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November 21, 2024 5:26 pm

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लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की उम्मीद पाले भाजपाई दावेदारों को अब तो समझ लेना चाहिए कि टिकट की लाटरी पहले ही निकली जा चुकी है

बिलासपुर।भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए राजा देवेंद्र प्रताप सिंह को प्रत्याशी घोषित कर न केवल चौंका दिया है बल्कि लोकसभा चुनाव में  प्रत्याशी कैसे होंगे इसका भी संकेत दे दिया है ।लोकसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले भाजपाइयों को समझ जाना चाहिए ।

वैसे प्रधानमंत्री मोदी और राम मंदिर के नाम पर कोई भी चुनाव जीत सकता है यह मंशा पाल रखे कई ऐसे भाजपाई भी टिकट की दौड़ में है जो बहती गंगा में हाथ धोने की चाह रखते है।यही वजह है कि बिलासपुर लोकसभा  चुनाव लड़ने 117 भाजपाईयो  ने दावेदारी की है ।भाजपा में टिकट मांगने या आवेदन लेने देने की शुरू से ही कोई परंपरा  ही नहीं है ।पार्टी जिसे उम्मीदवार घोषित कर दे, तमाम भाजपाई और भाजपा के दर्जनों अनुषांगिक संगठन उसे जितवाने के लिए तत्पर हो जाते है लेकिन इस बार भाजपा का चुनावी माहौल कुछ अलग ही है ।

पार्टी का साधारण से साधारण कार्यकर्ता भी अब चुनाव लडना चाहता है। इसका कारण सिर्फ यही है कि पंच चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक भाजपाइयों को यह अति आत्मविश्वास हो चला है कि प्रधानमंत्री मोदी और राममंदिर के नाम पर कोई भी चुनाव जीता जा सकता है ।ऐसे अमृतकाल में भी यदि कोई भाजपाई चुनाव हारता है तो उसकी या तो किस्मत खराब है या फिर उसके माथे में राज योग ही नहीं है ।ऐसे लोगो को भगवान भी चुनाव नही जितवा सकता ।

एक बात और भाजपा में अब वो सब कुछ हो रहा जो पहले नही होता था यानि चुनाव प्रभारी,सहप्रभारी,कलस्टर ,संयोजक ,सह संयोजक जैसे अन्य जिम्मेदारी देकर और संगठन के नेताओ द्वारा पार्टी पदाधिकारियों की जिला और प्रदेश स्तर पर बैठक लेकर प्रत्याशियों के बारे में पूछताछ और दावेदारों से एक एक करके चर्चा किया जाना यह सब चुनावी फंडा है ताकि सब भ्रम में रहें टिकट किसे देना है और प्रत्याशी किसे बनाना है इसका फैसला तो पहले ही लिया जा चुका होता है सिर्फ बताया नही जाता और यह सब राज रखा जाता है ताकि  कार्यकर्ता और दावेदार सब चुनाव तक पार्टी के पक्ष में सक्रिय रहें इसका उदाहरण विधानसभा चुनाव  के वक्त मिल चुका है ।जिस तरह विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका दिया गया इसी तरह लोकसभा में भी बिलकुल फ्रेश चेहरों को खोजकर मौका दिया जायेगा और किसे यह अवसर दिया जायेगा इसका निर्णय पहले ही लिया जा चुका है नामों की घोषणा करना ही बाकी है। जैसा कि एक झटके में सरोज पांडे को ड्रॉप कर जशपुर के जिला पंचायत सदस्य  और पुराने कांग्रेसी देवेंद्र प्रताप  सिंह को राज्य सभा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया ।

मोदी ,शाह के राज में नई भाजपा में वह दिन अब लद गए जब पार्टी के वरिष्ठ नेता या पूर्व मंत्री अथवा संगठन के बड़े पदाधिकारी के बेटे,बेटी या रिश्तेदार को टिकट देकर उपकृत किया जाता था। यह सब बीते दिनों की बात हो गई है। अब तो कांग्रेस से या फिर अन्य दलों से आए नेताओं को प्राथमिकता दिए जाने की परंपरा भाजपा में शुरू हो चुकी है इसलिए लोकसभा चुनाव में टिकट पाने के दावेदारों को उम्मीद छोड़ देना चाहिए और पार्टी जिसे उम्मीदवार बनाए उसे जितवाने के लिए पसीना बनाने तैयार रहना चाहिए क्योंकि चुनाव अप्रैल माह में होनी है तब गर्मी सिर पर रहेगी । अभी तो मंत्री पद से वंचित कई पूर्व  वरिष्ठ मंत्री जो सिर्फ विधायक है ,एक अदद मंत्री पद  को पाने तरह तरह की जुगत में लगे हुए है ।पार्टी भी सभी को  सिर्फ उन्हें ही मंत्री बनाने का सपना दिखा लोकसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए लगा दिया है ।एक अनार और सौ बीमार के कहावत में मंत्री पद किसे मिलेगा यह लोकसभा चुनाव के बाद पता चलेगा ।

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