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November 22, 2024 4:07 am

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बस्तर में भाजपा की जीत आसान नहीं! कट्टर हिंदुत्व वाले चेहरे पर भाजपा को भरोसा तो कांग्रेस हरीश लखमा को दे सकती है मौका

रायपुर।। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भले प्रत्याशी घोषणा करने के मामले में भले ही बाजी मार ली हो लेकिन बस्तर के दो सीटों पर भाजपा एकतरफा जीत दर्ज कर ले यह आसन नहीं है ।प्रत्याशी घोषणा में एक बात  तो पूरी तरह स्पष्ट हो गई है कि भाजपा ऐसे चेहरे को खोज खोज कर टिकट दे रही है जो कट्टर हिंदुत्व के माहौल में रहा हो और धर्मांतरण जैसे मामले के खिलाफ खुलकर सामने आने  वाला    चेहरा हो ।विधानसभा चुनाव  में मिली सफलता से लवरेज भाजपा ने बस्तर में भी यही ट्रिक अपनाया है इसके बाद भी चुनाव को इतना आसान नहीं माना जा सकता।

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 11 लोक सभा सीटों से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। देखना यह है कि इसबार कांग्रेस की झोली में कितनी सीटें आयेगी या बीजेपी अपनी सीटों को बचाने में कमयाब रहेगी या नहीं ।क्यों कि तीन कद्दावरों को छोड़कर बाक़ी 8 चेहरे नये है, इन्ही में से एक महेश कश्यप हैं जिन्हे बस्तर लोकसभा से  भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया  है जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है कयास लगाया जा रहा है प्रदेश कांग्रेस  कोंटा  के विधायक कद्दावर नेता कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी लखमा को मैदान में उतारने की तैयारी में  है और श्री लखमा अपने बेटे को टिकट दिलवाने दिल्ली पहुंच गए है जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज यहां के वर्तमान सांसद है ।सवाल यह है कि कांग्रेस श्री बैज को बस्तर लोकसभा से दुबारा टिकट देगी कि नही ।

तीन माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम अकल्पनीय रहे ।छत्तीसगढ़ प्रदेश की 67 विधानसभा सीटों पर काबिज़ कांग्रेस की सरकार सत्ता गँवा देगी किसे मालूम था, बीजेपी का महिलाओं के लिए प्रति माह एक हजार रुपये की राशि देने महतारी वंदन योजना की घोषणा और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का आश्वासन बीजेपी के लिए दुबारा सत्ता हासिल करने का रास्ता आसान कर दिया और दूसरी ओर मोदी लहर से कांग्रेस के झंडे उखाड़ दिये।छत्तीसगढ़ प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों से भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है लेकिन कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले,देखना दिलचस्प यह होगा की वे कौन से उम्मीदवार होगे जो कड़ा टक्कर देने की कुव्वत रखते हैं, अगर हम पिछले लोकसभा चुनाव वर्ष 2018-19 की बात करें तो अपने अनूठे आदिवासी मूल निवासियों और संस्कृति के लिए विख्यात बस्तर की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दीपक बैज ने जीत दर्ज की। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार बैदूराम कश्यप को 38982 मतों से शिकस्त देकर सीट बीजेपी से छीन लिया था । नक्सली प्रभावित बस्तर भाजपा का गढ़ रहा है। भाजपा ने यहां 1998 से 2014 तक लगातार 6 लोकसभा चुनाव जीते हैं।बस्तर में कांग्रेस के दीपक बैज ने बीजेपी के बैदूराम कश्यप को 38982 वोटों से हराया। दीपक बैज को 402527 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बैदूराम को 363545 मिले। कम्युनिस्ट पार्टी के रामूराम मौर्य 38395 मत हासिल कर तीसरे, जबकि बीएसपी के आयतूराम मंडावी 30449 मत हासिल कर चौथे स्थान पर रहे। इस सीट पर 41667 मत नोटा को प्राप्त हुए, जोकि दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के अलावा मिले मतों के बाद सबसे अधिक है। मगर इसबार कांग्रेस अपनी सीट को बचा पाती है या बीजेपी अपनी हारी हुई सीट को दुबारा हासिल कर लेगी यह बड़ा प्रश्न है ।

धर्म के प्रति कट्टर और धर्मांतरण के प्रति अपनी आवाज बुलंद करने वाले महेश कश्यप को भाजपा ने बस्तर लोकसभा सीट अपना प्रत्याशी चुना है। महेश कश्यप सरपंच संघ के अध्यक्ष के अलावा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं और सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बस्तर में धर्मांतरण के विरोध में ‘‘आया चोर द्वार कार्यक्रम‘‘ रैली के नेतृत्वकर्ता भी रहे हैं ।और इसी लिए जिस तरह कवर्धा विधानसभा में धर्मांतरण और उग्र हिंदुत्व के कारण उभरे विजय शर्मा को भाजपा ने विधानसभा में उम्मीदवार बनाया था ठीक तर्ज पर बस्तर में धर्मांतरण के खिलाफ झंडा बुलंद करने में अहम भूमिका निभाने वाले महेश कश्यप को भाजपा वे लोकसभा उम्मीदवार बना दिया है ।

महेश कश्यप 1996 से 2001 तक बजरंग दल के जिला संयोजक रहे। फिर 2001 से 2007 तक विश्व हिंदू परिषद जिला संगठन मंत्री और 2007 से 2008 तक विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री रहे। शायद यही वजह है कि हिन्दु नेता होने के कारण ही उन्हें भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है।

वर्ष 2014 में होने वाले पंचायत चुनाव जीतकर वह ग्राम पंचायत कलचा के सरपंच भी रहे। सरपंच चुनाव जीतने के बाद उन्हें बस्तर सरपंच संघ अध्यक्ष बनाया गया। महेश कश्यप् छत्तीसगढ़ सरपंच महासंघ के सह संयोजक और भतरा समाज विकास परिषद के संभागीय सचिव रहे। अब वे हिंदुत्व के बल पर लोकसभा सदस्य बनने के लिए चुनाव मैदान में है ।

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