बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के लिए बिलासपुर से सिर्फ एक ही प्रत्याशी भाजपा से अमर अग्रवाल का नाम घोषित हो पाया है और चुनावी पिच पर वे अकेले बॉलिंग कर रहे हैं हालांकि आम आदमी पार्टी से डॉक्टर उज्जवला कराडे भी पूरे दमखम के साथ प्रचार कर रही है। वर्तमान शहर विधायक शैलेष पाण्डेय अभी अपने नाम की अधिकृत घोषणा किए जाने का इंतजार कर रहे है उनके नाम की घोषणा 15 अक्तूबर के बाद कभी भी हो सकता है ।उनके नाम को लेकर कोई संशय नहीं है जैसे अन्य विधानसभा के उम्मीदवारों के नाम को लेकर है।पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक भाजपा नेता अमर अग्रवाल को बिलासपुर से उम्मीदवार घोषित किए जाने से किसी को कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि भाजपा में तय तो यही था बाकी सब दिखावा था।श्री अग्रवाल ने भी पार्टी में ऐसी गोटी फिट करके रखी थी उनके अलावा पार्टी में किसी और के नाम पर विचार करने का सवाल ही नहीं था।अधिकृत तौर पर प्रत्याशी की घोषणा किए जाने के बाद अमर अग्रवाल भी अधिकृत तौर पर अपने प्रचार में जुट गए है। चुनाव जीतने पिछले 15 वर्षो में उन्होंने जो पैंतरे आजमाए वही पैंतरा फिर से शुरू कर दिया गया है। उनके समर्थक दावा कर रहे है कि “भैया” का चुनाव कार्य और रणनीति 90 प्रतिशत पूरा हो गया है ,पिछले चुनाव जैसा एंटी माहौल नहीं है सब ठीक कर लिया गया है ।अभी वे अकेले बॉलिंग और बल्लेबाजी भी कर रहे है।कांग्रेस की अधिकृत सूची आने के वाद प्रचार प्रसार आक्रामक हो जायेगा ।15 साल बनाम 5 साल का मुद्दा चुनाव में तो रहेगा ही मोदी सरकार के 9 साल भी चुनाव प्रचार में खूब उछलेगा ।
एक जरूरी बात और कि भाजपा के नेता तमाम नेता हर छोटी बड़ी सभा में यह आरोप लगाते हैं कि भूपे श बघेल सरकार गंगाजल की कसम खाकर शराब बंद करने का वादा किया था और अब वादा से मुकर रही है लेकिन यही भाजपा नेता उनकी सरकार आने पर क्या शराब बंदी करेंगे यह प्रश्न पर सब मौन हो जाते हैं। वैसे यह कटु सत्य की आबकारी की आय से सरकार और मंत्रियों की सेहत निर्भर करता है।
वैसे देखा जाए तो मुख्य मुद्दा शहर के विकास का होना चाहिए लेकिन चुनाव को जातीय रंग देने भी कोशिशें होंगी। पिछले तीन दिनों में अमर अग्रवाल ने जितने भी आरोप लगाए उसका चिंतन जरूरी है और यह भी आंकलन करना जरूरी है कि 15 साल में क्या वह सब नही हुआ था जो सिर्फ 5 साल में हो गया । कानून व्यवस्था से लेकर माफियाओं का राज ,कमीशनखोरी ,चोरी,हत्या ,बलात्कार जैसी वारदात क्या 15 साल में कभी नहीं हुए?कांग्रेसी कह रहे भाजपाई और उसका प्रत्याशी जब वोट मांगने आए तो उनसे सिर्फ एक सवाल पूछिए कि कोरोना काल में वे 2 साल कहां थे? सवाल तो सटीक है और उसका जवाब भी आना चाहिए।कांग्रेस के 5 साल में निश्चित ही अपराध बढ़े,कमीशनखोरी भी होती रही और अपराधी तत्वों पर सख्ती से निपटा भी जाना चाहिए था लेकिन यह भी बताना लाजिमी होगा कि 15 साल पूरे प्रदेश में रामराज्य था क्या ?सिवरेज परियोजना की असफलता के लिए दूसरों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने दो साल का धान का बोनस किसानों को नही देने को स्पष्ट तौर पर भूल माना उसी तरह सिवरेज परियोजना को भी असफल मान लेना चाहिए लेकिन अमर अग्रवाल सिवरेज की अब चर्चा भी नही कर रहे बल्कि 6 माह पहले उन्होंने सिवरेज परियोजना को न केवल बेहतर माना बल्कि भाजपा सरकार बनने पर अधूरे सिवरेज परियोजना को पूरा करने अप्रत्यक्ष रूप से हामी भी भरी थी ।शहरवासी आज भी अधूरे और असफल सिवरेज परियोजना की याद करके गुस्से से भर जाते है क्योंकि शहर की सड़के आज भी धंस रही है और गड्डे हो रहे है।भाजपा सिवरेज परियोजना से चाह कर भी पीछा नहीं छुड़ा सकती ।रेत के लिए अरपा नदी की सर्वाधिक छलनी सिवरेज के लिए ही हुई थी । झुग्गी झोपड़ी वाले तब भी हटाए गए थे और अब भी हटाए जा रहे है। लोगो को अच्छी तरह याद होगा कि शहर के कई इलाकों के झुग्गी झोपड़ी में रहने वालो को भाजपा शासनकाल के दौरान विस्थापन किया गया था लेकिन उन्हें बिलासपुर विधान सभा क्षेत्र में नही बल्कि बेलतरा, तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में उनका विस्थापन किया गया जाहिर है यह निर्णय राजनैतिक था क्योंकि झुग्गी झो प ड़ी में रहने वाले वोटर भाजपा के नही थे । कांग्रेस के 5 साल में निश्चित ही अपराध ,कमीशनखोरी जमकर बढ़ी है ,अफसरों की पोस्टिंग में सौदेबाजी के भी आरोप लगे ,पुलिस थानों में रेट लिस्ट टांगे जाने की भी मांग की गई और जनता परेशान रही है तो भाजपा के शासनकाल में भी जमकर अपराध और भ्रष्ट्राचार होते रहे है ।ये बड़े लोगो की बात है ,सब कोर्ट कचहरी खेलते रहे है ,बड़े वकीलों पर लाखो करोड़ों की फ़ीस वहन करते आ रहे है।शहर की जनता समझदार है किसको जिताना और किसको निपटाना है यह बात अच्छी तरह समझती है ।हमारा तो मानना है वोट जिसे भी दे सोच समझकर दें और ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालें ताकि हार जीत का अंतर भी ज्यादा हो और बिलासपुर में सर्वाधिक मतदान होने का रिकार्ड भी बने ।