Explore

Search

November 22, 2024 1:48 am

Our Social Media:

अरुण साव मुख्यमंत्री और डा.रमन सिंह बनेंगे विधानसभा अध्यक्ष,साव के सी एम बनने से बिलासपुर जिले से कोई भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया जायेगा,नतीजे आने के पहले तरह तरह के दावे

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से निपट गए अब नतीजो की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है। नतीजे हालांकि 3 दिसंबर को आएंगे लेकिन सभी लोगों की जुबान पर अब एक ही चर्चा है कि कौन-कौन जीतेंगे ,किस पार्टी को बहुमत मिलेगा और किसकी सरकार बनेगी। इससे भी आगे बढ़कर उत्साही लोग न केवल रिजल्ट बता रहे हैं बल्कि सरकार किसकी बनेगी और मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका भी दावा करने लगे हैं। कई अति उत्साही भाजपाईयो ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साव मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं चूंकि वे अविभाजित बिलासपुर जिले से विधायक के रूप में मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं इसलिए बिलासपुर जिले से किसी भी भाजपा विधायक को मंत्री नहीं बनाया जाएगा।एक मुख्यमंत्री ही काफी है ।  इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जायेगा ।इस तरह के दावे  में कितन  दम है यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा लेकिन लोग चटकारे लेकर ऐसे दावों को सुन रहे है । इस विधानसभा चुनाव में लगभग पूरे प्रदेश में किसी तरह का शोर और दावे जैसी बात ही नहीं है ।तमाम मतदाता साइलेंट है जिसके चलते दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस तथा भाजपा में काफी छटपटाहट तो है लेकिन सरकार बनाने के दावे ही नही कर रहे बल्कि अपनी पार्टी के संभावित विधायको को सुरक्षित रखने की योजना के साथ ही अन्य पार्टी के संभावित कुछ विधायको को पाला बदलवाने की रणनीति भी बना रहे है  ताकि जीतने वाले  विधायको की संख्या बल के आधार पर बहुमत जुटाने  के लिए ज्यादा मेहनत न करनी पड़े ।बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कोई भी विधानसभा ऐसा नहीं है जहां से एक प्रत्याशी की आसानी से जीत का दावा किया जा सके यानि मुकाबला काफी कड़ा है ।शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कम होने को लेकर भी दावे प्रतिदावे किए जा रहे है ।एक आंकड़े के मुताबिक जिले के बेलतरा विधानसभा  क्षेत्र  सर्वाधिक चुनावी खर्व वाला  विधानसभा बन गया है जिसने बिलासपुर को भी पीछे छोड़ दिया है । बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के पंच सरपंच, स्व सहायता समूह वाले,पार्टी कार्यकर्ता ,नेता सभी खुश है क्योंकि अधिकांश को मनमाफिक चुनावी खर्च मिलना बताया जा रहा है ।सामाजिक संगठनों को भी खुश कर दिया गया है । बताया तो यह भी जा रहा है कि झारखंड से आए एक पार्टी के नेता ने कई पार्षदों को दिवाली खर्च  के रूप में 25,25 हजार रुपए बांट दिया था।चुनाव संचालकों को क्या मिला इसका आंकड़ा अभी अप्राप्त है । पूरे विधानसभा चुनाव में इस बार प्रत्याशी का चेहरा देखकर नही बल्कि “भूपेश है तो भरोसा है “और “मोदी की गारंटी ” के कथित दावों पर चुनाव लडा गया जिसके चलते कई कमजोर प्रत्याशी  के भी “तर” जाने की संभावनाएं दिख रही है ।भाजपा नेताओ का दावा है कि वे अपनी पार्टी के वोटरों को बूथ तक ले जाने में सफल रहे है ।बताया तो यह भी जा रहा  है कि एक वर्ग विशेष के मतदाताओं को प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रलोभन देकर वोट देने जाने से रोकने में  कई नेता और उसके कार्यकर्ता  सफल रहे है ।ये वोटर सत्ताधारी दल के पक्ष में मतदान करते है ।पिछले चुनाव में इसी वर्ग के मतदाताओं की उंगली में स्याही लगाकर वोट देने से रोके जाने की काफी चर्चा रही है। बहरहाल 3 दिसंबर का इंतजार सबको है ।उस दिन सबके दावों की पोल खुल जायेगी तब रटा रटाया जवाब होगा कि जनता  ने जो फैसला दिया वह हमें स्वीकार्य है और हम दुगने उत्साह से प्रदेश की जनता की सेवा करेंगे ।

Next Post

सांस्कृतिक परम्परा में "अक्षय-नवमी" और "प्रबोधिनी एकादशी"= डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा

Wed Nov 22 , 2023
भारत वर्ष उत्सव मंगल हर्ष पर्व का देश है, जीवन के प्रति समाज देश के प्रति आशा, आस्था, जिगीषा, जिजीविषा का विशेष आग्रह है, इसीलिए नव संवत्सर का आरंभ ही वर्ष प्रतिपदा से होता है। भाई दूज यम द्वितीया, अक्षय तृतीया, गणेश चतुर्थी, नाग पंचमी, हलषष्ठी, संतान सप्तमी, जन्माष्टमी, रामनवमी, […]

You May Like