बिलासपुर। बिलासपुर लोकसभा सीट से टिकट की मांग करते हुए 3 दिन पहले कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदने वाले प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य विष्णु यादव ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा की शरण ले ली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में वे भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान विष्णु यादव के साथ बिलासपुर, बेलतरा, बिल्हा और मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के कई लोगों ने भाजपा में प्रवेश किया।भाजपा प्रत्याशी तोखनराम साहू की नामांकन रैली के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बिलासपुर पहुंचे हुए थे। यहां उनकी मौजूदगी में विष्णु यादव ने बीजेपी में प्रवेश किया। नामांकन रैली के बाद जगन्नाथ मंगलम में कार्यकर्ताओं को सीएम विष्णुदेव साय ने संबोधित भी किया। इस मौके पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि अब दो-दो विष्णु पार्टी के लिए काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि विष्णु यादव ने नामांकन फॉर्म खरीदने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि बार-बार उनके साथ अन्याय हो रहा है। एक बार उनका नाम घोषित हो जाने के बाद टिकट में बदलाव कर दिया जाता है। वे पूर्व में एआईसीसी के डेलिगेट रह चुके हैं। बिलासपुर लोकसभा सीट से शुरू में विष्णु यादव को ही कांग्रेस से टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन ऐन वक्त पर देवेंद्र यादव के नाम की घोषणा हो गई। इसके बाद से कांग्रेस में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे। सबसे पहले पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष जगदीश कौशिक ने आमरण अनशन किया और इसके बाद विष्णु यादव कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदने पहुंच गए। 2 दिन पहले पूर्व पार्षद अखिलेश चंद्र और प्रदीप वाजपेयी ने भी कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदा था। पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू और विजय केशरवानी का दावा भी कोरा साबित हुआ विष्णु यादव की दावेदारी कितनी गंभीर थी। इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विष्णु के नाम पर ही बिलासपुर से यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने का निर्णय कांग्रेस आलाकमान ने लिया था। खबर है कि इसके बाद ऊपर के स्तर पर लॉबिंग हुई और ये बात राहुल गांधी तक पहुंचाई गई कि देवेंद्र यादव 17 शहरी सीटों से अकेले जीतने वाले युवा नेता हैं। इसके बाद टिकट बदल दिया गया । विष्णु यादव द्वारा बिलासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से नामांकन फॉर्म खरीदने के बाद संगठन के कान खड़े हो गए थे। कांग्रेस की संवाद एवं संपर्क समिति के अगुवा धनेंद्र साहू ने बिलासपुर पहुंचकर संगठन के नेताओं के साथ कांग्रेस भवन में बैठक की थी। इसके बाद रात में विष्णु यादव से उनके घर पहुंचकर उन्हें मनाने का प्रयास भी किया था। हालांकि विष्णु यादव ने उनकी बात नहीं मानी और बीजेपी ज्वाइन कर लिया।वैसे विष्णु यादव का भाजपा में जाना कोई आश्चर्य कर देने वाली बात नही है ।उसने जानबूझकर नामांकन फार्म खरीदा था जबकि कई धार्मिक कार्यक्रमों में वे उपमुख्यमंत्री अरुण साव और कई भाजपा नेताओ के साथ नजर आए तभी से अंदाजा हो गया था कि वह अब कांग्रेस में नही रह पाएगा और देर सबेर भाजपा की शरण में चला जायेगा ।