रहे हैं. लेकिन नाटक पुराना चल रहा है.’ सिंधिया ने आगे कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने माना कि I.N.D.I.A. मजबूरी का गठबंधन है.
मोदी ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां
पीएम मोदी गुरुवार शाम 4.57 मिनट बजे सदन के भीतर पहुंचे. पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं के आरोपों के जवाब में न सिर्फ अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, बल्कि कांग्रेस, विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा. पीएम मोदी ने मणिपुर और पूर्वोत्तर राज्यों की भी बात की. पीएम मोदी ने कहा, एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है. आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और BJP 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने सदन के भीतर 2024 का सबसे बड़ा कप (लोकसभा चुनाव) जीतने का सौ फीसदी भरोसा जनता के सामने रखने से पहले विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव वाली फील्डिंग पर तंज कसा. मोदी ने कहा कि फील्डिंग विपक्ष ने लगाई लेकिन चौके छक्के यहीं (सत्ता पक्ष) से लगे और विपक्ष नो बॉल नो बॉल कर रहा है. इधर सेंचुरी हो रही है, उधर से नो बॉल हो रहा है. विपक्ष के साथियों से कहूंगा कि तैयारी करके क्यों नहीं आते हो, थोड़ी मेहनत कीजिए, पांच साल दिए थे, 18 में कहा था 23 में आना लेकिन आप पांच साल में तैयारी नहीं कर पाए.
पीएम ने 2024 में उनके सामने जुटे विपक्ष के गठबंधन I.N.D.I.A. की कमजोर नब्ज दबाई. ये नब्ज है नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा ना होने की. पीएम ने कहा, ‘ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन. इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. हर कोई पीएम बनना चाहता है. इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आपका किससे कैसा कनेक्शन है.’ फिर प्रधानमंत्री ने सदन से ही मतदाताओं तक इस संदेश को पहुंचाने की कोशिश की है कि आज बीजेपी के सामने एकजुट होने वाले आगे बिखर जायेंगे
मोदी ने कहा, ‘अभी हालत (विपक्ष में हैं) ये है इसलिए हाथों में हाथ हैं. जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी.’ मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं ने बेंगलुरु में मिलजुलकर करीब डेढ़ दो दशक पुराने यूपीए का क्रिया-कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है और इसका जश्न भी मनाया. खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का जश्न. फेल मशीन पर पेंट करने का जश्न। खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल बताने का जश्न. मोदी ने आगे कहा कि मजेदार ये है कि मजमा खत्म होने से पहले ही उसका क्रेडिट लेने के लिए सिर फुटौव्वल शुरू हो गई.
पीएम ने कहा कि गरीब का बेटा पीएम बन गया ये बात कांग्रेस को हजम नहीं होती. उन्होंने कहा, ‘कभी कांग्रेस नेताओं के जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते हैं, लेकिन अब उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है. एक जमान था कि ड्राईक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते है. आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज में उड़ रहा है. कभी छुट्टी मनाने, मौज मस्ती के लिए नौसेना के युद्धपोत को मंगवा लेते थे. लेकिन अब उन जहाजों में दूर फंसे भारतीय को लाया जाता है.
पी एम मोदी मणिपुर पर बोले मगर यह नहीं बताया कि वे मणिपुर आखिर क्यों नही गए?
मोदी के भाषण के बीच विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया. उनका कहना था कि मोदी मणिपुर पर नहीं बोल रहे हैं. इसके बाद मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने को तैयार होते हैं लेकिन सुनने को तैयार नहीं होते. वे झूठ फैलाकर भाग जाते हैं.
इसके बाद मोदी ने मणिपुर पर बात की. वह बोले कि अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी. मोदी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी विषयों पर बोले, हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं.
विपक्ष का इरादा चर्चा का नही था
मोदी ने कहा कि अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था. इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे. पीएम ने कहा कि मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया. उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ. कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ. दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है. देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं.
हमारे जिगर का टुकड़ा है नार्थ ईस्ट