बिलासपुर । गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को पुलिस मैदान में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि गृह व जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू होंगे ।पिछले कई दिनों से यह सवाल उठ रहा था कि15 अगस्त को मुख्य अतिथि बनने से वंचित कर दिए गए बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडेय को 26 जनवरी को क्या मौका मिल पायेगा मगर गणतंत्र दिवस के 5 दिन पहले ही राज्य शासन के आदेश ने स्पष्ट कर दिया कि विधायक पांडेय को मौका नही मिल पायेगा क्योकि जारी सूची में बिलासपुर के
मुख्य अतिथि मंत्री ताम्रध्वज को बनाया गया है । विधानसभा चुनाव के एक वर्ष बीत जाने के बाद बिलासपुर में सत्ताधारी कांग्रेस की जो स्थिति दिख रही है उससे सहज ही यह प्रश्न उठ रहा है कि बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय कहीं सत्ता और संगठन से उपेक्षित तो नही हो रहे है ?
अविभाजित मप्र सरकार के दौरान से ही बिलासपुर जिला मुख्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी के आयोजित समारोहों में मुख्य अतिथि कोई मंत्री या बड़े नेता ही होते रहे है और परेड की सलामी तथा ध्वजारोहण भी करते आ रहे थे बीच मे तत्कालीन मंत्री अमर अग्रवाल द्वारा मन्त्रिमण्डल से इस्तीफा दे देने कारण तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक मुख्य अतिथि बनाये गए थे हालांकि अमर अग्रवाल तब विधायक थे । उनको मंत्रिमंडल में पुनः शामिल किए जाने के बाद वे फिर से मुख्य अतिथि बनते रहे । अमर अग्रवाल के चुनाव हार जाने और राज्य में भाजपा के सत्ता से बाहर हो जाने के बाद कौतूहल भरा सवाल यह रहा कि अब पुलिस मैदान में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि कौन होगा ? यह सवाल इसलिए भी उठने लगा था कि जो पार्टी राज्य बनने के बाद रिकार्ड 68 सीटे पाकर सरकार बनाने और डेढ़ दशक की भाजपा सरकार को अर्श से फर्श पर भेज देने में कामयाब रही वही पार्टी बिलासपुर जिले में मात्र 2 विधानसभा सीट ही जीत पाई । विधायक चुने गए दोनो पहली बार विधायक बने इसलिए मंत्रिमंडल में नही लिए गए और जिस जिले में कभी 5,5 केबिनेट मंत्री हुआ करते थे वह जिला मन्त्रिविहीन हो गया ।
स्वतंत्रतादिवस और गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि किसे बनाया जाए यह तय करना निश्चित ही राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात है लेकिन 15 अगस्त 2019 को राज्य सरकार ने ही पुरानी परंपरा को बदलते हुए व्यवस्था दी कि मन्त्रिविहीन बिलासपुर जिला मुख्यालय में कोई मंत्री नही बल्कि विधायक मुख्य अतिथि होगा मगर उसमें भी लोचा यह रहा कि बिलासपुर में बिलासपुर विधायक के बजाय तखतपुर विधानसभा से निर्वाचित कांग्रेस विधायक रश्मि सिह को मुख्य अतिथि बना दिया गया । इस बात को लेकर शहर के मतदाताओं ने अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया दी । किसी ने कहा बिलासपुर विधायक को मुख्य अतिथि नही बनाना बिलासपुर के मतदाताओं का अपमान है मगर यह मामला शांत हो गया जब मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई विवाद का विषय नही है । बिलासपुर विधायक को अगली बार मौका मिल जाएगा । लोगो ने अगली बार का आशय 26 जनवरी लगाया । 26 जनवरी आने के पहले से लोगो को पूरी उम्मीद थी कि गणतंत्र दिवस के दिन पुलिस मैदान में मुख्य अतिथि बनकर ध्वजारोहण करने का मौका बिलासपुर विधायक को मिलेगा मगर 5 दिन पहले ही राज्य सरकार ने बता दिया कि 26 जनवरी को बिलासपुर विधायक नही बल्कि जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू 26 जनवरी के समारोह के मुख्य अतिथि होंगे ।
राज्य सरकार के इस आदेश से बिलासपुर वासियों को यह समझ नही आ रहा कि आखिर बिलासपुर और बिलासपुर के विधायक के साथ ही बार बार ऐसा क्यों हो रहा ? वैसे ध्वजारोहण ताम्रध्वज साहू करे कि रश्मि सिह करे इससे व्यक्तिगत तौर पर किसी को कोई फर्क नही पड़ता और राष्ट्रीय पर्व के मुख्य अतिथि को लेकर कोई विवाद खड़ा करना उचित भी नही है मगर बिलासपुर की अनदेखी को लेकर शहर की जनता यदि सार्थक टिप्पणी न करे ये कैसे सम्भव है । कांग्रेस की गुटीय राजनीति से भी इस मुद्दे को जोड़कर देखा जा रहा है ।