बिलासपुर। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और सत्ता से बेदखल होने की पीड़ा और पछतावा कांग्रेस नेताओं में अभी भी बरकरार है इसका उदाहरण आज नेहरू चौक में आयोजित धरना प्रदर्शन में देखने को मिला लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों को निलंबित किए जाने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शुक्रवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन जिला मुख्यालय में किए जाने के आव्हान पर नेहरू चौक में कांग्रेस तथा कम्युनिस्ट पार्टी एवं अन्य दलों द्वारा किया गया ।इस धरना प्रदर्शन में पूर्व विधायक शैलेश पांडे तो छाए रहे लेकिन उपस्थित एकदम नगण्य रही। नगर निगम में कांग्रेस का बहुमत है उसके बाद भी धरना प्रदर्शन में एक्का दुक्का पार्षद ही दिखाई दिए ।कांग्रेस के कई पदाधिकारी भी धरना प्रदर्शन में नहीं आए।
उक्त धरना प्रदर्शन में विधायक शैलेश पांडे ,महापौर रामश रण यादव ,जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ,विजय पांडे के साथ ही पूर्व महापौर, राजेश पांडे ,मार्कफेड के पूर्व अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर ,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक, चंद्र प्रकाश बाजपेई,कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभय ना रायण राय ,राजेंद्र शुक्ला ,सियाराम कौशिक ,शहजादी कुरेशी आदि तो मौजूद रहे लेकिन जिले से कांग्रेस की निर्वाचित दोनों विधायक अटल श्रीवास्तव और दिलीप लहरिया धरना प्रदर्शन में नहीं दिखे। विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए 15 दिन से ऊपर हो गए लेकिन अभी तक कांग्रेस की हा र की समीक्षा के लिए जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आज तक कोई बैठक नहीं बुलाई गई है जिला कांग्रेस कमेटी के ग्रामीण के अध्यक्ष विजय केसरवानी स्वयं बेलतरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं ।आज नेहरू चौक में आयोजित धरना प्रदर्शन में वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर प्रजातंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया तथा कहा कि भारतीय राजनीतिक इतिहास में पहली बार 146 सांसदों को सदन से बिना मतलब निलंबित किया जाना यह दर्शाता है कि केंद्र की मोदी सरकार मनमाने तौर पर अपनी मर्जी से चलना चाहती है ।विपक्ष का प्रश्न पूछना भी मोदी सरकार को गवारा नहीं है और संसद की सुरक्षा को लेकर केंद्र की सरकार कोई चर्चा नहीं करना चाहती संसद में घुसे युवकों को भारतीय जनता पार्टी के सांसद द्वारा पास उपलब्ध कराया गया था लेकिन उक्त भाजपा सांसद के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही सरकार द्वारा नहीं की जा रही है और संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे जाने को पर कांग्रेस तथा अन्य वि पक्षी दलों के 146 सांसदों को सरकार ने निलंबित किया जो सरकार की तानाशाही रवैया को प्रकट करता है ।वक्ताओं ने कहा कि इस सरकार की हमें लगातार विरोध करना है तथा पूरे देश की जनता को बताना है कि केंद्र की मोदी सरकार की नियत सिर्फ सत्ता में बने रहने की है तथा यह सरकार पूरे विपक्ष को खत्म कर देना चाहती है लेकिन सरकार की हमेशा कभी पूरी नहीं होगी।धरना प्रदर्शन चूंकि इंडिया गठबंधन का था इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कतिपय नेता भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए ।