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November 21, 2024 4:12 pm

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टिकट वितरण में बसपा ने पार्टी के सिद्धांतो को दरकिनार किया,अनजान लोगो को बनाया प्रत्याशी,25 वर्ष से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को ठेंगा दिखाया

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी लगभग लगभग अपने-अपने पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है ।बहुजन समाज पार्टी ने भी बिलासपुर लोकसभा अंतर्गत आठ विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की घोषणा की है लेकिन प्रत्याशियों के नाम को देखते हुए यही स्पष्ट हो रहा है कि बसपा के कर्ण धारों ने और टिकट बांटने वालों ने पार्टी के विचारधारा और सिद्धांतों  की परवाह तक नहीं की है ।बहुजन समाज पार्टी को दलित  और सर्वहारा वर्ग की पार्टी कहते हुए बसपा के नेता कभी नहीं अघाते लेकिन प्रत्याशी चयन की बात जब आती है तो यह सारी बातें भुला दी जाती है ।

अभी विधानसभा चुनाव में जिस तरह से प्रत्याशियों का चयन किया गया है उसमें कई ऐसे कार्यकर्ताओं को उपेक्षित कर दिया गया है जो तमाम प्रकार के प्रलोभनों के बाद भी बसपा को नहीं छोड़ा और अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी के लिए संघर्षरत रहे हैं ।पार्टी ने बिलासपुर जिले में जिन प्रत्याशियों की घोषणा की है उसमें बिल्हा से हेमचंद गिरी (संभावित ),तखतपुर से मोहन मिश्रा, बिलासपुर से श्रद्धा सैमसंग ,बेलतरा से इंजीनियर रामकुमार सूर्यवंशी तथा मस्तूरी से दाऊ राम रत्नाकर प्रमुख है जबकि कोटा मुंगेली और लोरमी विधानसभा क्षेत्र गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समझौते में चला गया है। पार्टी ने ऐसे लोगों को भी टिकट दिया है जिनके नाम को लेकर बसपा के कार्यकर्ता आश्रय चकित है क्योंकि ऐसे प्रत्याशी को उसके विधानसभा क्षेत्र में ही कोई नहीं जानता ।कहा तो यह भी जाता है कि प्रत्याशी चयन करने वालों को टिकट दावेदारों ने  प्रत्याशी बनाने के लिए खुश कर दिया है। पिछले चुनाव की अगर हम बात करें तो मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जोगी कांग्रेस से समझौता होने के कारण बसपा प्रत्याशी को 59000 वोट मिले।इसी तरह बेलतरा विधानसभा में भी जोगी कांग्रेस से गठबंधन होने के कारण जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल टाह ने 39000 वोट प्राप्त किया ।तखतपुर में जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी को 49000 वोट मिले थे लेकिन इस बार जिस तरह से टिकट वितरण किया गया है उससे बसपा प्रत्याशियों को ज्यादा वोट मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है।

एक प्रत्याशी को चाहे वह हारे या जीते आम मतदाताओं के समक्ष उसकी अच्छी पहचान हो तथा उसकी छवि भी बेहतर हो लेकिन किसी चेहरे को मतदाता जानते ही ना हो और उसे प्रत्याशी बनाकर चुनाव में उतार दिया जाए तो उसका जीतना तो दूर उसे कितने वोट मिलेंगे यह कह पाना मुश्किल है ।ऐसे प्रत्याशियों को बसपा समर्थित वोटर भी वोट नहीं देंगे ।ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस ब्राह्मणों के प्रति और भारतीय जनता पार्टी व्यापारियों के प्रति साफ्ट  कार्नर रखती है लेकिन बहुजन समाज पार्टी  को xअनुसूचित जाति, जनजाति ,पिछड़ा वर्ग और सर्वहारा वर्ग को साथ लेकर चलने वाली पार्टी कहा जाता है ।पार्टी के सिद्धांत और  उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट है लेकिन बसपा के कर्ताधर्ता ही इन सिद्धांतों और उद्देश्य को भूल गए हैं तथा प्रत्याशी चयन में उन्हीं लोगों को महत्व दिया जा रहा है जो उनको खुश कर रहे हैं ऐसे में बसपा का विधानसभा चुनाव में क्या स्थिति रहेगी यह समझ जा सकता है सकता है ।

एक समय ऐसा भी था जब बिलासपुर और जांजगीर तथा कोरबा जिला पूरी तरह बसपा मय था ।बसपा के संस्थापक मान्यवर कांशीराम ने कोरबा ,जांजगीर, चांपा में बामसेफ और बसपा को स्थापित करने के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया था। यही वजह है कि सीपत विधानसभा क्षेत्र जो सामान्य सीट थी उसमें भी अनुसूचित जाति के इंजीनियर रामेश्वर खरे की जीत हुई थी। यही नहीं स्वयं  काशीराम कोरबा जांजगीर जिले में पार्टी के बढ़ते प्रभाव और व्यापक जन आधार को देखते हुए पहली बार जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडेऔर रिकॉर्ड 98 हजार वोट प्राप्त किया। तब बसपा के नेताओं की एक ही सोच थी की पार्टी को किस तरह आगे बढ़ाया जाए तथा ऐसे लोगों को प्रत्याशी बनाया जाए जो जीत कर विधानसभा और लोकसभा में पहुंचे इसी सोच के तहत पामगढ़, चंद्रपुर,c मालखरौदा आदि विधानसभा क्षेत्र से बसपा के विधायक निर्वाचित हुए। आज बसपा के पदाधिकारी की सोच बदल गई है पार्टी के सिद्धांतों से दूर हो चुके हैं और नए और अनजान चेहरों को प्रत्याशी बनाकर प्रत्यक्ष रूप से उन्हें हारने का काम कर रहे हैं अभी भी वक्त है बिलासपुर जिले में पार्टी ने साहू समाज से एक भी व्यक्ति को प्रत्याशी नहीं बनाया है जबकि बिल्हा तखतपुर कोटा तथा तथा लोरमी विधानसभा क्षेत्र साहू मतदाता बाहुल्य क्षेत्र है इन क्षेत्रों में बसपा ने एक भी साहू प्रत्याशी नहीं बनाया है और अन्य वर्गों को मौका दिया है । लोरमी  विधानसभा क्षेत्र में तो साहू मतदाताओं की संख्या दूसरे नंबर पर है जहां 45000 से ज्यादा साहू मतदाता है यह जानते हुए भी  साहू,कुर्मी,यादव( बहुसंख्यक obi दावेदारों को इग्नोर करना बहुजन समाज पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो सकता है ।अभी भी मौका है कल से नामांकन दाखिला शुरू हो रहा है ।पार्टी के पदाधिकारी यदि चाहे तो बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के किसी एक सामान्य विधानसभा क्षेत्र से साहू समाज की किसी एक को प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं।

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