बिलासपुर। प्रदेश में सत्ता बदलते ही जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा नगर निगम सीमा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में अवैध प्लाटिंग तथा बिना नक्शे और मंजूरी लिए बिना ही बनाए जा रहे मकान ,दुकानों आदि पर कार्यवाही करते हुए लगातार उन निर्माण को ढहाया जा रहा हैं जिससे अवैध निर्माण करने वालो में हड़कंप है ।साथ ही सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे और निर्माण पर भी लगातार कार्रवाई चल रही है ।
यह कार्रवाई शहर के साथ ही नगर निगम में शामिल किए गए पूर्व पंचायतों मोपका,लिगियाडीह,सकरी ,बिरकोना, उसलापुर,मंगला,तिफरा आदि में की जा रही है ।आश्चर्य तो यह है कि सिरगिट्टी के वार्ड क्रमांक 10 में सैकड़ों अवैध निर्माण और निगम की बिना मंजूरी लिए ,बिना नक्शा पास कराए दर्जनों मकान बन चुके है इस पर कोई कार्रवाई क्यों नही हो रही और इन अवैध निर्माण कार्य करने वालो को कौन संरक्षण दे रहा इसका जवाब प्रत्यक्ष रूप से शायद कोई न दे पाए ।
और तो और बिना अनुमति ,बिना नक्शा स्वीकृत कराए कालोनी भी बनने लगी है उस पर तुर्रा यह कि इस अवैध रूप से निर्माणाधीन कालोनी तक पहुंचने के लिए नगर निगम ने बकायदा डब्ल्यू बी एम रोड भी बनवा दिया है ।
निःसंदेह वार्ड पार्षद की अनुशंसा से यह रोड निर्माण हुआ है यानि पार्षद को अवैध कालोनी और धडल्ले से बनवाए जा रहे मकानों की जानकारी पार्षद,निगम जोन कमिश्नर और राजस्व निरीक्षक को निश्चित रूप से है । बड़ा सवाल कि इन अवैध निर्माण को शह देने के पीछे इन सबकी क्या मजबूरी हो सकती है और यदि मजबूरी नहीं है तो इनके आंख के सामने जो अवैध निर्माण हो रहे है उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नही करवाई जा रही? इन सबके बीच कोई आपस में तालमेल या साझेदारी की कोई बात तो नही है?
दरअसल चार साल पहले नगर निगम बिलासपुर की सीमा क्षेत्र में बढ़ोतरी करते हुए शहर के आसपास ग्राम पंचायतों,नगर पालिका और नगर पंचायतों को नगर निगम में शामिल कर दिया गया था ।इसमें सिरगिट्टी नगर पंचायत भी शामिल था ।नगर निगम में शामिल होते ही सिरगिट्टी में अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जे की बाढ़ आ गई ।निगम में शामिल होने के बाद घर ,मकान,दुकान आदि के निर्माण के पहले नगर निगम से अनुमति ,नक्शा स्वीकृत करना अनिवार्य हो गया ।बिना अनुमति और बिना नक्शा पास स्वीकृत कराए किए जा रहे निर्माण कार्यों पर नजर रखने और अवैध निर्माण नही होने देने की जिम्मेदारी वार्ड पार्षद,जोन कमिश्नर और निगम के राजस्व निरीक्षक की होती है लेकिन इन तीनो ने शायद अवैध निर्माण के लिए आंख मूंद कर शह दिया तभी तो गुरु गोविंद सिंह वार्ड क्रमांक दस में एस एस मेमोरियल स्कूल के सामने से जाने वाले मुख्य मार्ग में कई किलोमीटर क्षेत्र में अवैध मकान,अवैध प्लाटिंग,बिना भवन अनुज्ञा के धडल्ले से बन रहा है ।कई मकान बन चुके और कई निर्माणाधीन है।इन्हे रोकने वाला कोई नहीं है ।और तो और लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्र में कालोनी बनाए जाने की तैयारी चल रही है ।इसके लिए भी वैध अनुमति कही से नही ली गई है।इस वार्ड के पार्षद पुष्पेंद्र साहू जो एम आई सी सदस्य भी है, ने अवैध प्लाटिंग और कालोनी निर्माण स्थल से थोड़ी दूर तक बकायदा निगम की राशि से सड़क पर मुरूम डलवाकर सड़क का समतलीकरण तक करवा दिया है ।इसमें पार्षद की क्या रुचि है यह वही जाने लेकिन नक्शा मंजूरी नहीं होने ,भवन अनुज्ञा बिना ही दर्जनों की संख्या में दो मंजिला ,तीन मंजिला मकान बनाए जाने और निर्माणाधीन होने से निगम को राजस्व की भारी क्षति पहुंचाई जा रही है।
आखिर इस अवैध निर्माण के खेल में कौन कौन शामिल है इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है साथ ही पक्षपात का आरोप न लगे इसके लिए जिला प्रशासन और निगम प्रशासन को सिरगिट्टी में अवैध निर्माण,अवैध प्लाटिंग पर ताबड़तोड़ और सख्त कार्रवाई तत्काल करनी चाहिए।